प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं से नए-नए कीर्तिमान रच रहे हैं और इसी क्रम में जुड़ गई है उनकी ताजा गुयाना यात्रा। प्रधानमंत्री ने नवम्बर 2024 में ब्राजील में आयोजित जी -20 शिखर सम्मलेन में अपना लोहा मनवाने के बाद गुयाना की यात्रा की जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की विगत 56 वर्षो के पश्चात की गई गुयाना यात्रा थी । गुयाना में प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया गया । गुयाना के दौरे में प्रधानमंत्री ने वहां की संसद को संबोधित किया तथा साथ ही गुयाना सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी प्रदान किया। गुयाना दक्षिण अमेरिका में एक छोटा सा देश है किंतु उसके विकास की सभवनाएं अनंत है क्योंकि वहां तेल व गैस के बड़े भंडार मिले हैं । प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा के दौरान भारत और गुयाना के मध्य कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। आर्थिक विकास के लिए भारत और गुयाना एक -दूसरे के लिए महत्वपूर्ण साझेदार हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुयाना पहुँचने पर भव्य स्वागत हुआ। गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली तथा प्रधानमंत्री मार्क एंथोनी फिलिप्स सहित उनकी कैबिनेट के 12 से अधिक मंत्रियों ने स्वयं एयरपोर्ट पहुंच कर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां पर बसे प्रवासी भारतीयों को भी संबोधित किया। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली साथ बैठक में दोनों देशों के बीच संबंधों का रणनीतिक दिशा देने पर चर्चा हुई।
वार्ता के बाद दोनों देशों में बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए हैं। इनमें हाईड्रोकार्बन, डिजिटल पेमेंट सिस्टम, फार्मास्युटिकल, कृषि और रक्षा क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुयाना भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा और इस क्षेत्र में दीर्घ साझेदारी के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया जायेगा । प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत गुयाना में जनऔषधि वितरण केंद्र भी खेलने जा रहा है। गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह नेताओ के बीच चैंपिंयन हैं। उनका प्रभावशाली नेतृत्व और विकासशील देशॉन में योगदान उन्हें विशेष बनाता है। अली ने आगे कहा कि मोदी की शासन शैली कमाल की है। गुयाना व अन्य देशों में इसकी प्रासंगिकता है और इसे अपनाया जाता है।
गुयाना मात्र साढ़े आठ लाख की आबादी वाला देश है जिसकी विकास यात्रा में भारतीय मूल के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जब भारत अंग्रेजों के आधीन था था तब अंग्रेज भारत के लोगों को काम करवाने के लिए बंधक बनाकर विदेश ले जाते थे आज का गुयाना ऐसे ही लोगों के परिश्रम से निर्मित हुआ। इस कारण भारत ओैर गुयाना के बीच एक सांस्कृतिक समभाव भी है। इसी आधार पर भारत और गुयाना के बीच सांस्कृतिक सम्बंधों को बढ़ावा देने के लिए तथा दोनो देशों की जनता के मध्य पारस्परिक संपर्क बढ़ाने के लिए भी एक बड़ा समझौता हुआ है।
गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली के साथ साथ वहां के कई कैबिनेट मंत्री भी भारतीय मूल के ही हैं। राष्ट्रपति इरफान अली के पूर्वज उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से गुयाना जाकर बस गये थे। गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “एक वृक्ष मां के नाम“ अभियान के अंतर्गत पौधरोपण भी किया। घनिष्ठ संबंधों के प्रमाण के रूप में प्रधानमंत्री मोदी को जार्जटाउन शहर की चाबी भी सौंपी गयी है।
ज्ञातव्य है कि गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने 2023 में भारत की यात्रा की थी और तब ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुयाना यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली अपने स्पष्ट विचारों के कारण वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण पहचान रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी उपस्थिति ने भारत और गुयाना के बढ़ते संबंधों को उजागर किया है। इरफ़ान अली का सबसे चर्चित पक्ष यह है कि उन्होंने यूरोपीय प्रभुत्ववादी और वामपंथी एजेंडा के खिलाफ मुखर आवाज उठाई है। इरफान अली का यह रुख न केवल गुयाना बल्कि अन्य विकासशील देशों के लिए भी एक प्रेरणा है। उनका यह दृष्टिकोण उन्हें वैश्विक मंच पर एक विशेष स्थान दिलाता है और भारत जैसे देशों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ बनाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुयाना यात्रा के एक अन्य महत्वपूर्ण चरण में 14 छोटे केरैबियाई देशों के समूह कैरीकाम – 2024 को भी संबोधित किया तथा इस समूह में शामिल देशों के प्रमुखों के साथ भारत की द्विपक्षीय वार्ताए भी हुई हैं। यह सभी कैरेबियाई देश भारत के साथ विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए इच्छुक हैं।इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी नेताओं के साथ आर्थिक सहयोग, कृषि और खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य ओैर दवाओं और विज्ञान नवाचार जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की है।
प्रधानमंत्री मोदी की गुयाना यात्रा कई दृष्टि से महत्वपूर्ण है जिसमें सबसे बड़ा कारण दोनों देशों की सुरक्षा चिंताएं हैं । विगत दिनों गुयाना में गैस व तेल का बड़ा भंडार मिला है और गुयाना की इस संपदा पर चीन और अमेरिका की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है, वैसे भी चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के कारण छोटे देशों को लालच देकर उन पर अपना नियंत्रण स्थापित करता ओैर उनकी प्राकृतिक संपदा को लूटता है । वहीं भारत के प्रधानमंत्री मोदी वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से इन देशों को अपना बनाने का प्रयास करते हैं यही कारण हैं कि भारत और प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान पूरे विश्व में बढ़ रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि गुयाना के एयरपोर्ट पर भारत के प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सहित पूरी कैबिनेट ही आ गयी और इरफान अली बहुत ही भावुक होकर प्रधनमंत्री मोदी से गले मिले। आज उनके स्वागत का वीडिओ चर्चा का विषय बना हुआ है। भारत की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के कारण ही गुयाना औेर बारबाडोस ने भारतीय प्रधानमन्त्री को अपने -अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जो क्रमश: “द आर्डर ऑफ एक्सीलेंस“ और “आनरेरी आर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस“ कहे जाते हैं ।
प्रेषक – मृत्युंजय दीक्षित
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