ज़ी टीवी ने 1992 में भारत का पहला प्राइवेट सैटेलाइट चैनल बनने के साथ अपनी यात्रा शुरू की, और पिछले 32 वर्षों में यह भारतीय टेलीविज़न इंडस्ट्री का एक प्रमुख स्तंभ बन गया है। इसकी यात्रा कई महत्वपूर्ण पड़ावों और उपलब्धियों से भरी रही है। ज़ी टीवी की 32 साल की यात्रा भारतीय टेलीविज़न के विकास का एक अभिन्न हिस्सा रही है। इसने मनोरंजन की दुनिया में नए मानदंड स्थापित किए और एक ऐसा मंच प्रदान किया, जहाँ भारतीय संस्कृति, परंपराएँ, और आधुनिकता का मेल देखने को मिला।
ज़ी टीवी (Zee TV) भारत का पहला निजी हिंदी मनोरंजन चैनल है, जिसकी शुरुआत 1992 में हुई थी। इसे सुभाष चंद्रा की कंपनी एस्सेल ग्रुप के तहत ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज द्वारा लॉन्च किया गया था। उस समय ज़ी टीवी ने भारतीय टीवी इंडस्ट्री में एक क्रांति ला दी थी, क्योंकि यह देश का पहला ऐसा चैनल था जो पूरी तरह से केबल और सैटेलाइट के माध्यम से उपलब्ध था।
ज़ी टीवी की पहुंच आज दुनिया भर में फैली हुई है, और यह लगभग 190 से अधिक देशों में देखा जाता है। ज़ी टीवी ने अपने इंटरनेशनल चैनल्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए भारतीय और अन्य दर्शकों को ग्लोबल स्तर पर जोड़ने का काम किया है।
1. शुरुआत और नई दिशा:
- ज़ी टीवी 2 अक्टूबर 1992 को लॉन्च हुआ, और यह भारत का पहला हिंदी एंटरटेनमेंट चैनल था, जिसने दर्शकों को सरकारी दूरदर्शन के अलावा एक विकल्प दिया। यह सैटेलाइट चैनल के माध्यम से देशभर में देखा जाने लगा।
- 1995: ज़ी टीवी ने अपने कंटेंट को और भी विविध किया और कई नए शो लॉन्च किए, जिसमें ज़ी हॉरर शो और अमानत जैसे कार्यक्रम शामिल थे। यह समय भारतीय टीवी के “स्वर्ण युग” के रूप में जाना जाता है, और ज़ी टीवी ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई।
- इसके पहले कुछ शोज़ जैसे “तारा,” “अमानत,” “बनेगी अपनी बात,” और “अंतरिक्ष” ने उस समय काफी लोकप्रियता हासिल की।
- ज़ी टीवी ने परिवारिक धारावाहिकों, टॉक शोज़, रियलिटी शोज़ और म्यूज़िक शोज़ के जरिए भारतीय दर्शकों को विविधतापूर्ण कंटेंट दिया।
- “सारेगामापा” और “डांस इंडिया डांस” जैसे रियलिटी शोज़ ने टैलेंट हंट की दिशा में नई मिसाल कायम की।
- इसके साथ ही, ज़ी टीवी ने पारंपरिक और सामाजिक मुद्दों पर आधारित शो जैसे “पवित्र रिश्ता,” “कुमकुम भाग्य,” “जोधा अकबर” इत्यादि दिखाए, जो बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचे और लंबे समय तक हिट रहे।
- ज़ी टीवी ने न केवल पारंपरिक टीवी पर अपनी पकड़ बनाई, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी तेजी से बढ़त हासिल की।
- ज़ी ने अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी5 लॉन्च किया, जो डिजिटल दर्शकों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। इससे दर्शकों को कहीं भी और कभी भी कंटेंट देखने का मौका मिला।
- ज़ी टीवी की पहुंच सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में फैली। ज़ी टीवी के इंटरनेशनल चैनल्स ने अमेरिका, यूके, मिडिल ईस्ट और अन्य देशों में भी भारतीय कंटेंट को दर्शकों तक पहुंचाया।
- इसने भारतीय संस्कृति और मनोरंजन को ग्लोबल पहचान दिलाई।
- ज़ी टीवी को पिछले 32 सालों में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा, खासकर जब नए-नए चैनल्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स मार्केट में आए। फिर भी ज़ी टीवी ने अपनी एक अलग पहचान बनाए रखी।
- चैनल ने समय-समय पर अपने कंटेंट और प्रोडक्शन में बदलाव किया ताकि वह नए दर्शकों की मांगों के अनुसार खुद को ढाल सके।
- ज़ी टीवी को न केवल दर्शकों से प्यार मिला, बल्कि इसे कई नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया।
- ज़ी टीवी इंटरनेशनल के तहत कई प्रमुख क्षेत्रों में इसके चैनल्स उपलब्ध हैं।
- उत्तर अमेरिका (यूएसए, कनाडा)
- यूरोप (यूके, जर्मनी, फ्रांस आदि)
- मिडिल ईस्ट (यूएई, सऊदी अरब आदि)
- एशिया (सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया)
- अफ्रीका (साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया)
इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म ZEE5 के ज़रिए भी दुनियाभर में लाखों दर्शक ज़ी टीवी के कंटेंट को ऑनलाइन देख सकते हैं।