प्राचीन भारतीय ऋषियों ने गणित, खगोलशास्त्र, और दर्शन में अभूतपूर्व योगदान दिया, लेकिन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारणों से कई खोजों का श्रेय विदेशी विद्वानों को मिला। आज भारतीय ग्रंथों का अध्ययन बढ़ने से इन योगदानों को पुनः मान्यता मिल रही है। प्राचीन भारत ने विज्ञान, गणित, चिकित्सा, और प्रौद्योगिकी में कई महत्वपूर्ण आविष्कार और खोजें कीं। नीचे प्रमुख आविष्कारों और खोजों की सूची दी गई है, साथ ही जहां संभव हो, संबंधित विद्वानों के नाम भी शामिल हैं:
शून्य (Zero)
विवरण: गणित में शून्य की अवधारणा और दशमलव प्रणाली का विकास प्राचीन भारत की देन है।
आविष्कारक: ब्रह्मगुप्त (7वीं शताब्दी) ने शून्य को गणितीय संख्याओं में व्यवस्थित रूप से उपयोग किया। आर्यभट्ट (5वीं शताब्दी) ने भी दशमलव प्रणाली में योगदान दिया।
दशमलव प्रणाली (Decimal System)
विवरण: संख्याओं को लिखने और गणना करने की आधुनिक दशमलव प्रणाली का आधार।
आविष्कारक: आर्यभट्ट और अन्य गणितज्ञों ने इसे विकसित किया।
पाई (π) का मान
विवरण: वृत्त की परिधि और व्यास के अनुपात की गणना।
आविष्कारक: आर्यभट्ट ने π का मान 3.1416 के रूप में अनुमानित किया, जो बहुत सटीक था।
आयुर्वेद (Ayurveda)
विवरण: चिकित्सा की प्राचीन प्रणाली, जिसमें जड़ी-बूटियों, सर्जरी, और जीवनशैली पर जोर दिया गया।
आविष्कारक: चरक (चरक संहिता, 2री शताब्दी ईसा पूर्व) और सुश्रुत (सुश्रुत संहिता, 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व)।
प्लास्टिक सर्जरी
विवरण: नाक और त्वचा की सर्जरी की तकनीकें, जिन्हें आज प्लास्टिक सर्जरी का आधार माना जाता है।
आविष्कारक: सुश्रुत, जिन्हें “शल्य चिकित्सा का जनक” कहा जाता है।
त्रिकोणमिति (Trigonometry)
विवरण: साइन (ज्या), कोसाइन, और अन्य त्रिकोणमितीय अवधारणाएं।
आविष्कारक: आर्यभट्ट और भास्कराचार्य (12वीं शताब्दी) ने त्रिकोणमिति को विकसित किया।
बीजगणित (Algebra)
विवरण: समीकरणों को हल करने की तकनीकें और बीजगणितीय अवधारणाएं।
आविष्कारक: आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, और भास्कराचार्य ने बीजगणित में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
खगोल विज्ञान (Astronomy)
विवरण: ग्रहों की गति, सूर्य और चंद्र ग्रहण की गणना।
आविष्कारक: आर्यभट्ट ने पृथ्वी की घूर्णन गति और सूर्य-केंद्रित मॉडल का सुझाव दिया। वराहमिहिर (6ठी शताब्दी) ने भी योगदान दिया।
लोहा और इस्पात निर्माण (Metallurgy)
विवरण: उच्च गुणवत्ता वाले इस्पात (वूट्ज़ स्टील) का निर्माण और दिल्ली का लौह स्तंभ, जो जंग-रोधी है।
आविष्कारक: प्राचीन भारतीय धातुकर्मियों का सामूहिक योगदान।
नौकायन और नेविगेशन
विवरण: समुद्री व्यापार के लिए नौकाओं और नेविगेशन तकनीकों का विकास।
आविष्कारक: सिन्धु घाटी सभ्यता (2500 ईसा पूर्व) और बाद के तटीय समुदाय।
बुद्धि गेम्स (Chess)
विवरण: शतरंज का प्रारंभिक रूप, जिसे “चतुरंग” कहा जाता था।
आविष्कारक: गुप्त काल (4-6वीं शताब्दी) में विकसित, विशिष्ट व्यक्ति अज्ञात।
कपास का वस्त्र और रंगाई
विवरण: सूती कपड़ों का निर्माण और प्राकृतिक रंगों का उपयोग।
आविष्कारक: सिन्धु घाटी सभ्यता (3300-1300 ईसा पूर्व) के कारीगर।
ज्योतिष और पंचांग
विवरण: समय गणना और कैलेंडर प्रणाली।
आविष्कारक: वराहमिहिर और अन्य ज्योतिषियों ने पंचांग को परिष्कृत किया।