वरिष्ठ टीवी पत्रकार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने उत्तराखंड के एक लोकगीत को अपने सुर दिए हैं। ‘जय जय हो देवभूमि’ टाइटल से नए रूप में लॉन्च होने जा रहे इस लोकगीत में आपको संपूर्ण उत्तराखंड के दर्शन हो जाएंगे। इस गीत को उत्तराखंड के मशहूर लोकगायक (अब दिवंगत) गोपाल बाबू गोस्वामी ने लिखा है।
रमेश भट्ट ने यह गीत और इसका विडियो ट्रेलर सोशल मीडिया पर शेयर किया है। ट्रेलर देखें तो पता चल जाता है कि जितने सुंदर इस गीत के बोल हैं, उतना ही सुंदर इसका चित्रण है। इस गीत में उत्तराखंड के अध्यात्म, धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन के साथ-साथ संपूर्ण उत्तराखंड के सौंदर्य को दर्शाया गया है।
पहली ही नजर में देखने और सुनने में गीत का य़ह ट्रेलर दर्शकों के दिलोदिमाग पर छा रहा है। इस गीत में उत्तराखंड के गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार बावर का बेहतरीन चित्रण है। देवभूमि के चारों धामों के साथ ही गीत में तमाम छोटे-बड़े प्रसिद्ध सिद्धपीठों और पर्यावरणीय संतुलन का भी सजीव चित्रण है। गीत में उच्च हिमालयी क्षेत्र और यहां के जीवन के अदभुत दर्शन होते हैं।
अगर आपको भी उत्तराखंड के ‘संपूर्ण दर्शन’ सिर्फ 6 मिनट में करने हैं तो आप इस गीत को जरूर देखें। तड़क भड़क और डांसिंग मूड के गीतों के इस दौर में ‘जय जय हो देवभूमि’ गीत जहां प्रवासी पर्वतीय लोगों को लौटने का संदेश देता है वहीं विश्व को देवभूमि उत्तराखंड के सजीव दर्शन भी कराता है। गीत में संगीत संजय कुमोला ने दिया है जबकि इसका वीडियो निर्देशन अरविंद नेगी ने किया है। गीत में अभिनय खुद रमेश भट्ट ने किया है।
इस बारे में रमेश भट्ट का कहना है कि वे विभिन्न मंचों पर उत्तराखंड के लोकगीतों को वर्षों से गाते आए हैं, लेकिन यह पहला मौका है, जब किसी गीत को प्रोफेशनल तरीके से स्टूडियो में गाया है और इसका फिल्मांकन कर म्यूजिक इंडस्ट्री में लॉन्च किया जा रहा है।
उन्होंने गीत के रचनाकार स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी को अपना प्रेरणास्रोत बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। इसके साथ ही इस गीत को गाने की अनुमति देने के लिए उनकी धर्मपत्नी मीरा गोस्वामी का भी आभार जताया है। गीत के फिल्मांकन और सहयोग के लिए पटवाल फिल्म्स का भी शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने भरोसा जताया कि यह गीत लोगों को काफी पसंद आएगा।
साभार- https://www.samachar4media.com/ से