वेदों और उपनिषदों में सीधे “नए वर्ष” की बधाई के लिए श्लोक नहीं मिलते, क्योंकि वैदिक और उपनिषदिक काल में ऐसा आधुनिक “नए वर्ष” का संकल्प नहीं था। लेकिन इन ग्रंथों में जीवन, समृद्धि, आरोग्य, और शुभता के लिए कई श्लोक मिलते हैं, जिन्हें नए वर्ष की शुभकामनाओं के संदर्भ में उपयोग किया जा सकता है।
इन श्लोकों में जीवन के हर पहलू के लिए प्रार्थना है—दीर्घायु, समृद्धि, शांति, और मंगलमय जीवन। इन्हें नए वर्ष की शुभकामनाओं के लिए उपयोग करना वैदिक परंपरा के साथ जुड़ने का एक सुंदर और आध्यात्मिक तरीका है।
हालांकि ये कैलेंडर वर्ष है जिसमें अंग्रेजी तारीख के हिसाब से वर्ष बदल रहा है। लेकिन हम अपने विक्रम संवत् के हिसाब से तो वर्ष 2081 में प्रवेश कर चुके है।
इसी भावना को व्यक्त करता ये श्लोक है-
अयं नूतन आंग्लवर्ष: भवत्कृते
भवत्परिवारकृते च मंगलमयः ।
क्षेमस्थैर्यारोग्यैश्वर्याभिर्वृद्धिकारकः
भवतु इति प्रार्थना एवं शुभेच्छाः ।।
न भारतीयो नववत्सरोSयं
तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् ।
यतो धरित्री निखिलैव माता
तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।।
पाश्चातनववर्षस्यहार्दिकाःशुभाशयाः समेषां कृते ।।
यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नहीं है। तथापि सबके लिए कल्याणप्रद हो ; क्योंकि सम्पूर्ण पृथ्वी हमारी माता ही है और विश्व का हर व्यक्ति हमारा बंधु-बांधव है।
सर्वजन सुख और समृद्धि के लिए (यजुर्वेद)
“ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।।”
(अर्थ: सभी सुखी हों, सभी निरोगी रहें, सभी मंगलमय घटनाएँ देखें और कोई भी दुःख का भागी न हो।)
आशा और प्रेरणा के लिए श्लोक
“आयु: शुभं यशः शक्ति:
बुद्धिः श्रीर्बलं सुखम्।
देहि मे जगतां नाथ
नववर्षे नवीनताम्।”
यह श्लोक विशेष रूप से नववर्ष की नई शुरुआत के लिए उपयुक्त है, जिसमें जीवन की ऊर्जा और नवीनता की कामना की गई है।
“वर्षं नवं हि मंगलमयम्,
आनन्ददं सुखप्रदम्।
नूतनं वर्षमायातु,
सर्वत्र विजयप्रदम्।”
यह श्लोक एक सुंदर तरीके से नववर्ष के स्वागत और शुभता की अभिव्यक्ति करता है।
संपन्नता और उन्नति के लिए (यजुर्वेद)
“पयोऽस्मासु धेयम्
श्रीश्च देव्यधिवसो दधातु।”
(अर्थ: हमें जीवन में समृद्धि प्राप्त हो और देवी लक्ष्मी हमें आशीर्वाद दें।)
जीवन की सकारात्मकता और शुभता के लिए (ऋग्वेद)
“आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः।”
(अर्थ: चारों दिशाओं से हमारे जीवन में केवल शुभ विचार और ऊर्जा आएँ।)
संसार की मंगलकामना के लिए (उपनिषद)
“ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय।।”
(अर्थ: हमें असत्य से सत्य की ओर ले चलो, अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो और मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो।)
ऋतु परिवर्तन और नवीन ऊर्जा के लिए (ऋग्वेद)
“सम्राज्यं भोज्यं स्वाराज्यं
वैराज्यं पारमेष्ठ्यं राज्यं
महाराज्यमधिपत्यमैष्याम्।”
(अर्थ: यह वर्ष सभी के लिए सर्वोत्तम शासन, समृद्धि और आनंद का प्रतीक बने।)
मंगलकारी वर्ष के लिए प्रार्थना (ऋग्वेद)
“इदं वर्षं मधुमयं भवतु।
सर्वे जनाः सुखिनो भवन्तु।”
(अर्थ: यह वर्ष सभी के लिए मधुर और मंगलमय हो, और सभी लोग सुखी हों।)
दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए
“शतमानं भवति शतायु: पुरुष: शतम्।
शतं चन्द्रा अंकमाना: शतम्।”
(अर्थ: आप सौ वर्षों तक जीएँ, दीर्घायु और सुखद जीवन प्राप्त करें। आपका जीवन चंद्रमा के समान शीतल और शांत हो।)
सुख-शांति और आरोग्य के लिए
“आरोग्यम् भास्करादिच्छेत्
श्रीं इच्छेत् विष्णुमालयात्।
सम्पतिं शंकरादिच्छेत्
मोक्षं इच्छेत् जनार्दनात्।।”
(अर्थ: स्वास्थ्य के लिए सूर्य की पूजा करें, लक्ष्मी और समृद्धि के लिए विष्णु की प्रार्थना करें। धन और सुख के लिए शिव की आराधना करें और मोक्ष के लिए भगवान नारायण का ध्यान करें।)
सर्व मंगल और कल्याण के लिए
“मांगल्यं तनुतां तेषां
श्रीरामाय नमोऽस्तु ते।
सर्वेषां मंगलं भूयात्
सर्वेषां शुभमस्तु नित्यम्।”
(अर्थ: भगवान राम सभी को मंगल प्रदान करें। सभी का जीवन हमेशा शुभ और मंगलमय हो।)
नववर्ष की नई ऊर्जा और सफलता के लिए
“सुखार्थिन: कुतो धर्म:
धर्मार्थिन: कुतो सुखम्।
जहीहि तृष्णां यो भद्रं
तस्मिन् स्थिरो भवे।”
(अर्थ: जो धर्म चाहता है, उसे सच्चा सुख मिलता है। लालसा को त्यागकर जीवन में स्थिर और शुभ रहो।)
शांति और समृद्धि का आशीर्वाद
“शान्तिः शान्तिः शान्तिः,
सर्वत्र शुभमस्तु।
नूतनं वर्षं जयमयम्,
सर्वे भवन्तु सुखिनः।”
(अर्थ: सब ओर शांति हो, सभी के जीवन में शुभता हो। नया वर्ष सभी के लिए विजयी और आनंदमय हो।)
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु।।
सब लोग कठिनाइयों को पार करें, सभी का कल्याण हो, सभी की मनोकामनाएँ पूर्ण हो, सभी हर परिस्थिति में आनंदित हों।
नववर्ष में उन्नति और विजय के लिए
“जयन्ति ते सुकृतिनः
रससिद्धाः कृतश्चिता।
नूतन वर्षे सदा हि
सिद्धिं कुरु कृपानिधे।”
(अर्थ: अच्छे कर्म करने वालों को विजय और सिद्धि प्राप्त होती है। हे कृपा के सागर, इस नए वर्ष में सभी को सिद्धि और सफलता प्रदान करें।)
सकारात्मकता और अच्छे जीवन के लिए
“दुर्गाणि दुर्गतोऽत्यन्तं
सर्वेषां मंगलं सदा।
नूतनं वर्षं भद्रं अस्तु,
जीवनं सफलं भवेत्।”
(अर्थ: नए वर्ष में सभी बाधाएँ दूर हों, हर किसी के लिए मंगलमय जीवन हो और सफलता प्राप्त हो।)
आशासे त्वज्जीवने नवं वर्षम् अत्युत्तमं शुभप्रदं स्वप्नसाकारकृत् कामधुग्भवतु।
मुझे उम्मीद है कि नया साल आपके जीवन का सबसे अच्छा साल होगा। आपके सभी सपने सच हों और आपकी सभी आशाएँ पूरी हों।
अवतु प्रीणातु च त्वां भक्तवत्सलः ईश्वरः।
भगवान आपकी सुरक्षा करें और आप पर कृपा बनाएं रखे। नववर्ष की शुभकामना!
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु । सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु ॥
अर्थ: सब लोग कठिनाइयों को पार करें, कल्याण ही कल्याण देखें, सभी की मनोकामना पूर्ण हो, सभी हर परिस्थिति में आनंदित हो।
आशासे त्वज्जीवने नवं वर्षम् अत्युत्तमं शुभप्रदं स्वप्नसाकारकृत् कामधुग्भवतु।
मैं आशा करता हूँ कि नया वर्ष आपके जीवन में बहुत अच्छा, शुभ और सपनों को पूरा करने वाला हो।
ब्रह्मध्वज नमस्तेऽस्तु सर्वाभीष्टफलप्रद । प्राप्तेऽस्मिन् वत्सरे नित्यं मद्गृहे मङ्गलं कुरु ॥
हे ब्रह्मध्वज, जो सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाले हो, मैं आपको नमस्कार करता हूँ। इस नए वर्ष में हमेशा मेरे घर में मंगलमय वातावरण बनाए रखें।
आपृच्छस्व पुराणम् आमन्त्रयस्व च नवम् आशा-सुस्वप्न-जिगीषाभिः।नववर्षशुभाशयाः
पुराने वर्ष को अलविदा कहकर आशा, सपने और महत्वाकांक्षा से भरे नए वर्ष को गले लगाओ। आपको नए वर्ष की हार्दिक बधाई!
अन्य कुछ छोटे और मंगलमय वाक्य:
नववर्षस्य शुभाशयाः। (नए वर्ष की शुभकामनाएं।)
नववर्ष नवोत्साहं ददातु। (नया वर्ष नया उत्साह प्रदान करे।)
नववर्ष नवहर्षम् आनयतु। (नया वर्ष नया हर्ष लाए।)
अत्यद्भुतं ते भवतु अग्रिमं वर्षम्।
आने वाला साल आपके लिए अच्छा हो! नववर्ष की शुभकामनाएं।
इन श्लोकों का उपयोग करके आप अपने प्रियजनों को नए साल की शुभकामनाएं दे सकते हैं।