संस्कृत साहित्य में होली का प्रत्यक्ष उल्लेख कम मिलता है, लेकिन बसंत ऋतु, फाल्गुन मास, और राधा-कृष्ण की रासलीला से जुड़े श्लोकों में इसका सुंदर वर्णन मिलता है। होली के मूल तत्व – रंग, उमंग, और प्रेम – को दर्शाने वाले कुछ संस्कृत श्लोक नीचे दिए गए हैं:
- फाल्गुन मास और वसंत ऋतु का वर्णन
ऋतुराज वसंत के सौंदर्य का चित्रण:
“मुकुलानि पुष्पाणां जातानि च पादपे पादपे।
कुसुमैः सुसुगन्धिभिः पूरिता वसुधा किल॥”
अर्थ: प्रत्येक वृक्ष पर फूलों की कलियाँ खिल रही हैं, सुगंधित पुष्पों से पूरी पृथ्वी भर गई है।
- राधा-कृष्ण की होली (रासलीला का वर्णन)
होली के रंग और प्रेम का चित्रण:
“रङ्गबिन्दुं राधया, श्रीकृष्णस्य च लीलया।
फाल्गुने हर्षयुक्ताः, खेलन्ति सखिभिः सह॥”
अर्थ: फाल्गुन मास में राधा और श्रीकृष्ण प्रेमपूर्वक सखाओं के साथ रंगों की होली खेल रहे हैं।
- होली में हंसी-मजाक और मस्ती
हास-परिहास और प्रेम का चित्रण:
“रक्तपीतसितैः वर्णैः, प्रक्षिपन्ति परस्परम्।
हसन्ति गायन्ति चापि, होलिकायां जनाः सुखम्॥”
अर्थ: लोग लाल, पीले, और सफेद रंगों को एक-दूसरे पर डालते हैं, हँसते हैं, गाते हैं, और होली में आनंद लेते हैं।
- भक्तिमय होली
प्रभु की भक्ति में रंग जाने का संदेश:
“स्नेहं कुरु जनानां, रागं कुरु केशवे।
होली क्रीडा यस्यां, भक्तिरेकं मनोरथः॥”
अर्थ: लोगों से स्नेह करो, केशव (श्रीकृष्ण) में अनुराग रखो, होली केवल रंगों की नहीं बल्कि भक्ति की भी क्रीड़ा है।
- प्रेम और रंगों की महिमा
सभी को प्रेम से जोड़ने वाला पर्व:
“रागरञ्जितवर्णानि, यत्र हर्षप्रसङ्गिताः।
होलिकायां जनाः सर्वे, सम्मिलन्ति परस्परम्॥”
अर्थ: रंगों से रँगे हुए लोग होली के अवसर पर हर्ष और प्रेम के साथ एक-दूसरे से मिलते हैं।
0हिंदी फिल्मों में होली के गाने बहुत ही खास होते हैं, क्योंकि वे रंग, मस्ती और उमंग से भरे होते हैं। होली के इन गीतों ने न केवल फिल्मों को यादगार बनाया है, बल्कि हर साल होली के मौके पर इन्हें सुनना और इन पर नाचना भी एक परंपरा बन गया है।
कुछ प्रसिद्ध होली गीत:
“होली के दिन दिल खिल जाते हैं” – शोले (1975)
गायक: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
यह गाना होली के जोश और प्यार को दिखाता है।
“रंग बरसे भीगे चुनरवाली” – सिलसिला (1981)
गायक: अमिताभ बच्चन
यह गाना आज भी हर होली पार्टी का सबसे बड़ा आकर्षण होता है।
“आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली” – कटी पतंग (1970)
गायक: किशोर कुमार, लता मंगेशकर
इसमें रोमांस और मस्ती का बेहतरीन संगम देखने को मिलता है।
“अरे जा रे हट नटखट” – नवरंग (1959)
गायक: आशा भोसले, महेंद्र कपूर
यह गाना पुराने जमाने की होली के रंग को दर्शाता है।
“होली आई रे कन्हाई” – मदर इंडिया (1957)
गायक: शमशाद बेगम
इस गाने में ग्रामीण भारत की होली की झलक देखने को मिलती है।
“बलम पिचकारी” – ये जवानी है दीवानी (2013)
गायक: विशाल ददलानी, शाल्मली खोलगड़े
यह मॉडर्न होली सॉन्ग में सबसे ज्यादा सुने जाने वाले गानों में से एक है।
“डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली” – वक्त: द रेस अगेंस्ट टाइम (2005)
गायक: अनुराधा श्रीराम, सुनिधि चौहान
यह गाना एक मस्ती भरा डांस नंबर है।
“होली में उड़ गए रंग” – बागी 2 (2018)
गायक: मीका सिंह, नेहा कक्कड़
यह हाल के वर्षों का एक हिट होली गीत है।
विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख होली लोकगीत
- ब्रज की होली (मथुरा-वृंदावन)
ब्रज की होली राधा-कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी होती है और यहां “लठमार होली” भी प्रसिद्ध है। यहां के लोकगीत रसिया और फाग गीत कहलाते हैं।
प्रसिद्ध गीत:
“कान्हा बरजे तेरी बाट, होरी में कैसे आऊँ…”
“फागुन आयो रे, रंग झरयो रे…”
- अवध और भोजपुरी क्षेत्र की होली
यहां की होली में मस्ती और हंसी-ठिठोली होती है। भोजपुरी लोकगीतों में रंग, भांग, प्रेम और हंसी-मजाक का भरपूर मिश्रण होता है।
प्रसिद्ध गीत:
“फागुनवा में हरि संग खेले होरी…”
“होली खेले रघुबीरा अवध में…” (राम और सीता की होली का वर्णन)
“गारी गावत भौजी, ससुरारी में…” (ननद-भाभी की होली पर आधारित)
- उत्तर प्रदेश और बिहार की होरी
यहां के गीतों में कृष्ण, राम और शिव की होली का वर्णन होता है, साथ ही हंसी-मजाक भी खूब रहता है।
प्रसिद्ध गीत:
“जोगीरा सा रा रा रा…” (मजाकिया फगुआ गीत)
“कहे तोसे सजना ये होली में…”
- राजस्थान की होली
राजस्थान में होली के गीतों में राजस्थानी संस्कृति, मीरा के भजन और मीराबाई की कृष्ण भक्ति की झलक मिलती है।
प्रसिद्ध गीत:
“रंग मत डारो रे सांवरिया…”
“मेरो रंगीलो मारो ढोलना…”
- मध्य प्रदेश और मालवा क्षेत्र की होली
यहां के होली गीतों में आदिवासी संस्कृति की झलक मिलती है।
प्रसिद्ध गीत:
“धूम मचाई होरी रे…”
- हरियाणा और पंजाब की होली
यहां के होली गीतों में तेज धुन और भांगड़ा की झलक होती है।
प्रसिद्ध गीत:
“फगुआ गाई गइली…”
“होली आई रे…”
- बंगाल की होली (दोल पूर्णिमा)
बंगाल में होली को “दोल जात्रा” कहा जाता है और यहां रवींद्र संगीत में होली के गीत लोकप्रिय हैं।
प्रसिद्ध गीत:
“ओरे गोरी, खेले होली, श्याम संग…”
“रंग बरसे छाए बदरा…” (रवींद्रनाथ टैगोर का प्रसिद्ध गीत)