22 फरवरी, 2025 को , अमेरिका के टेम्पल सिटी में जो की कैलिफोर्निया में स्थित है , 81वें वार्षिक टेम्पल सिटी कैमेलिया फेस्टिवल परेड का आयोजन लास टुनस ड्राइव पर किया गया। जिसमें झांकियों, बैण्ड और सामुदायिक भावना का जीवंत प्रदर्शन किया गया। प्रति वर्ष इस परेड की थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष की थीम थी “संगीत”। इसी थीम पर आधारित दृश्यों को दर्शाते हुए फ्लोट्स को सजाया था। इस परेड के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बनता था।
इस वर्ष कैमेलिया फैस्टिवल में सैन गेब्रियल वैली हिन्दू अमेरिकन समुदाय द्वारा बनायीं गयी फ्लोट भी शामिल थी, जिसने अपने जटिल डिजाइन और सांस्कृतिक महत्व के लिए मेयर की ट्रॉफी जीती। फ्लोट एक शानदार पुष्प रचना थी, जिसमें पूरी तरह से कैमेलिया के फूलों ,उसकी पत्तियों उसकी टहनियों का प्रयोग किया गया था। कैमेलिया के सभी रंगों के पुष्पों का इसमें उपयोग किया गया था जैसे गुलाबी, लाल, सफेद इत्यादि। यह फ्लोट एक मंदिर लग रही थी। संरचना को गोलाकार और मेहराब जैसे पैटर्न से सजाया गया था, जो परंपरा और एकता का प्रतीक था, जबकि माला और पंखुड़ियों ने इसकी कलात्मक को बढ़ाया। सजावट के आलावा इसकी स्थिरता पर भी ध्यान दिया गया था। फ्लोट में सभी प्राकृतिक वस्तुओं का ही उपयोग किया गया था। जिसमें फूल, पत्ते, छाल, तना, जड़ें और बीज शामिल हैं। चूरा और राख का भी इस्तेमाल किया गया, जिससे विविध प्रकार की सामग्री प्रदर्शित हुई।
फ्लोट का मुख्य आकर्षण इसका विषय “संगीत ” का होना था , जो हिन्दू संगीत और कला की समृद्ध विरासत का जश्न मनाता था। इस प्रदर्शनी में पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों को दर्शाया गया था।
जिन वाद्य यंत्रों को जिनमें शामिल किया गया था वह है:
वीणा – एक बड़ा, लाल फूलों वाला तार वाला वाद्य यंत्र, जिसे सफेद और गुलाबी फूलों से सावधानीपूर्वक सजाया गया है।,तबला – लाल और सफेद फूलों से ढका ड्रम का एक सेट, जिसमें विस्तृत ड्रमहेड डिज़ाइन हैं। बासुरी (बांसुरी), हारमोनियम, मृदंगम और ढोल – विभिन्न क्षेत्रों में संगीत वाद्ययंत्रों की विस्तृत विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इन तत्वों ने भारत की विविध संगीत परंपराओं को श्रद्धांजलि देते हुए एक सांस्कृतिक और कलात्मक की कड़ी को मजबूत किया। फ्लोट पर मंदिर की पृष्ठभूमि और ओम का प्रतीक बनाया गया था। हिंदू संगठनों और कलात्मक परंपराओं की अपनी साझा विरासत का जश्न मनाने में ,एकता को दर्शाता है।
फ्लोट का निर्माण कई हिंदू संगठनों के संयुक्त प्रयासों से किया गया था, जिनमें शामिल हैं: “हिन्दू स्वयंसेवक संघ (HSS)” – दो LA अध्याय, “हिन्दू टेम्पल एंड हैरिटेज फाउंडेशन (HTHF)” । इनके सदस्यों ने मिलकर एक ऐसा डिज़ाइन बनाया जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों से संगीत और कलाओं की विविधता को दर्शाता है। रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान पहने प्रतिभागियों ने फ्लोट के साथ-साथ शास्त्रीय नृत्य और लोग नृत्य प्रस्तुत किए, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उत्सव में चार चांद लगा दिए। जय श्री राम ,और संगठन में शक्ति है के नारों से पूरा वातावरण गुंजित हो गया। सारे दर्शक हाथ हिला रहे थे तो नमस्ते भी कर रहे थे। यह फ्लोट जहाँ से भी गुजर रही थी। राम मय वातावरण सा बनाती जा रही थी। दर्शकों में भारतीय परिधानों को ले कर भी काफी उत्साह देखने को मिला । फ्लोट के पीछे ढोल भी बजाया जा रहा था। इस पैरेड में हिन्दू स्वयंसेवक संघ के बच्चों का एक बैंड भी था। जो दर्शकों के द्वारा बहुत पसन्द किया गया। यह बैंड बच्चों की मेहनत और उनके लगन का प्रतीक था।
फ्लोट को बनाने में बहुत से स्वयं सेवकों की दिन रात की मेहनत लगी थी। फ्लोट का डिज़ाइन मुख्यतः इन्द्राणी जी ने बनाया था।
यहाँ बताती चलूँ कि फरवरी के आखिरी सप्ताहांत में हर साल आयोजित होने वाला टेंपल सिटी कैमेलिया फेस्टिवल एक बहुत ही लोक प्रिय परंपरा है जो समुदायों को संस्कृति, एकता और कैमेलिया फूल की सुंदरता का जश्न मनाने के लिए एक साथ लाता है। इस वर्ष इस फेस्टिवल में १६ बैंड ७ फ्लोट शामिल थे। मैट बयार आउट उनकी टीम हर साल इस फैस्टिवल का आयोजन करते हैं। गौर तलब है कि पहला कमेलिया फेस्टिवल सन 1944में आयोजित हुआ था। श्रीमती राल्फ सौन्डर्स ने स्लोगन दिया “Temple City Home of Camellias” .,जो उस समय विजेता रहा था। तभी से यह परम्परा लगातार चली आ रही है।
Rachana Srivastava




Media Reporter, Writer, and Poetess
Los Angeles, CA





