उम्र के चौथे साल में ही अपनी आंखों की रोशनी खो देने वाले 12 वर्षीय नवनीत ने वो कर दिखाया है जिसकी उम्मीद कोई नहीं कर सकता। अपनी कड़ी मेहनत और लगन से उसने पेरियार नदी को 12 मिनट में पार करने का रिकार्ड बना दिया।
कोच्चि के नवनीत ने अपनी मेहनत और समर्पण के बदौलत अदवैथाश्रमम (Adwaithasramam) और मनलपुरम के बीच 200 मीटर लंबी नदी को 12 मिनट में पार किया। वहां मौजूद लोगों ने उसका उत्साहवर्धन भी किया।
नवनीत अभी 8 वीं क्लास में है और कुछ महीनों पहले ही उसने तैराकी सीखने की शुरुआत की है। नवनीत के कोच साजी वलारेसिल ने कहा कि उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान नवनीत में मानसिक और शारीरिक तौर पर कई बदलाव देखे हैं
उसने मेरे इशारों को बेहतर तरीके से समझा और 12 दिन की स्पेशल ट्रेनिंग के दौरान उसने बहुत ही बेहतर रिस्पॉंस दिया। साजी ने कहा कि नदी का बहाव भूतथानकेतु बैराज के पास ज्यादा तेज होता है लेकिन नवनीत के हिम्मत और आत्मविश्वास ने उससे इतने बड़े चैलेंज को आसानी से निपटने के लिए प्रेरणा दी है।
नवनीत की तैराकी के दौरान उसके कोच साजी भी उनके साथ थे। साजी ने अब तक लगभग 550 बच्चों को तैराकी सिखाई है लेकिन वो फिर भी नदी की लंबाई और चौड़ाई से डर रहे थे, लेकिन नवनीत के आत्मविश्वास के आगे वो डर बौना साबित हुआ।
नवनीत को साजी ने उनके पिता सुनील कुमार के कहने पर ट्रेनिंग दी। नवनीत के पिता कृषि विभाग में कार्यरत हैं। सुनील ने कहा कि मैं हमेशा चाहता हूं कि वो हमेशा एक सामान्य जीवन जिए, इसलिए मैं इसे तैराकी और ब्लाइंड क्रिकेट सिखाने के साथ-साथ के बाद तबला वादन की भी ट्रेनिंग दिला रहा हूं।
साभार- द हिन्दू से