रिपोर्ट्स के मुताबिक, कविनगर थानाक्षेत्र के निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने समय में एक सफल कारोबारी थे और उनकी करीब 20 करोड़ रुपये की संपत्ति उनकी 30 वर्षीय बेटी के नाम थी। बुजुर्ग के अनुसार, फराज ने संपत्ति पर कब्जा करने के उद्देश्य से उनकी बेटी को प्रेमजाल में फंसाया। उसने खुद को अविवाहित बताते हुए शादी का झांसा दिया और बेटी का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण किया।
बुजुर्ग ने बताया कि फराज ने कर्ज में डूबा होने की बात कहकर उनकी बेटी से लाखों रुपये ऐंठ लिए। कुछ समय बाद युवती का व्यवहार बदलने लगा। 14 नवंबर को जब बुजुर्ग अपनी बेटी के कमरे में गए, तो उन्होंने उसे इस्लाम मजहब से संबंधित गतिविधियाँ (नमाज पढ़ते हुए) करते हुए देखा। यह देखकर बुजुर्ग को गहरा आघात पहुँचा और उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। इसके बाद उन्हें दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
शिकायत में बुजुर्ग ने यह भी बताया कि 15 नवंबर को जब वह आईसीयू में भर्ती थे, तब फराज अतर उनकी बेटी के साथ अस्पताल पहुँचा। उसने उनके सामने बेटी का हाथ माँगते हुए शादी का प्रस्ताव रखा। बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि फराज ने उनकी गंभीर स्थिति का फायदा उठाकर उन्हें शादी के लिए हाँ करने पर मजबूर कर दिया।
इतना ही नहीं, फराज ने भाई कासिफ के कहने पर उनसे एक कागज पर हस्ताक्षर कराए, जिसमें लिखा था कि बेटी की दूसरे धर्म के युवक से शादी पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। फराज ने भाई को सुप्रीम कोर्ट का वकील बताकर अपनी बात मनवाई और बुजुर्ग को बेटी की कसम देकर यह निर्देश दिया कि वह किसी अन्य परिजन को इस बारे में न बताएँ।
बुजुर्ग के अनुसार, उनकी बेटी ने उन्हें बताया था कि फराज ने न सिर्फ उसकी संपत्ति हथियाने की कोशिश की बल्कि उसका धर्म परिवर्तन कराने के लिए भी दबाव बनाया। उसने युवती को दूसरे धर्म के रीति-रिवाज और धार्मिक किताबें पढ़ने के लिए मजबूर किया। फराज ने एक विशेष ट्यूशन लगवाकर युवती को धर्मांतरण की प्रक्रिया से गुजरने को बाध्य किया।
पीड़ित पिता ने यह भी आरोप लगाया कि फराज ने उनकी बेटी को नशे की लत लगा दी। मंकी डस्ट जैसे घातक नशे का इस्तेमाल कर वह उसे बेसुध करता और फिर दुष्कर्म करता।
24 नवंबर को फराज ने युवती और उसके पिता को कौशांबी के एक होटल में बुलाया और अपने परिवार के सदस्यों से मिलवाया। होटल का पूरा खर्च युवती से ही दिलवाया गया। इस मुलाकात के बाद युवती ने शादी के दस्तावेज तैयार करवाए, लेकिन फराज ने शादी की तारीख टालने का बहाना बनाना शुरू कर दिया।
10 दिसंबर को युवती ने अपने पिता को बताया कि फराज ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि जब तक संपत्ति उसके नाम नहीं होती, वह शादी नहीं करेगा। इस बात से आहत युवती ने 11 दिसंबर को अपने चंद्रपुरी स्थित घर में खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली।
डीसीपी सिटी राजेश कुमार के अनुसार, “शाहदरा निवासी फराज अतर, उसके भाई कासिफ, माँ माहे तलत, बहन सना समेत अन्य के खिलाफ दुष्कर्म, धर्मांतरण, आत्महत्या के लिए उकसाने और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।”
बुजुर्ग पिता ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने की माँग की है। उनका कहना है कि फराज और उसके परिवार ने उनकी बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी और अंत में उसे अपनी जान गँवाने के लिए मजबूर कर दिया।