Friday, May 3, 2024
spot_img

Monthly Archives: December, 2018

शंकरा आई फाउण्डेशन ने दानदाताओं के साथ बिताई यादगार शाम

आपको कैसा महसूस हो रहा है। वहाँ मौजूद लोगों ने ऐसा किया भी। फिर उन्होंने कहा कि थोड़ी देर अँधेरा हमसे सहा नहीं जाता तो सोचिये

राष्ट्रवाद अब विचार के बजाय नारे लगाने और हमला करने का हथियार बन रहा!

प्रोफेसर अपूर्वानन्द ने कहा कि यह पुस्तक एक खास क्षण की उपज थी और वह क्षण विश्वविद्यालय का चुना हुआ नहीं था, उसकी बाध्यता थी उस क्षण की चुनौती को स्वीकार करना।

शिक्षा के लिये क्राउडफंडिंग की रोशनी

के लिए क्राउडफंडिंग अहम भूमिका निभा सकती है। क्योंकि क्राउडफंडिंग से भारत में दान का मतलब सिर्फ गरीबों और लाचारों की मदद करना समझते आ रहे हैं जो कि अब कला, विज्ञान,

हिंदुओं के हित के लिए सुविधाजनक नहीं चुनौतीपूर्ण मुद्दों को सामने लाएँ

उन्हें अपने दलीय सहयोगियों पर भी विश्वास न रहा। समाज के जानकारों, अनुभवियों की तो दूर रही।

दुष्यंत संग्रहालय का तीन दिवसीय स्थापना समारोह ‘प्रणाम : 2018’ 28 दिसम्बर से

इस वर्ष 14 साहित्य मनिषियों को प्रदान किए जाने वाले अलंकरणों में राष्ट्रीय खाति के साहित्यकार पद्मश्री नरेन्द्र कोहली के साथ ही

प्रदीप श्रीवास्तव को “विद्यावाचस्पति” सम्मान

उल्लेखनीय है कि श्री श्रीवास्तव पिछले तीन दशकों से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं। उत्तर प्रदेश हरियाणा, दिल्ली, असम, महाराष्ट्र एवं आंध्र आंध्र प्रदेश के विभिन्न

भारत के तीन युवा वैज्ञानिक जिनका काम दुनिया की तीन बड़ी चुनौतियों का हल दे सकता है

भारत के इन तीनों विजेताओं का कहना था कि उन्हें पहली बार जर्मनी आने का मौक़ा मिला है. दो हफ्ते में उन्हें बहुत-से नामी शोध संस्थाऩों और विश्वविद्यालयों में जाने और

गहलोत की पिक्चर तो अभी शुरू हुई है !

राष्ट्रीय परिदृश्य़ में देखें, तो निश्चित रूप से गहलोत का कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं और देश के अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ गजब का समन्वय है।

‘अवास्तविक’ निवेश के आगे दम तोड़ रहे हैं भारतीय व्यवसाय

इसमें कोई दो मत नहीं है की वर्तमान स्थिति में भारतीय ग्राहकों केलिए उबर का इस्तेमाल करना फ़ायदेमंद साबित हो रहा है लेकिन तब क्या जब हवाईअड्डे जाने के लिए हमारे पास कोई अन्य टैक्सी नहीं होगी ?

तेरह साल का आदित्य राजेश दुबई में साफ्टवेअर कंपनी का मालिक बना

आदित्य ने दुबई के अंग्रेजी दैनिक को बताया,‘‘मेरा जन्म केरल के थिरूविला में हुआ था और जब मैं पांच साल का था तो मेरा परिवार यहां आ गया।
- Advertisment -
Google search engine

Most Read