Friday, May 17, 2024
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Monthly Archives: February, 2022

डिजिटल साक्षरता और जागरूकता है जरूरी- प्रो. मुकुल

उन्होंने इन्टरनेट और निजता पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मोबाइल के बहुत सारे एप्लीकेशन और कई वेबसाइट हमारी निजता में सेंधमारी कर रही है जिसकी जानकारी तक हमें नहीं होती है. उन्होंने कहा कि हम सुविधा के नाम पर अपनी निजता से समझौता कर रहे है.

वैदिक संस्कृति को समझने के लिए मार्गदर्शक पुस्तकें

हम वैदिक संस्कृति की यदि बात करते हैं तो उसके मूल तत्वों से हमारा परिचय आवश्यक है। लेखक ने सरल शब्दों में वैदिक संस्कृति के मूल तत्वों का वर्णन किया है।

ब्राह्मण शब्द को लेकर भ्रांतियां एवं उनका निवारण

इस लेख के माध्यम से मैंने वैदिक विचारधारा में ब्राह्मण शब्द को लेकर सभी भ्रांतियों के निराकरण का प्रयास किया हैं। ब्राह्मण शब्द की वेदों में बहुत महत्ता है। मगर इसकी महत्ता का मुख्य कारण जन्मना ब्राह्मण होना नहीं अपितु कर्मणा ब्राह्मण होना है।

संघर्ष समाधान आरएसएस के मार्ग से

हम स्वतंत्रता के बाद से कई मुद्दों से जूझ रहे हैं, जिनमें से कई अंग्रेजों या स्वतंत्रता के बाद की सरकारों द्वारा बनाए गए थे और इसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक नुकसान बडी मात्रा मे हुआ हैं,

ऐतिहासिक दुर्गों पर रेखांकित पुस्तक “राजस्थान के दुर्ग ऐतिहासिक महत्व एवं शिल्प सौंदर्य “

लेखक ने अतीत की इस विरासत के नष्ट होने पर भी चिंता जताई हैं। वह लिखते हैं " समय रहते हमने इन बहुमूल्य धरोहरों की सार संभाल, सरंक्षण एवं संवर्धन नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब ये सदा के लिए काल के गर्त में विलीन हो जाएंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय के 99वें वार्षिकोत्सव का आरंभ

इस अवसर पर महाविद्यालय की पूर्व छात्रा और सम्मानित इतिहासकार प्रोफ़ेसर नारायणी गुप्ता ने अपने सम्बोधन में बताया कि इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय शिक्षा के साथ-साथ हमेशा से एक सामाजिक रूप से जागरुक संस्थान रहा है।

जिसके सुरों से संगीत जादू बन जाता था

चित्रमहर्षि और फ़िल्मकार भालजी पेंढारकर यह हिन्दुत्व के प्रखर समर्थक थे. १९४८ में गांधी हत्या के बाद, महाराष्ट्र में ब्राह्मणों के घरों को बड़ी संख्या में जलाया गया था. उस में भालजी पेंढारकर जी का ‘जयप्रभा स्टुडियो’ जलाकर राख़ कर दिया

हिंदी की लाठी है लता मंगेशकर

‘प्यार की उस पहली नज़र को सलाम’ गाने वाली लता मंगेशकर अब पैसठ [अब चौरासी] की हो चली हैं। और ‘दीदी तेरा देवर दीवाना’ जैसे उन के गाए ताज़ा फ़िल्मी गीत इन दिनों जब धूम मचाए हुए है तो जीते जी पुरस्कार बन जाने वाली,

कौन बचाएगा हमारी संस्कृति को?

हमको इतिहास से यह शिक्षा अवश्य लेनी चाहिये कि हमारे अधिकांश पूर्वजों ने कितने ही क्रूर अत्याचारों को सहा फिर भी अपनी आस्थाओं से कोई समझौता नही किया। जबकि असंख्य भारत की संतानों को दर्दनाक अत्याचारों

जाँबाज़ सेनानी:मेजर सोमनाथ शर्मा जिन्होंने श्रीनगर की हवाी पट्टी बचाई

देश के इतिहास के साथ ही कश्मीर के इतिहास में 1947 का वर्ष बड़ा महत्वपूर्ण है। उपमहाद्वीप में राजनीतिक घटनाएं तेजी से बदल रही थीं।भारत-पाक विभाजन की नींव पड़ चुकी थी।
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