Tuesday, May 21, 2024
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Monthly Archives: November, 2022

बहस का मंच बनने को तैयार एक जंगल बुक: वाइल्डलाइफ इण्डिया@50

राजनीतिक गलियारों से लेकर समाज की पर्यावरण मंचों पर यह सवाल आए दिन उठता रहता है। आज के समय में समाज के सहयोग बिना जंगल सुरक्षा की कल्पना कितनी व्यावहारिक है ?

औरंगजेब के मंदिर तोड़ने से लेकर ज्ञानवापी के पहले मुकदमे से लेकर अब तक का हाल

इसी आदेश के बाद 2019 में वाराणसी कोर्ट में फिर से इस मामले में सुनवाई शुरू हुई। 2021 में वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मंजूरी दे दी।

महाराष्ट्र में भी बने अवैध मतांतर पर रोक का कठोर कानून : विहिप

वसई में रहनेवाली श्रद्धा वालकर कि आफताब आमीन पूनावाला इस लिव इन पार्टनर ने दिल्ली में निर्मम हत्या कर दी। छह महिनों पहले हुई इस घटना कि दिल्ली पुलीस तहकिकात की है।

मॉर्डन आर्ट्स से केकरे को मिली अंतर्राष्ट्रीय पहचान

आपने उज्जैन में 2019 में कलावती न्यास द्वारा आयोजित 24 वें " इंटरनेशनल आर्ट कैंप " में भाग लेकर कला का प्रदर्शन किया।

डॉ. मनीष श्रीवास्तव की पुस्तक शृंखला क्रांतिदूत के चौथे और पांचवें भाग का विमोचन

उत्तर प्रदेश, झांसी के मूल निवासी डॉ. मनीष श्रीवास्तव पिछले पंद्रह वर्षों से मैं इंडोनेशिया में कार्यरत हैं। कार्यक्रम में लेखक डॉ. मनीष श्रीवास्तव को सर्वभाषा ट्रस्ट की और से सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान पुरस्कार प्रदान किया गया।

पंज प्यारों की जमीन पर ‘पगड़ी वाले ईसाइयों’ की छाया

भारत धर्मांतरण (Religious Conversion) के घातक जाल में उलझा हुआ है। भोले-भाले जनजातीय समाज के लोगों को प्रलोभन दे ईसाई बनाने से मिशनरियों ने इस घातक जाल के धागे जोड़ने शुरू किए।

आर्थिक विकास की दृष्टि से एक दशक ही नहीं बल्कि अगली पूरी सदी ही भारत की होगी

भारत में वर्तमान में 50 लाख परिवारों की आय 35000 अमेरिकी डॉलर से अधिक है। आगे आने वाले 10 वर्षों में यह संख्या 5 गुना बढ़कर 250 लाख परिवार होने जा रही है।

हाड़ोती संस्कृति : परिधान और श्रृंगार

श्रृंगार : महिलाएं और पुरुष दोनों आभूषण धारण करते हैं। महिलाएं माथे पर बिंदिया सजाती हैं और मांग में सिंदूर भरती हैं।

आत्म निर्भरता एवं स्वदेशी अपनाकर चीन को आर्थिक क्षेत्र में दी जा सकती है मात

भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में वस्तुओं के आयात के मामले में एक बार पुनः भारत की निर्भरता चीन पर बढ़ी है।
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