अल्युमिनियम का एक बड़ा सा कटोरा हाथ में लिए सुशीला कुमारी शेल्टर में बंधी करीब दो दर्जन गायों के पीछे जाती हैं और गोमूत्र एकत्र करती हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक गोशाला चलाने वाले सुशीला कुमारी के मालिक गोमूत्र की एक भी बूंद बर्बाद नहीं होने देना चाहते, इसलिए उन्होंने सुशीला को यह काम सौंप रखा है। सुशीला और दो अन्य नौकर दिन भर में करीब 15 से 20 लीटर गोमूत्र एकत्र करते हैं। इसकी वजह यह है कि हिंदुओं में पवित्र मानी जाने वाली देशी गायों के मूत्र की मांग इन दिनों काफी बढ़ गई है। फिलहाल यह एक हॉट कमोडिटी है और इसकी सेल दूध से भी ज्यादा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
इसकी वजह पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से गायों के संरक्षण की पहल है। मोदी सरकार ने बीते दो सालों में 5.8 अरब रुपये की रकम गोशालाओं पर खर्च की है। बांग्लादेश को होने वाली गोवंश की अवैध तस्करी पर रोक लगाने और बीफ एवं गोहत्या पर बैन लगाए जाने के फैसलों से लोग इसमें कारोबार की संभावनाएं देखने लगे हैं।
घरेलू दवा है गोमूत्र
नागपुर स्थित गो-विज्ञान अनुसंधान केंद्र के चीफ कॉर्डिनेटर सुनील मानसिंहका का कहते हैं, ‘गोमूत्र के जरिए घर में ही करीब 30 दवाएं तैयार की जा सकती हैं।’ सुनील कहते हैं कि हम इस ‘अमृत’ को देश के हर नागरिक तक पहुंचाना चाहते हैं। इसी तरह बुलंदशहर की गोशाला में काम करने वाली सुशीला कुमारी इस बात का ख्याल रखती हैं कि गोमूत्र बेकार न जाए और वह उसे एकत्र कर लें।
फिर भी नाखुश हैं स्वामी
हालांकि बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी गोसंरक्षण के उपायों से संतुष्ट नहीं हैं। हार्वर्ड से पढ़े और इकॉनमी की समझ रखने वाले स्वामी चाहते हैं कि भैंस के मास के निर्यात पर मिलने वाली करीब एक दर्जन सब्सिडीज को खत्म किया जाए। वह कहते हैं कि इन नीतियों में खामियों के चलते गोवध किया जाता है और भैंस के मांस के नाम पर उसकी भी तस्करी कर दी जाती है।
पतंजलि का गोनाइल
योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने फिनाइल की तर्ज पर ही फ्लोर क्लीनर गोनाइल को लॉन्च किया है। कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा, ‘हम हर दिन करीब 20 टन गोनाइल तैयार करते हैं। इसके बावजूद हम मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।’ वह कहते हैं कि गोमूत्र में कई ऐसे तत्व हैं, जो तमाम बीमारियों के इलाज का काम करते हैं। पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात की जूनागढ़ ऐग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तो यहां तक कहा है कि गिर नस्ल की गायों के गोमूत्र में सोना पाया जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने 400 नमूनों का अध्ययन कर यह परिणाम हासिल किया है।
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से