प्रसिद्ध भाषा चिंतक और शिक्षाविद प्रो. सूरजभान सिंह का जन्म सन् 1936 में देहरादून में हुआ थ। शिक्षाः अंग्रेज़ी, हिंदी और भाषाविज्ञान में एम.ए. और दिल्ली विश्वविद्यालय से भाषाविज्ञान में पीएच डी थे। सन् 1988 से 1994 तक नयी दिल्ली में भारत सरकार के वैज्ञानिक व तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष रहे।
आपके मार्गदर्शन में अंग्रेज़ी-हिंदी की पारिभाषिक शब्दावली और कोशविज्ञान का कंप्यूटरीकरण किया गया.
इससे पूर्व 10 वर्षों तक अर्थात् सन् 1995 तक आप केंद्रीय हिंदी संस्थान के नयी दिल्ली और आगरा के केंद्रों में प्रोफ़ेसरके रूप में कार्य करते रहे. सन् 1997 से 2004 तक सी डैक, पुणे में आप सलाहकार रहे और इस पद पर कार्य करते हुए आप कंप्यूटर और वैब-आधारित ‘लीला’ हिंदी स्वयं शिक्षक सीरीज़ और ‘मंत्र ’ नामक अंग्रेज़ी-हिंदी अनुवाद प्रणाली के अनेक प्रोग्रामों से संबद्ध रहे. रोमानिया के बुकारेस्ट विश्वविद्यालय और फ्रांस के पेरिस विश्वविद्यालय में आप विज़िटिंग प्रोफ़ेसर रहे औरअमेरिका केपेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर रहते हुए आपने कंप्यूटर-साधित अंग्रेज़ी-हिंदी अनुवाद प्रणाली को सुगम बनाने के लिए हिंदी का कंप्यूटर व्याकरण विकसित किया.
प्रकाशनः ‘हिंदी का वाक्यात्मक व्याकरण’ ( 1985 ), ‘हिंदी भाषाः संरचना और प्रयोग’ (1991), ‘अंग्रेज़ी-हिंदी अनुवाद व्याकरण’ (2003).
मान-सम्मानः भाषाविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट और प्रशंसनीय कार्य करने के लिए अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हुए।
संपर्क सूत्र
पताः आई- 127, नारायण विहार, दिल्ली- 110028. मोबाइलः 8587094808
परिवार जन
श्रीमती उमा सिंह (धर्मपत्नी), पुत्रीः मीनाक्षी थापा, दामादः कर्नल थापा,
पुत्रः 1. मनीष सिंह – सुनीता (पत्नी), 2.आशीष सिंह – अंजली (पत्नी) 3. विकास सिंह- अनीता (पत्नी)
वैश्विक हिंदी सम्मेलन की ओर से
भाषाविद् प्रो. सूरजभान सिंहजी को सादर नमन व विनम्र श्रद्धांजलि।