माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन
भोपाल। भूमि अधिग्रहण बिल पर बहस के दौरान युवा संसद में जमकर हंगामा हुआ। बिना बहस के बिल को पास करने पर विपक्ष सदन से वाक आउट कर गया। विपक्ष ने बिल को किसान विरोधी और कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुँचाने वाला बताया। जबकि सरकार की ओर से प्रधानमंत्री ने बिल को विकास के लिए जरूरी बताया। आखिर में भूमि अधिग्रहण बिल पर सरकार की ओर से लाए गए विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। सदन में रक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े मसलों पर भी जमकर हंगामा हुआ। यह नजारा था माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के सभाकक्ष का, जहां युवा संसद का आयोजन किया गया। इसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ की ओर से एमसीयू में आयोजित युवा संसद में छात्रों ने सरकार और विपक्ष की भूमिका निभाई। मॉक संसद के प्रश्नकाल में शिक्षा, कुपोषण, भारत पाकिस्तान सीमा पर बढ़ रहे तनाव और मछुआरों की गिरफ़्तारी के साथ ही कई राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस की। इससे पहले प्रधानमंत्री की भूमिका में छात्र अविनाश त्रिपाठी ने सदन के सामने पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के सदस्य रहे अटल बिहारी वाजपयी को भारत रत्न मिलने पर ख़ुशी जाहिर करते हुए पटल पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री राहुल रंजन ने भूमि अधिग्रहण बिल को सदन में पेश किया। जब बिल पर वोटिंग की बात आई तो विपक्ष बहस की मांग करने लगा। विपक्षी सांसद हंगामा करते हुए अध्यक्षीय आसंदी तक पहुँच गए। बहस की मांग पूरी नहीं होने पर नारेबाज़ी करते हुए विपक्ष सदन से वाक आउट कर गया। अध्यक्ष और संसदीय कार्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद विपक्षी सांसद शांत हुए। बाद में, अध्यक्ष महोदय छात्र अभिषेक मिश्र ने बिल पर बहस की अनुमति दी। बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष शशांक शेखर ने कहा कि बिल को पढने के बाद यह ही लग रहा है कि सरकार किसानों की ज़मीन हड़पकर धन्नासेठों को सौंपना चाहती है। अंग्रेजों के रोलेट एक्ट की तरह इस बिल में भी किसानों को दलील, वकील और अपील की आज़ादी नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष किसानों के हित में सड़कों पर इस बिल का विरोध करेगा।
ध्वनि मत से भूमि अधिग्रहण बिल लोकसभा में पारित :
भूमि अधिग्रहण बिल पर सरकार का पक्ष रखते हुए प्रधानमंत्री अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि बिल को लेकर विपक्ष देश में भ्रम का वातावरण बना रहा है। बिल किसान विरोधी नहीं है बल्कि किसान हितैषी है। जो काम पिछली सरकारें नहीं कर सकीं वह हम कर रहे हैं। देश का सारा बोझ खेती पर नहीं डाला जा सकता। उद्योग बढ़ने होंगे, इसके लिए ज़मीन चाहिए। लेकिन, उद्योंगों के लिए उपजाऊ ज़मीन नहीं ली जाएगी। जिन किसानों की ज़मीन लेंगे उन्हें उचित मुआवजा और एक सदस्य को रोजगार देंगे की गारंटी बिल में है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष से विकास के मुद्दे पर साथ आने की अपील की। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद बिल को बहुमत से पास कर दिया गया।
राजनीति बुरी नहीं हैं, युवाओं को वहां जाना चाहिए :
युवा संसद की कार्रवाई को देखने के लिए एम.वी.एम. कॉलेज की प्राध्यापक श्रीमती संध्या त्रिवेदी, संसदीय कार्य विभाग के अवर सचिव श्री एम.के. राजौरिया, पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ के उप संचालक बीआर शर्मा और श्रीमती सरोज दुबे मौजूद थे। विश्वविद्यालय की ओर से जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी और प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अविनाश वाजपयी भी इस दौरान मौजूद थे। इस मौके पर श्रीमती संध्या त्रिवेदी ने कहा कि तीन गोले हमेशा याद रखने चाहिए। बाहर वाला गोला शरीर, बीच वाला मन और आखिरी गोला अन्तःकारण है। हमें अपने अन्तःकारण को ठीक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कीड़ों की उत्पत्ति को रोकना है तो कीचड़ को साफ़ करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजनीती बुरी नहीं है बल्कि बुरे लोगों ने उसे बुरा बना दिया है। आप जैसे युवा जाकर राजनीती को अच्छा भी बना सकते हैं।
इन्होंने निभाई युवा संसद में भूमिका :
कविता भदौरिया (लोकसभा अध्यक्ष), अभिषेक मिश्रा (उपसभापति) अमित गुप्ता (महासचिव लोकसभा), सिद्धार्थ तिवारी (मार्शल), दीपिका शर्मा (रिपोर्टर), अविनाश त्रिपाठी (प्रधानमंत्री), अमरेन्द्र कुमार (गृहमंत्री), राहुल रंजन (कृषि मंत्री), रितिका चौहान (महिला एवं बाल विकास मंत्री), शिवानी जैन (रक्षा मंत्री), श्रीतिका मिश्र (मानव संसाधन विकास मंत्री ), कमल नयन पटेल (संसदीय कार्यमंत्री ), अजय कुमार (सदस्य ), शुभम दिवेदी (सद्स्य), विजय भानू प्रताप सिंह (सद्स्य), शिवांगी चौहान (सदस्य) अक्षय दीक्षित (सदस्य),शशांक शेखर (नेता प्रतिपक्ष), धीरेन्द्र गर्ग (उप नेता प्रतिपक्ष) आरजू स्निग्धा (सांसद), अश्विनी कुमार मिश्र (सांसद), कोमल बडोदेकर (सांसद), देवेश प्रताप सिंह (सांसद), मोहम्मद अनस (सांसद), सुशांत कनिष्का तिवारी (सांसद) ।
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भवदीय
लोकेन्द्र सिंह
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