हमारे सिनेमा के संसार में तो क्या अं दर और क्या बाहर- शायद ही कोई जानता हो कि भारतीय सिनेमा के शिखर पर विराजमान देश के सबसे सम्मानित अभिनेता, अमिताभ बच्चन का असली नाम इंकलाब है। दरअसल, ‘बच्चन‘ न तो कोई नाम है और न ही कोई जाति-उपजाति। यह तो बस, हरिवं श राय श्रीवास्तव का साहित्यिक नाम ‘बच्चन‘ था, जिसे उन्होंने अपने परिवारजनों के नाम कर दिया। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हरिवंश राय श्रीवास्तव ने अपने ज्येष्ठ पुत्र का नाम ‘इंकलाब‘ रखा था, जिन्हें आज पूरी दुनिया अमिताभ बच्चन के नाम से जानती है। इंकलाब नाम हरिवंश राय श्रीवास्तव को उनके मित्र कवि सुमित्रानंदन पंत ने सुझाया था, जो रख भी लिया गया था। लेकिन बाद में जब स्कूल में भर्ती कराने की बारी आई, तो पिता हरिवंश राय श्रीवास्तव ने स्कूल प्रवेश के फार्म में इंकलाब का नाम बदल कर अमिताभ श्रीवास्तव लिखवाया। इसके बहुत बाद में अमिताभ ने अपना सरनेम श्रीवास्तव भी त्याग दिया और पिता के साहित्यिक नाम बच्चन को अपनाकर अपने बाबूजी हरिवंश राय श्रीवास्तव ‘बच्चन’ की साहित्यिक वंशावली को विकसित किया।
नाम की महिमा अपार खैर, वै से भले ही हमारी फिल्मों के गीतों की भाषा में कहें, तो ‘नाम-वाम में क्या रखा है..’, लेकिन वास्तव में नाम की महिमा अपरंपार है। अगर न होती तो हमारे सिनेमा के संसार के सारे सितारे ही नहीं दुनिया भर के लोग नाम के लिए ही हमेशा रोते-बिलखते रहते हैं। कोई किसी सिनेमा के पोस्टर में अपने नाम को कम महत्व दिए जाने का रोना रोता दिखता है, तो कोई हीरोइन के नाम के बाद अपने नाम को लिखे जाने की शिकायत करता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि महिमा कुल मिलाकर जब नाम की ही है, तो फिर हमारे सिने मा के सितारे अपना नाम क्यों बदलते हैं। इसे जानने के लिए थोड़ा गहराई तक जाना पड़ेगा। मगर फिलहाल तो बात उन सितारों की है, जो सिनेमा के संसार में आने से पहले किसी और नाम से जाने जाते थे और बाद में किसी और नाम से मशहूर हो गए। किसी को अपने मुसलमान नाम होने से आ रही दिक्कत की वजह से नाम बदलना पड़ा, तो किसी को बहुत लंबा और अटपटा होने की वजह से किसी और नाम का सहारा लेना पड़ा। मगर, जब वह नाम चल निकला, तो फिर किसी को किसी से कोई शिकायत नहीं रही। वैसे भी सफलता जब हर किस्म के कलंकों की कठोर कालिख तक को धमाके के साथ धो डालती है, तो फिर नाम किस खेत की मूली है। वह तो व्यक्ति अपनी मर्जी से रखता है और मर्जी से छोड़ भी सकता है।
भूल गये असली नाम जाने माने हास्य अभिनेता जॉनी वाकर के बारे में तो यह घोषित सत्य है कि उनका असली नाम तो उनके रिश्तेदार भी भूल गए थे। सभी को यही पता था कि उनका असली नाम जॉनी वाकर ही है। लेकिन असल बात यह है कि जॉनी वाकर का असली नाम बहरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था। भारतीय सिनेमा के अब तक के सर्वश्रेष्ठ खलनायक प्राण का वास्तविक नाम प्राण किशन सकिंद था। अपने जमाने के बेहतरीन कलाकार संजीव कुमार का असली नाम हरीभाई जरीवाला था। हम सारे लोग जिस सितारे को दिलीप कुमार के नाम से जानते हैं, वे असल में पाकिस्तान में जन्मे यूसुफ खान हैं। जब फिल्मों में आए, तो उन्होंने नाम बदलकर दिलीप कुमार रख लिया। बॉलीवुड फिल्मों में काम करने वाली हीरोइनें के लिए इमीटेशन जूलरी सप्लाई करने वाले एक खूबसूरत लड़के रवि कपूर को जब वी शांताराम ने अपनी फिल्म ‘गीत गाया पत्थरों ने’ हीरो के रूप में काम दिया, तो वह युवक रवि कपूर से जीतेंद्र बनकर दुनिया के दिलों पर छा गया। एक तमिल अयंगार परिवार में जन्मे सुपर स्टार कमल हासन का असली नाम पार्थसारथी है, लेकिन कोई नहीं जानता। मलयाली पिता और पारसी मां की संतान जॉन अब्राहम का वास्तविक नाम फरहान है। अब तो खैर, फाइट मास्टर वीरू देवगन भी अजय देवगन के बारे में इस तथ्य को भूल गए होंगे कि उन्होंने कभी अपने इस बेटे का नाम विशाल देवगन था। असल में अजय ‘फूल और कांटे‘
फिल्म की कास्टिंग होने तक विशाल ही थे, लेकिन इस फिल्म में काम करने से पहले जब उन्हें अजय देवगन का बिल्ला मिला, तो वे हिट हो गए, तब से वे इसी नाम से जाने जाते हैं।
संतानों को दिया हिट नाम बैंकॉक के एक होटल में नौकरी करते करते राजीव हरी ओम भाटिया की किस्मत ने जब पलटा खाई, तो वे हमारे सिनेमा में अक्षय कुमार के नाम से चमकने लगे। अपने जमाने के मशहूर स्टार शम्मी कपूर इतने हिट रहे कि देश में हजारों लोगों ने उनके नाम पर अपनी संतानों के नाम रख लिए। लेकिन किसी को पता तक नहीं था कि वे जिसके नाम पर अपने बच्चों के नाम रख रहे हैं, उस हीरो का असली नाम तो शमशेर राज कपूर है। दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत का वास्तविक नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। दो दशक तक फिल्म अभिनेत्री अमृता सिंह के पति रहे विख्यात सितारे सैफ अली खान का नाम उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी ने साजिद अली खान पटौदी रखा था, लेकिन वे फिल्मी दुनिया में सैफ अली खान के नाम से जाने जाते हैं। हालांकि उनके पासपोर्ट में आज भी उनका नाम साजिद अली खान पटौदी ही लिखा हुआ है और इन दिनों वे करीना कपूर के पति के रूप में भी इसी नाम से सरकारी कागजों में दर्ज हैं। सलमान खान का पूरा नाम अब्दुल रशीद सलीम सलमान खान है। गोविंदा का वास्तविक नाम गोविंद अरुण आहूजा है। धम्रेद्र के छोटे बेटे विजय सिंह देओल को कोई नहीं जानता। लेकिन अगर उसी बेटे को बॉबी के नाम से पुकारा जाए तो पूरी दुनिया दौड़ी चली आती है। विजय सिंह देओल ने जब फिल्मों में कदम रखा, तो उन्हें अपना घरेलू नाम ‘बॉबी‘ ही अच्छा लगा और ग्लैमर की दुनिया में वे ‘बरसात’ के जरिए बॉबी देओल के रूप में आए, और वही बनकर रह गए। कौन जानता था कि ज्ञान प्रकाश राव जमाला नाम का बस कंडक्टर एक दिन फिल्मों में नाम कमाने के बाद जॉनी लीवर के रूप में जाना जाएगा।
भारतीय सिनेमा में अब तक की सर्वाधिक सौन्दर्य शाली अभिनेत्री मधुबाला, मधुबाला न होकर मुमताज जहां बेगम देहलवी थी। हमारे सिनेमा की चिर युवा अभिनेत्री रेखा अपने छोटे से नाम के बावजूद बहुत बड़ी कलाकार बन गईं, जबकि उनका असली नाम भानुरेखा गणोशन है। हरियाणा से आकर अच्छे अच्छों के छक्के छुड़ानेवाली मल्लिका शेरावत के बारे में कौन जानता है कि उनका असली नाम रीमा लाम्बा है। लाम्बा मल्लिका के पिता का सरनेम है, लेकिन पिता के खिलाफ बगावती तेवर रखने वाली मल्लिका ने लाम्बा सरनेम से छुटकारा पाकर रीमा से मल्लिका बनकर अपनी मां का उपनाम लेकर शेरावत बन गईं हैं। इंटरनेट पर अपने अद्भुत आकर्षक अवतार और शाश्वत किस्म की काम मुद्राओं के जरिए दुनिया भर में अपने निहायत निजी जीवन के अंतरंग पलों को विस्तार देकर मशहूर हुई सनी लियोनी का नाम करनजीत कौर वोहरा है। इसी तरह प्रीति जिंटा का मूल नाम प्रीतम जिंटा सिंह है।
कैटरीना कैफ का जन्म हांगकांग के कैटरीना र्टकोट शहर में हुआ था। सो उनका नाम कैटरीना र्टकोट था, लेकिन जैकी श्रॉफ की पत्नी आएशा श्रॉफ के कहने पर उन्होंने अपना उपनाम र्टकोट छोड़कर कैफ रख लिया। अपनी पहली फिल्म ‘परदेस’ में काम करने से पहले महिमा चौधरी का नाम रितु चौधरी था। लेकिन उस वक्त में लोग मानते थे कि सुभाष घई की फिल्मों की सुपर हीरोइनों माधुरी दीक्षित और मनीषा कोइराला आदि के नाम का पहला अक्षर ‘म’ से है, सो उसे ही अपने लिए भी लकी मानते हुए रितु का नाम महिमा कर दिया था, और तब से ही वे इसी नाम से जानी जाती हैं। शिल्पा राज कुंद्रा का असली नाम अश्विनी शेट्टी है। इसी तरह अजीत सिनेमा में आने से पहले हमीद खान थे और अशोक कुमार का नाम काशी गांगुली। उनके भाई किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार गांगुली था। अन्नू कपूर को तो सारे जानते हैं, लेकिन उनके मूल नाम अनिल कपूर को कोई नहीं जानता। इसी तरह से गीतकार अनजान असल में लालजी पाण्डेय थे, भगवान का पूरा नाम भगवान आभाजी पालव और चित्रगुप्त का चित्रगुप्त श्रीवास्तव नाम था। हमारे सिनेमा के सबसे बड़े नाम दादा साहब फाल्के का यह नाम भी कोई असली नहीं है। वे असल में धुंडीराज गोविंद फाल्के थे और फिल्मकार गुलजार वास्तव में संपूर्ण सिंह हैं। पता नहीं कोई जानता भी है कि नहीं कि गुलशन बावरा असल में गुलशन कुमार मेहता और इंदीवर असल में श्याम लाल बाबू राय हुआ करते थे। इन नामों को बदलने के पीछे का कोई एक खास वजह नहीं है लेकिन जिस नाम ने पहचान दी बस वही नाम आगे जाकर कलाकारों की पहचान बन जाती है। कभी ये बदलाव अपनी पहचान को आसान बनाने के लिए किया गया तो कभी खुद को लकी बनाने के लिए। और एक बार नाम चल गया तो बस वही पहचान और वजूद की शक्ल ले लेता है।
धम्रेद्र के छोटे बेटे विजय सिंह देओ ल को कोई नहीं जानता। लेकिन अगर उसी बेटे को बॉबी के नाम से पुकारा जाए तो दुनिया दौड़ी चली आती है
(साभार: राष्ट्रीय सहारा)