Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeभारत गौरवकुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी...

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी…

बात चाहे काले धन से निपटने के लिए नोटबंदी की हो, या फिर नवोन्मेष की हो, अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी काबिलियत दिखाने की हो या फिर स्वास्थ्य के क्षेत्र में असंभव लगने वाली उपलब्धि हासिल करने की हो, भारत ने पूरे दमखम के साथ अपनी मेधा दिखाई और दुनिया के सामने साबित कर दिया कि वह विषमताओं से जूझते हुए खुद को खरा साबित करने का माद्दा रखता है। एक अरब से अधिक की आबादी वाले इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की रात को अचानक राष्ट्र के नाम संबोधन में काले धन और भ्रष्टाचार की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट अमान्य करने का ऐलान किया। दुनिया के कई देशों में मोदी के इस हौसले और फैसले की सराहना की। कभी अपनी सुरक्षा के लिए अमेरिका से जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) के लिए मदद मांगने वाले भारत ने अपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत अपना ‘देसी जीपीएस’ तैयार कर दुनिया को दिखा दिया कि ‘हम किसी से कम नहीं हैं।’

आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 29 अप्रैल को प्रक्षेपित किए गए उपग्रह ‘आईआरएनएसएस-1जी’ के सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो जाने के साथ ही भारत अमेरिका, रूस, चीन और यूरोप के बाद विश्व का ऐसा पांचवा देश बन गया, जिसके पास अपनी जीपीएस प्रणाली है। अंतरिक्ष में अपनी सफलता की सुनहरी गाथा लिखने वाला भारत अब अपने आसपास 1500 किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य देशों को भी इसकी सेवा का लाभ दे सकता है। अंतरिक्ष कार्यक्रम में कीर्तिमान स्थापित करते हुए भारत ने 22 जून को एक ही मिशन में 17 विदेशी और एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह समेत 20 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया और इस महत्वपूर्ण कदम ने अरबों डॉलर के अंतरिक्ष प्रक्षेपण बाजार में भारत को एक बड़ी ताकत बना दिया।
प्रक्षेपित किये गये उपग्रहों में से 13 अमेरिका के, दो उपग्रह कनाडा के और एक-एक जर्मनी तथा इंडोनेशिया के हैं। इस उपलब्धि पर इसरो के अध्यक्ष किरण कुमार ने कहा कि एक पेलोड में 20 उपग्रहों का प्रक्षेपण करना ‘पक्षियों को आसमान में उड़ान भरने देने’ जैसा था। दो शैक्षणिक उपग्रहों को भी प्रक्षेपित किया गया है। चेन्नई के सत्यभामा विश्वविद्यालय का शैक्षिक उपग्रह ‘सत्यभामासैट’ तथा पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का शैक्षिक उपग्रह ‘स्वयं’ भी इन 20 उपग्रहों में शामिल था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस साल पोलियो उन्मूलन में भारत की ‘अद्भुत सफलता’ को सराहते हुए अंतररराष्ट्रीय मंच पर कहा कि इस सफलता का विस्तार खसरा जैसी दूसरी बीमारियों के उन्मूलन कार्यक्रमों में किया जा सकता है और पाकिस्तान सहित दूसरे देशों में इसे दोहराया जा सकता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा कॉलेज ऑफ मेडिसिन में निवारक दवा एवं वैश्विक स्वास्थ्य विषय के प्रोफेसर तथा बच्चों की चैरिटी संस्था ‘किड रिस्क’ के अध्यक्ष किम्बरले एम थॉम्पसन ने पेरिस में कहा कि भारत का पोलियो उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करना अत्यंत सराहनीय है और अब उसने नवजात शिशुओं में होने वाली टिटनेस, खसरा एवं रूबेला जैसी दूसरी बीमारियों के खिलाफ अपने कदमों को मजबूत बनाया है। डब्ल्यूएचओ के तकनीकी अधिकारी डॉ मुफ्ती जुबैर वदूद ने पेरिस में विश्व पोलियो दिवस के एक कार्यक्रम में कहा, ‘पाकिस्तान अच्छे से सीख सकता है कि भारत में बीमारी के सबसे संवेदनशील जगहों बिहार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म योजना बनाकर एवं क्षेत्र की प्रवासी आबादी से निपटते हुए कैसे इसका खात्मा किया गया।’ भारत एशिया में नवोन्मेषण के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य के रूप में भी उभरा और वैश्विक स्तर पर उसका स्थान तीसरा रहा। वैश्विक परामर्शक कैपजेमिनी की अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी बेंगलुरु की ‘सिलिकन वैली’ इसमें सबसे आगे है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एशिया में नवोन्मेषण गंतव्यों में पहले स्थान पर है। नए नवोन्मेषण केंद्रों के मामले में वह दुनिया में दूसरे स्थान पर है। चार फरवरी को भारत ने यूरोपियन मॉलिक्यूलर बायलॉजी ऑर्गेनाइजेशन (ईएमबीओ) के एसोसिएट सदस्य देश का दर्जा पाने के समझौते पर दस्तखत किये जिसका उद्देश्य आणविक जीवविज्ञान के क्षेत्र में भारत और यूरोप के बीच संवाद बढ़ाना है। इसके तहत भारत में काम कर रहे सभी अनुसंधानकर्ता अब ईएमबीओ के सभी कार्यक्रमों और गतिविधियों में शामिल होने में सक्षम होंगे और भारतीय वैज्ञानिक इसके कार्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
केरल के बैकवॉटर्स में स्थित छोटे से द्वीप कक्काथुरूथु को नेशनल जियोग्राफिक पत्रिका ने दुनिया भर की चुनिंदा शानदार जगहों की सूची में शामिल किया है। केरल तट के पास स्थित ‘आइलैंड ऑफ क्रोज’ को नेशनल जियोग्राफिक की ‘अराउंड द वर्ल्ड इन 24 आवर्स’ नामक सूची में शामिल किया गया है। यह सूची दुनिया भर में घूमने लायक स्थानों की तस्वीरों के जरिए की जाने वाली एक यात्रा की तरह है। इस सूची में शामिल विभिन्न तस्वीरों में नॉर्वे के नॉर्दर्न लाइट्स जोन की रात 12 बजे की, हवाई की सुबह पांच बजे की, पेरिस की सुबह छह बजे की, सेन फ्रांसिस्को की सुबह सात बजे की, अबु धाबी की सुबह आठ बजे की, मेलबर्न की सुबह नौ बजे की, न्यूयॉर्क की रात आठ बजे की, बुडापेस्ट (हंगरी) की रात 10 बजे की और केरल की शाम छह बजे की तस्वीरें शामिल हैं।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार