Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया से...तो ओशो ने कहा, हाँ मैं दुनिया का सबसे बड़ा जालसाज हूँ

…तो ओशो ने कहा, हाँ मैं दुनिया का सबसे बड़ा जालसाज हूँ

ओशो 19 जनवरी 1990 को महज 58 साल की उम्र में ये दुनिया छोड़कर चले गए थे। ओशो का जन्म 11 दिसंबर 1931 को भोपाल के पास कुचवाड़ा में हुआ था।

भारत को आध्यात्मिक गुरुओं का देश मानने वालों की कमी नहीं लेकिन आधुनिक इतिहास में ओशो जैसा विवादित धर्मगुरु शायद ही कोई दूसरा हुआ हो। पूरी दुनिया को अपने मौलिक और नवीन विचारों से चकित और प्रभावित करने वाले ओशो का 19 जनवरी 1990 को महज 58 साल की उम्र में निधन हो गया था। ओशो का जन्म 11 दिसंबर 1931 को तत्कालीन भोपाल स्टेट (अब मध्य प्रदेश) में हुआ था। दर्शन से बीए और एमए करने वाले ओशो का असल नाम चंद्र मोहन जैन था। उनके अनुयायी उन्हें आचार्य रजनीश भी कहते थे। ओशो के प्रवचनों का संग्रह “संभोग से समाधि की ओर” शायद उनकी सबसे चर्चित किताबों में है। ओशो धर्म और अध्यात्म पर अपने प्रवचनों के अलावा अपनी हाजिरजवाबी और हास्यबोध के लिए भी जाने जाते थे। उनकी पुण्यतिथि पर हम उनके जीवन का ऐसा ही एक प्रसंग बताते हैं जब ओशो ने एक अमेरिकी पत्रकार को अपने जवाबों से लाजवाब कर दिया।

अमेरिकी रेडियो पत्रकार माइक वाफ ने ओशो के अमेरिका प्रवास के दौरान ओशो का इंटरव्यू किया। इंटरव्यू के दौरान माइक ने ओशो से पूछा कि क्या रिवर हाउस मोटेल में कुछ हफ्ते तीन दिन रहे थे? ओशो ने इस पर कहा, “नहीं”, लेकिन चाहें तो रह सकते हैं। लेकिन उनके आश्रम में वो सारी सुविधाएँ हैं जो अमेरिका के किसी भी होटल में हो सकती हैं।”

अपने जवाब में ओशो ने माइक कहा, “आपको मेरा बाथरूम देखना चाहिए। शायद ये दुनिया का सबसे बेहतरीन बाथरूम है। मेरा बाथरूम दुनिया का सबसे बेहतरीन बाथरूम है।” जब माइक ने पूछा कि क्या मुझे अपने बाथरूम में आने का न्योता दे रहे हैं? तो ओशो ने कहा, ” हाँ, मैं आपको अपने बाथरूम में आने का न्योता दे रहा हूं।”

अमेरिकी पत्रकार ने जब पूछा कि “हम वहां से कहां जाएंगे?” तो ओशो ने कहा, “वहां से कहीं और जाने का रास्ता नहीं है।” माइक ने फिर ओशो से पूछा कि “क्या आप इससे पहले किसी पत्रकार को अपने बाथरूम में ले गये हैं?” इस पर ओशो ने कहा, “नहीं, क्योंकि मैंने पहले किसी पुरुष को उस तरह पसंद नहीं किया है जैसे आपको करता हूं।” ओशो के इस उत्तर पर माइक ने कहा, “लगता है ये प्यार है?” तो ओशो ने कहा, “बिल्कुल, ये प्यार है।”

इसी इंटरव्यू में ओशो ने अमेरिकी पत्रकार को ये कहकर भी हैरान कर दिया कि उनके पास एक भी पैसा नहीं है लेकिन वो बेहद आलीशान जिंदगी जीते हैं। ओशो ने कहा, “लोगों के पास बहुत पैसा है लेकिन मेरे पास एक पैसा नहीं फिर भी वो मेरे जैसी आलीशान जिंदगी नहीं जी सकते। बिना पैसे के भी मैं दुनिया के सबसे लग्जरियस लाइफ जी रहा हूं। बिना बैंक खाते और इनकम टैक्स के बिना।”

ओशो के बिना बैसे के आलीशान जिंदगी जीने के बयान पर माइक ने उनकी चुटकी लेते हुए कहा, “आपने अभी जो कहा उसके आधार पर कहा जा सकता है कि आप दुनिया की सबसे बड़े जालसाज हैं?” लेकिन इस बार भी उन्हें तब लाजवाब हो जाना पड़ा जब छूटते ही ओशो ने कहा, “हाँ, मैं जालसाज हूं।” ओशो की बात से मुतमईन होते हुए माइक ने कहा, “एक महान आदमी ही ये स्वीकार कर सकता है।”

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार