रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवे के लिए संसाधन जुटाने के तरीके ढूंढ रहे हैं। पांच साल में रेलवे में 8.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। रेल मंत्री ने आज देश के प्रमुख बैंकरों के साथ रेल ढांचा विकास के लिए संसाधन जुटाने के तरीकों पर विचार किया। नवगठित वित्तीय मामलों पर सलाहकार बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभु ने कहा कि रेलवे में भारी निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संसाधन जुटाने के लिए विभिन्न स्रोतों व ढांचों पर विचार किया जा रहा है।
इस बैठक में आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन के वी कामत, एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य, आईडीएफसी के कार्यकारी चेयरमैन राजीव लाल व क्विंटिलन मीडिया के संस्थापक राघव बहल तथा रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सलाहकार बोर्ड के सदस्यों ने घरेलू व अंतरराष्ट्रीय कोष को आकर्षित करने के कई उपाय दिए। रेलवे ने पांच साल में 8.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। सालाना योजना का आकार भी 2015-16 में दोगुना होकर एक लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है। रेल बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रभु ने सलाहकार बोर्ड के गठन की घोषणा की थी। रेल मंत्रालय में वित्तीय सेवा प्रकोष्ठ बनाया गया है। यह प्रकोष्ठ संसाधन जुटाने के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा। रेलवे ने पहले ही एलआईसी के साथ 1,50,000 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के लिए सहमति ज्ञापन (एमओयू) किया है। यह राशि पांच साल में निवेश की जाएगी।