तेलंगाना में अब कक्षा एक से 12वीं तक तेलुगु अनिवार्य होने वाली है. नई व्यवस्था 2018-19 के शिक्षण सत्र से लागू हो जाएगी. ख़बरों के मुताबिक़ सरकार इसके लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है.
डेक्कन क्रॉनिकल के अनुसार, अध्यादेश के मसौदे को राज्य सरकार ने इसी सोमवार को मंज़ूरी दे दी है. इसमें राज्य के सभी सरकारी, निजी स्कूलों में तेलुगु अनिवार्य करने का प्रावधान है. सरकार का यह क़दम मुख्यमंत्री केसीआर (के चंद्रशेखर राव) की घोषणा के अनुरूप है. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में विश्व तेलुगु सम्मेलन के दौरान घोषणा की थी कि राज्य के सभी स्कूलाें में तेलुगु अनिवार्य की जाएगी.
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने पहले इस बाबत विधानसभा से विधेयक पारित कराने का विचार किया था. लेकिन बाद में तय किया गया कि पहले अध्यादेश लाया जाए. क्योंकि राज्य विधानसभा का बजट सत्र मार्च के मध्य में शुरू होगा. जबकि मार्च के शुरू में कई सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल) और आईसीएसई (इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकंडरी एजुकेशन) स्कूलों का शिक्षण सत्र शुरू हो जाएगा.
अधिकारियों के मुताबिक़ विधेयक मार्च के अंत तक पारित हो पाएगा. ऐसे में जिन स्कूलों का शिक्षण सत्र मार्च की शुरूआत से शुरू होगा उन्हें इस बाबत तैयारी के लिए ज़्यादा वक़्त नहीं मिल पाता. यही नहीं आख़िरी मौके पर अगर स्कूलों में तेलुगु अनिवार्य करने का नियम थोपा जाता तो कानूनी दिक्क़तें भी हो सकती थीं. इसलिए समय रहते अध्यादेश के ज़रिए यह व्यवस्था लागू करने का फ़ैसला किया गया है.
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