आगरा। राष्ट्रीय क्षय रोग संस्थान बैंगलोर में १५ दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। ट्रैंनिंग का नाम कम्प्रेहैन्सिव ट्रेनिंग कोर्स फॉर लेबोरेटरी पर्सनेल था। जिसमें आगरा के राज्य क्षय रोग प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र की इंटरमीडिएट रेफरेन्स लेबोरेटरी की तरफ से ब्रह्मानंद राजपूत और मिलन कुमार ने हिस्सा लिया। इसके अलावा इंटरमीडिएट रेफरेन्स लेबोरेटरी पटियाला, पंजाब से शिखा शर्मा और मिनाक्षी अम्बर, इंटरमीडिएट रेफरेन्स लेबोरेटरी गुवाहाटी से सीमा दास, इंटरमीडिएट रेफरेन्स लेबोरेटरी करनाल हरियाणा से प्रदीप शर्मा, मिलिट्री हॉस्पिटल पुणे से विश्वजीत सिंह ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण में देश विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए प्रतिभागियों को टीबी की डायग्नोसिस की आधुनिक टेक्निक्स के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें प्रमुख रूप से सॉलिड कल्चर, लिक्विड कल्चर, एलईडी एफएम, लाइन प्रोब ऐसे, सीबिनाट (जीनएक्सपर्ट), सॉलिड डीएसटी, लइकिड डीएसटी) और अन्य टेक्निक्स के बारे में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को राष्ट्रीय क्षय रोग संस्थान बैंगलोर के निदेशक डॉ. एम. सोमशेखर ने प्रमाण-पत्र देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए 2025 तक टीबी मुक्त भारत के निर्माण में सभी को सक्रीय रूप से समर्पित होने का संकल्प दिलाया। प्रशिक्षण देने वालों में प्रमुख रूप से डॉ. जॉर्ज, डॉ. किशोर रेड्डी, भागीरथी, ममता, सुरेंद्र, रंगनाथन इत्यादि रहे।