आईआरसीटीसी द्वारा हिंदी भाषी लोगों के लिए अपनी वेबसाइट शुरु करने की घोषणा करने का है। इस हिन्दी साईट का शुभारंभ रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभु ने रेल भवन में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये किया। ल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने दो अन्य सुविधाएं भी लांच कीं, जिनमें मोबाइल पर अनारक्षित टिकट का ऐप तथा ट्रेन में यात्रियों को अगले स्टेशन की सूचना देने वाली एसएमएस अलर्ट प्रणाली शामिल है।
हिंदी वेबसाइट
इसमें सभी पेज, सूचना, उपयोग के तरीके, दिशानिर्देश, अलर्ट व अपडेट, एरर मेसेज एवं फीडबैक फार्म आदि हिंदी में उपलब्ध हैं। साथ ही, बर्थ की उपलब्धता, टिकट संबंधी विवरण, यात्रा योजना का हिंदी में प्रदर्शन किया गया है। इसमें इलेक्ट्रानिक रिजर्वेशन स्लिप (ईआरएस) तथा रद्दीकरण स्लिप हिंदी में प्रिंट की जाएगी। ट्रांजैक्शन हिस्ट्री देखकर हिंदी में पूछताछ भी कर सकते हैं।
मोबाइल पर अनारक्षित टिकट
क्रिस द्वारा विकसित इस कागज रहित टिकट प्रणाली का मकसद अनारक्षित टिकटों में कागज का उपयोग खत्म कर पर्यावरण को सुधारना है। इसके लिए यूटीएसऑनमोबाइल नामक एप तैयार किया गया है। इसे गूगल प्लेस्टोर या विंडोज स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। फिलहाल यह सुविधा मुंबई में चर्चगेट ये दहानु रोड खंड के 35 स्टेशनों पर लोकल ट्रेन यात्रियों के लिए उपलब्ध है।
गंतव्य स्टेशन अलर्ट सेवा
यह सुविधा फिलहाल राजधानी व दूरंतो ट्रेनों के यात्रियों को रात 11 बजे से सुबह सात बजे के बीच उपलब्ध होगी। इसमें गंतव्य स्टेशन आने से 15 मिनट पहले यात्रियों के मोबाइल पर एसएमएस अलर्ट प्राप्त होगा।
रेल बजट की 64 घोषणाएं लागू
इस दौरान प्रभु ने कहा कि अब तक रेल बजट की 64 घोषणाओं को लागू किया जा चुका है। इनमें आटोमैटिक टिकट रिफंड व ऑटोमैटिक फ्रेट रिबेट स्कीम, प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल नीति शामिल हैं।
परियोजनाओं का काम तेज
इसके अलावा परियोजनाओं के क्रियान्वयन की रफ्तार को भी तेज किया जा रहा है। अब तक कुल मिलाकर 4000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। समर्पित रेल गलियारे के एक साल में इतने ठेके दिए गए हैं जितने पिछले दस सालों में नहीं दिए गए। एक साल में 82 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना के सभी ठेके दे दिए जाएंगे।
लेखा प्रणाली बदलने का प्रयास
ट्रेन संचालन, समय पालन जैसी ग्राहक सेवाओं में सुधार के अलावा बोगियों का डिजाइन बेहतर करने का प्रयास हो रहा है। रेलवे की संगठनात्मक खामियों को दूर करने की कोशिश भी हो रही है। वित्तीय जरूरतों के मद्देनजर रेलवे की लेखा प्रणाली में भी बदलाव किया जा रहा है।
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