देश के हवाई अड्डों पर अब क्षेत्रीय भाषा में भी सार्वजनिक उद्घोषणाएं सुनाई देंगी। सरकार ने बुधवार को हवाई अड्डों को इस आशय का निर्देश जारी किया है। स्थानीय भाषा के बाद ही हिंदी और अंग्रेजी में कोई उद्घोषणा की जाएगी। विमानन मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) ने अपने नियंत्रण वाले सभी हवाई अड्डों को निर्देश दिया है कि वे सार्वजनिक उद्घोषणाएं सबसे पहले स्थानीय भाषा में करें। इसके बाद हिंदी और अंग्रेजी में। नागर विमानन मंत्रालय ने निजी हवाई अड्डा संचालकों से भी कहा है कि उन्हें सभी सार्वजनिक घोषणाएं स्थानीय भाषा में भी करनी होंगी।
प्रभु ने एएआइ को निर्देश दिया था कि देश के सभी हवाई अड्डों पर किसी भी तरह की सूचना और जानकारी सबसे पहले स्थानीय भाषा में दी जाए। बाद में अन्य भाषाओं में। यह निर्देश ऐसे शांत हवाई अड्डों पर लागू नहीं होगा जहां किसी प्रकार की उद्घोषणा नहीं की जाती।
एएआइ ने 2016 में सर्कुलर जारी कर अपने नियंत्रण वाले हवाई अड्डों से सार्वजनिक उद्घोषणाएं पहले स्थानीय भाषा और बाद में हिंदी और अंग्रेजी में करने को कहा था। इसके लिए सरकार से कई बार मांग की गई थी। देश में फिलहाल 100 से अधिक हवाई अड्डे परिचालन में हैं।