नई दिल्ली। सरकार ने रविवार को कहा कि एआईसीटीई ने हिंदी भाषा में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की आधुनिक जानकारी देने के मद्देनजर ‘तकनीकी पाठ्यपुस्तक पुरस्कार योजना’ शुरू की है जिसमें मानक तकनीकी पाठ्यपुस्तकों को हिंदी में लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में लक्ष्मण गिलुवा के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि उच्च शिक्षा में, विशेष रूप से तकनीकी शिक्षा में जानकारी का आधार अंग्रेजी में होने की वजह से अधिकतर उच्च शिक्षण संस्थानों में यही पढ़ाई का माध्यम है।उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि कुछ विश्वविद्यालयों ने कुछ विषयों में स्नातक स्तर की शिक्षा हिंदी माध्यम में देना शुरू कर दिया है।’’
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘इसी तरह अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने भी हिंदी भाषा में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी का आधुनिक ज्ञान देने के मद्देनजर ‘तकनीकी पाठ्यपुस्तक पुरस्कार योजना’ शुरू की है। इस योजना में मानक तकनीकी पाठ्यपुस्तकों को हिंदी में लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि हिंदी भाषी राज्यों में इसी भाषा में कक्षाओं में पढ़ाई हो सके।’’ एक प्रश्न के उत्तर में जावड़ेकर ने कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि का कोई छात्र पढ़ाई के माध्यम की वजह से उच्च और तकनीकी शिक्षा से महरूम नहीं होता। इस तरह की कठिनाई की शिकायत करने वाले छात्रों को विशेष कोचिंग दी जाती है और उन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।