नई दिल्ली। विश्व महिला दिवस के अवसर पर राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) द्वारा होटल क्राउन प्लाजा रोहिणी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ‘वी द वूमन, सेलीब्रेटिंग लाइफ’ थीम पर आयोजित यह कार्यक्रम विशेष रूप से कैंसर पीड़ित महिलाओं एवम् कैंसर सर्वाइवर्स को समर्पित था, जहां विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ इन महिलाओं ने अपने अनुभव और प्रेरणादायी बातें साझा की।
कार्यक्रम के दौरान इन्ट्रेक्टिव सत्र के साथ-साथ कई मज़ेदार गतिविधियाँ; विशेषज्ञों से रूबरू, फोटो शूट, नेल आर्ट, कैंसर सर्वाइवर्स एवम् अन्य का फैशन शो, टैलेंट हंट, क्विज आदि भी आयोजित की गयी थी, जिन्होंने यहां उपस्थित मेहमानों, वालेनटीयर्स, कैंसर पीड़ित व सर्वाइवर्स आदि के लिए दिन को खास बनाया।
मौके पर आरजीसीआईआरसी के सीनियर कन्सल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि हमारा प्रयास रहा है कि हम रोगी को उपचार के दौरान और शल्यचिकित्सा से प्रेरणा प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा और अनुकूल वातावरण प्रदान करें जिससे कि वह इलाज के दौरान ऐसा महसूस ही न करें कि वह रोगी हैं, बल्कि साधारण व रेगुलर रूटीन मानकर सकारात्मक रहें। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सर्वाइवर्स संग यह कार्यक्रम महिला मरीजों को प्रेरित करते हुए ज़िंदगी में सकारात्मक रहने का मौका देता है।
कार्यक्रम में कैंसर सरवाइवर्स ने कैंसर से जूझने के अपने सफल सफर को साझा किया और बताया कि कैंसर के बाद भी सामान्य जीवन जिया जा सकता है। अगर हम स्वस्थ जीवन शैली, नियमित व्यायाम, सकारात्मक सोच और वार्षिक कैंसर चेक-अप के साथ पर्याप्त इलाज कराएं तो कैंसर पर काबू पाना आसान है साथ ही यह भी बताया कि सकारात्मक सोच रखते हुए अगर हम इससे लड़ने का दृढ़संकल्प करें तो इस पर जीत पाना कोई मुश्किल नहीं।
कैंसर से जंग जीत चुकी अनुराधा झा ने कैंसर से अपनी यात्रा के विषय में बताया कि इससे कैसे लड़ा जा सकता है। मौके पर महिलाओं ने फैशन वॉक की, गाने गाये और नृत्य भी किया। कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को कैंसर के लक्षण की पहचान और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच के लिए प्रेरित किया गया। डॉक्टरों ने कहा कि जागरूकता के साथ, अमूमन पहलुओं का ध्यान रखकर, खानपान और लाइफ स्टाइल में बदलाव कर बीमारियों से बचा जा सकता है।
मौके पर डॉ. रूपिंदर शेखोन, सीनियर कन्सल्टेंट, जयनी ऑन्कोलॉजी ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन करने के पीछे मकसद कैंसर के बाद भी साधारण जीवन सम्भव है और आप भी अन्य लोगों की तरह जीवन यापन कर सकते हैं का संदेश देना था। इस आयोजन में लगभग 80 फीसदी सर्वाइवर्स एवम् 20 फीसदी कैंसर पीड़ितों ने भाग लिया, जिनमें कई महिलायें अपने बच्चों के साथ आयी थी और यही महिलाऐं सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि कैंसर भी अन्य बिमारियों की तरह एक बीमारी है और समय रहते उपचार से इसके खतरों को काफी हद तक रोका जा सकता है। महिलाएं सामान्य जीवन जी सकती हैं। ऐसे कार्यक्रम जागरुकता के साथ-साथ सकारात्मक पहलू उजागर करते हैं।