Wednesday, November 27, 2024
spot_img
Homeभुले बिसरे लोगक्रांतिकारी शहीद यतीन्द्रनाथ दास (जतीन दास)

क्रांतिकारी शहीद यतीन्द्रनाथ दास (जतीन दास)

९० वर्ष पूर्व १३ सितम्बर १९२९ को लाहौर जेल में अनशन के ६३वें दिन अनोखी शहादत हुई। । लखनऊ की बारादरी में इस बलिदान की अर्धशती पर १३ सितम्बर १९७९ को दुर्गा भाभी के हाथों से यतीन्द्र पर एक स्मृति डाक टिकट जारी किया गया था। इस अवसर पर शचीन्द्रनाथ सान्याल की धर्मपत्नी प्रतिभा सन्याल सहित देश के अनेक क्रांतिकारी वहां श्रद्धानत थे।

कलकत्ता में यतीन्द्र के घर १ अमिता घोष रोड पर आज विकट सन्नाटा है। कोई देशवासी उन दरो-दीवारों को अब नहीं देखता जहां कभी उस क्रांति-कथा का सपना बुना गया था जो इतिहास में ‘लाहौर षड्यंत्र केस’ के नाम से दर्ज है। यतीन्द्र के भाई दादा किरण चन्द्र दास भी वर्षों पूर्व दिवंगत हो गए। उनके बेटे मिलन चन्द्र दास के पास बंगाल के इस अप्रतिम शहीद का यादनामा पूरी तरह खो जा चुका है।

कौन याद करेगा कि यतीन्द्र की अर्थी लाहौर से दिल्ली होते हुए जब बंगाल पहुंची तब कलकत्ता की सड़कों पर उसके पीछे ५ लाख लोग थे।

१९८० में कलकत्ता के उस श्मशान में भी ‘एकला चलो रे’ गाने वाले शहीद यतीन्द्र का पुतला स्थापित किया गया जिस जगह देशवासियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी थी।
प्रणाम यतीन्द्र!

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार