Friday, January 10, 2025
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेबाल गंगाधर तिलक का ट्रस्ट ऐसे कर रहा कोरोना वॉरियर्स की मदद,...

बाल गंगाधर तिलक का ट्रस्ट ऐसे कर रहा कोरोना वॉरियर्स की मदद, 123 साल से बंद पड़ा था

पुणे।आज देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। एक दौर वह भी आया था जब पूरा विश्व इसी तरह की एक महामारी प्लेग (Plague epidemic) से जूझ रहा था। 1897 में पुणे भी इसकी चपेट में आ गया था। इस बीमारी का आलम यह था कि हर घर में एक शख्स इससे संक्रमित हो रहा था। प्लेग के चलते शहर की लगभग आधी आबादी घट गई थी।

उस वक्त कई लाशों को ब्रिटिश अधिकारियों ने कुएं में फेंकवा दिया था क्योंकि उस वक्त अंतिम संस्कार के लिए फंड की कमी हो गई थी। इसके बाद बाल गंगाधर तिलक ने दूसरे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर श्मशान फंड कमिटी का गठन किया। इस पैनल ने अंतिम संस्कार के लिए जरूरी सामान इकट्ठा किया।

ट्रस्ट की बची हुई राशि से मदद
इस कमिटी को काफी दान मिला, जिससे यह कमिटी 1910 तक सफलतापूर्वक चलती रही। इसके बाद कोई काम न होने से ट्रस्ट मात्र रजिस्टर्ड बॉडी बनकर रह गया था। आज 123 साल बाद इस संस्था को कोरोना वायरस से जंग के लिए दोबारा खोला गया। कमिटी में तैनात वर्तमान ट्रस्टी ज्यादातर स्वतंत्रता सेनानियों के ही वंशज हैं उन्होंने ट्रस्ट की 25 लाख रुपये की बची हुई राशि को इस्तेमाल करने का फैसला किया।

श्मशान घाट में काम करने वालों को दान दी 75 पीपीई
नारायण पेट से ट्रस्ट का संचालन कर रहे सदस्यों ने मंगलवार को पीएमसी द्वारा संचालित श्मशान घाट में काम करने वाले कर्मियों को 75 पीपीई किट दान दी। लेखक हरि नारायण आप्टे के पोते 81 साल के ट्रस्टी बाल साणे ने बताया, ‘हमें सदियों पुराने इस बचे हुए फंड का इस्तेमाल करना था और हम चाह रहे थे कि श्मशान के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जाए। इसलिए कई साल तक इस्तेमाल नहीं हो पाया।’

क्वॉलिटी प्रूफ हैं सेफ्टी गियर
कमिटी के सदस्यों ने कोरोना के प्रकोप तक सेफ्टी गियर की सप्लाइ का फैसला किया है। ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि ये किट क्वॉलिटी प्रूफ हैं और इन्हें धोने के बाद फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है।

साभार- पुणे मिरर से

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार