Thursday, November 28, 2024
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दुर्घटना, जो राहत बनकर एक सामाजिक संदेश दे गई !

कभी कभी अपने जीवन में चलते-चलते ऐसी दुर्घटना घटती है की उस घटी घटना से हमें दुख से ज्यादा सामजिक व्यवहर को समझने की दृष्टि मिल जाती है। आज इसी प्रकार की एक घटना से गुजरने का अवसर मेरे जीवन में आया । मैं किसी कार्य के लिए मेरी कार लेकर जा रहा था। थोड़ी बारिश थी। कोरोना के कारण मुँह पर मास्क लगाया था। मेरी आँखों में चश्मा था । और गाड़ी में ए.सी. भी चालू था। मेरी कार दो तरफा रास्ते से गुजर रही थी । अचानक से मेरी कार डिवाइडर पर चढ़कर कम से कम १४ से १५ फ़ीट तक डिवाइडर पर घिसते हुए आगे निकल गई। गाड़ी की गति 40 की स्पीड की में होने के कारण गाड़ी 14 से 15 फीट तक डिवाइडर पर घिसते हुए आगे निकल गई । मुँह पर मास्क होने के कारण मुँह से एक प्रकार से बाफ बाहर निकल रही थी। और वह बाफ मेरे चश्मे पर आकर जम गई। इस कारण मुझे सामने से आने वाली गाड़ियाँ भी दिखाई नहीं दे रही थी, और अचानक से यह हादसा हो गया। भगवान की कृपा से मुझे कुछ नहीं हुआ था। लेकिन गाड़ी जिस गति से उस डिवाइडर पर चढ़ी थी और गाड़ी के निचले हिस्से के घर्षण की आवाज भयानक स्वरुप मे सुनाई दी थीं । उससे यह पक्का था कि गाड़ी का निचला हिस्सा बहुत बुरी तरह से रगड़ा गया था ।

अचानक से हादसा होने के कारण मैं 2 मिनट के लिए गाड़ी से नीचे उतर ही नहीं पाया। क्या हुआ यह समझ में आने के बाद मैं गाड़ी से नीचे उतरा । उन 2 मिनटों में बहुत सारे लोग वहाँ पर इकट्ठा हुए थे। इतनी डिवाइडर पर आपने गाड़ी चलाई कैसी? गाड़ी चलाना नहीं आता क्या ? गाड़ी को ऐसे ही रिवर्स भी पीछे ले लो? इस प्रकार से भीड़ से सवाल और मशवरे आने लगे। लेकिन उस भीड़ से दो युवक आगे बढ़े और उन्होंने मुझे कहा, “आप डरिए मत। हम आपको पूरी तरह सहायता करेंगे। आप गाड़ी रिवर्स में मत लीजिए। गाड़ी रिवर्स में लोगे तो गाड़ी का निचला हिस्सा बहुत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाएगा। उसी समय उन्होंने तुरंत अपने फोन से टो वेहीकल वाले को फोन किया। मेरी टो वेहिकल वाले से मेरी बात कराई। मैंने टो वेहिकल वाले को मेरे गाड़ी की स्थिति बताइए। अगले 10 मिनट में यह टो करने वाली गाड़ी वहाँ पहुंच गई। तब तक उन दो लड़कों ने ट्राफिक को नियंत्रण करना प्रारंभ किया था। अपने मोबाइल की लाईट के माध्यम से रास्ते पर झुक कर मेरी गाड़ी का निचला हिस्सा कितना क्षतिग्रस्त हो गया है इसकी जानकारी लेने का प्रयास किया । उस टो वेहिकल गाड़ी ने मेरी कार को बड़ी मशक्कत से उस डिवाइडर के ऊपर से बाहर निकाला। यह सब कार्य कार का एक्सीडेंट होने के बाद सिर्फ 15 मिनट के अंदर हो गया।

जब यह घटना घटी तब मुझे लगा कि अभी यहां पर दो-तीन घंटा मुझे रुकना ही है। लेकिन उसी समय वहाँ पर पहुँचे उन दो लड़कों ने मुझे जो सहायता की वह लाजवाब थी। उन्होंने सिर्फ मेरी गाड़ी निकालने के लिए मुझे सहायता की ऐसी बात नहीं है, तो उन्होंने ट्रैफिक को भी कंट्रोल किया। शुरू में मुझे सवाल पूछने वाले सारे लोग वहाँ से निकल गए थे लेकिन इन दोनों युवकों ने ट्रैफिक कंट्रोल करना, टो वेहीकल को बुलाना और मेरी गाड़ी सही सलामत है या नहीं इसका मुआयना करना यह सारी बातें की। जब यह पूरा काम होने के बाद मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उनमें से एक का नाम विलास वाघमारे और दूसरे युवक का नाम प्रकाश जोईल इस प्रकार से बताए । लेकिन मेरी उत्सुकता मुझे शांत होने नहीं दे रही थी। मैंने उनसे एक बात पूछी कि इतने कम समय में आपने ट्रैफिक कंट्रोल करने से लेकर मुझे इस संकट से दूर करने तक सब बातें आपने तुरंत कैसे कर ली ? तब उन्होंने कहा कि हमारी एक संस्था है । वह संस्था ऑल महाराष्ट्र सारथी इस नाम से परिचित है । हमारी संस्था ऑल इंडिया स्तर पर काम करती है । मुंबई, महाराष्ट्र या भारत मे कहीं भी कोई दुर्घटना होती है तो हमारी संस्था के कार्यकर्ता वहां की पूरी स्थिति संभाल लेते हैं। हमने कुछ अलग काम नहीं किया। अपघात होने के बाद जब भीड़ आपको सवाल पूछ रही थी ,तब हम यह से हमारी कार से गुजर रह थे। हमने अपना काम किया।

समर्थ व्यक्ति आपके साथ हो तो बड़ी से बड़ी दुर्घटना भी चुटकी से हल हो जाती है। आज मेरा अनुभव कुछ ऐसा ही था। मैं उन दोनों का धन्यवाद व्यक्त किया।

आज घटी इस घटना से मुझे दुख से ज्यादा खुशी हो रही है । क्योंकि समाज में ऐसे भी लोग हैं जो राह चलते लोगों को उसके संकट से तुरंत बाहर निकालते हैं । संकट के समय जो साथ देता है उसे अदृश्य रूप मे आये भगवान की तरह ही हम मानते है। जाते जाते वह एक बात मुझे कह गए थे कि हमारी संस्था का स्लोगन ही ऐसा है … “तुमची हाक , आमची साथ।” मेरे पुकारने से पहले ही सहयता के लिये तत्परता से हाजीर हुए विलास वाघमारे और प्रकाश जोईल जी मैं आपका ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं। धन्यवाद।

(लेखक मुंबईसे प्रकाशित मासिक विवेक के संपादक हैं)

एक निवेदन

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