मुंबई। पश्चिम रेलवे विभिन्न स्तरों पर माल यातायात को बढ़ावा देने के लिए लगातार नये रास्ते तलाश रही है। सितम्बर, 2020 के महीने में अब तक की सबसे अच्छी लोडिंग हासिल करने के बाद, अब पश्चिम रेलवे ने 10 अक्टूबर, 2020 को उर्वरकों की अब तक का सबसे अच्छी सिंगल डे लोडिंग दर्ज कर एक और अहम उपलब्धि हासिल की है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए एक और ग्राहक अनुकूल पहल के तहत विभिन्न एसएलआर में पार्सल स्थान की 120 दिनों की अग्रिम बुकिंग की अनुमति दी गई है। इस योजना को ध्यान में रखते हुए, वडोदरा डिवीजन द्वारा पहली बार एसएलआर की अग्रिम बुकिंग कृषि उपज ड्रम स्टिक के लिए हावड़ा तक की गई है। वडोदरा डिवीजन में ट्रेन नंबर 02833 वडोदरा – हावड़ा द्वारा ढोए जाने वाले ड्रम स्टिक के लिए यह अग्रिम माल बुकिंग की गई है, जिसके अंतर्गत चार टन स्थान को 75 दिनों के लिए बुक किया गया है और इससे 21.63 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। एक और उपलब्धि के अंतर्गत पश्चिम रेलवे ने 10 अक्टूबर, 2020 को 1442 वैगनों के साथ 31 रेकों में उर्वरकों की लोडिंग कर सबसे अच्छी सिंगल डे लोडिंग का रिकॉर्ड दर्ज किया है और 6 अक्टूबर, 2020 को दर्ज 1426 वैगनों के साथ 29 रेकों के पिछले सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड को पार कर लिया है।
श्री ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 10 अक्टूबर, 2020 तक कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 1.47 लाख टन से अधिक वज़न वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 599 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयाॅं, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से हासिल राजस्व लगभग 49.45 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 102 दूध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें लगभग 78 हजार टन भार था और वैगनों का 100% उपयोग हुआ। इसी तरह 447 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियाॅं 47 हजार टन के भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं। इनके अलावा 22 हज़ार टन भार वाले 50 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये। 22 मार्च से 10 अक्टूबर, 2020 तक लॉकडाउन अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 17,660 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा 37.34 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। 34,667 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ इंटरचेंज किया गया, जिनमें 17,298 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 17,369 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इनके फलस्वरूप अर्जित राजस्व 4757.46 करोड़ रु. रहा। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये। 11 अक्टूबर, 2020 को एक पार्सल विशेष ट्रेन पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जो ओखा से गुवाहाटी के लिए चलाई गई।
लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी
कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुक़सान लगभग 2895 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 446 करोड़ रुपये और गैर- उपनगरीय क्षेत्र के लिए लगभग 2449 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद 1 मार्च 2020 से 10 अक्टूबर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे ने 444 करोड़ रुपये की रिफंड राशि की अदायगी सुनिश्चित की है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 215 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 69.10 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार उनकी रिफंड राशि प्राप्त की है।