21 मार्च को शाम 4 बजे गूगल मीट के सहारे आभासी कविसम्मेलन भारत के विभिन्न हिस्सों से पधारे जैसे महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश से अलग-अलग भारतीय भाषाओं जैसे उड़िया, हिंदी, मराठी, राजस्थानी, तेलुगु और अंग्रेजी में कविताओं का पाठ किया गया।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विदिशा, मध्य प्रदेश से आए प्रमुख लेखक श्री ब्रज श्रीवास्तव जी, आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ हिंदी साहित्यकार लिंगम चिरंजीव राव जी और विविध भारतीय भाषाओं की संस्था प्रमुख श्रीमती लता तेजेस्वर रेणुका जी की उपस्थित मे समपन्न हुआ।
कार्यक्रम का संचालन मुंबई की मैत्रेयी कामिला पारमिता षड़ंगी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में नन्हीं बच्ची आराध्या के मंत्र पाठ और वंदना साहू के भक्ति पूर्ण जगन्नाथ भजनों से आरंभ हुआ।अतिथियों ने फागुन, ढोल, होली पर उत्कृष्ट कविताओं का पाठ किया। अश्विनी उमिद की हिंदी गजल और देविका मिश्रा की हिंदी कविता ने सभी का दिल छू लिया। स्नेह मिश्रा की संस्कृत कविता, सत्यनारायण आचार्य, अनुष्का राणा, सुभद्रा सलोनी महांती, रश्मि महापात्र की अंग्रेजी कविता पाठ से सब को प्रभावित किया। राजस्थानी भाषा में रतनलाल, लता तेलुगु मैं, मधुश्री गानू की मराठी कविता ने सबको रोमांचित किया।
अलका महान्ति, गीता षड़ंगी, कल्पना मिश्रा, क्षनप्रभा महान्ति, स्निग्धा सामंतराय, अरुंधति महन्ति, संयुक्ता साहू, लक्ष्मीप्रिया ओझा, प्रियंबदा सामल, वैजयंती साहू की उड़िया कविता मैं विश्व कविता दिवस की महक थी। अंत में, अंग्रेजी में सुभद्रा सलोनी और उड़िया में गीता सदंगी के धन्यवाद के साथ बैठक समाप्त हुई ।