नई दिल्ली। हिंदी प्रिंट मीडिया ने प्रसार में अंग्रेजी अखबारों को पीछे छोड़ा है। अब उन्हें भी समान महत्व मिल रहा है।’ यह बात वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक सर विलियम मार्क टुली ने अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में कहीं। कार्यक्रम का आयोजन अमर उजाला के नोएडा स्थित कार्यालय में किया गया।
तीन दशक तक दक्षिण एशिया में बीबीसी के प्रमुख रहे टुली ने कहा कि आजकल टीवी महज सनसनीखेज खबरों का जरिया बन गया है। अब तो ब्रेकिंग न्यूज के लिए भी इंतजार करने को कहा जाता है। पहले सनसनीखेज खबरें नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि टीवी पर किसी भी मुद्दे को लेकर सिर्फ विवाद के पहलू और तमाशे पर जोर दिया जाता है। टुली ने टीवी चैनलों की अपेक्षा देश के अखबारों को बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि अखबार बेहतर काम कर रहे हैं। भारत और इंग्लैंड, दोनों देशों में अखबार लंबी स्टोरी लिखते हैं।
कार्यक्रम के दौरान टुली ने भारतीय संस्कृति पर भी बात की और उसे अन्य देशों की संस्कृति से बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में ही देश का भविष्य है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति के साथ रहने पर जोर दिया जाता है जबकि पश्चिमी देश प्रकृति को गुलाम बनाने की कोशिश करते हैं। जरूरी है कि असली भारत ही बने, नकली अमेरिका बनना बड़ी भूल होगी।
वहीं भारतीय राजनीति और राजनेताओं पर दुख जताते हुए टुली ने कहा कि भारत में नेता सिद्धांतों पर ध्यान नहीं देते हैं। वह सिर्फ राजनीतिक लाभ देखते हैं। हालांकि उन्होंने माना कि भारत का प्रजातंत्र काफी मजबूत है, जो कि देश की ताकत है। टुली के मुताबिक भारत की कमजोरी है कि वह हमेशा दूसरे देशों को देखता है। भारत की अपनी संस्कृति और इतिहास है, जिसे न भूलते हुए आगे बढ़ना चाहिए।