भोपाल। विश्वविद्यालय का परिसर पहले बहुत छोटा था लेकिन इसके स्वप्न बहुत बड़े थे। यही कारण है कि आज एमसीयू देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में गिना जा रहा है। इंडिया टुडे की देश के श्रेष्ठ शिक्षा संस्थानों की सूची में एमसीयू को 34वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसी तरह छात्रों को अपने करियर को लेकर फोकस रहना चाहिए। आप भी देश में अपने नाम की मिसाल बना सकते हैं। मोटिवेशनल स्पीकर श्री पंकज चतुर्वेदी ने यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष व्याख्यान ‘करियर मंत्र’ में व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि विद्यार्थी जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब क्रिएटर बनें। इसलिए विश्वविद्यालय देश के अनुभवी विद्वानों के साथ विद्यार्थियों की बातचीत कराने का प्रयास कर रहा है। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि कितना कठिन समय क्यों न रहा हो लेकिन हमने अपने संकल्प को कभी कमजोर नहीं होने दिया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज के समय में आपको किसी और से प्रतिस्पर्धा नहीं करनी है बल्कि अपने आप से प्रतिस्पर्धा करनी है।
मुख्य वक्ता श्री पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि जीवन में हमें अपना लक्ष्य स्पष्ट रखना चाहिए। उस लक्ष्य को कैसे प्राप्त करना है, उसका रोडमैप क्या होगा, इस पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। पढ़ने-लिखने और सूचना जगत से जुड़े होने के कारण पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए करियर की अपार संभावनाएं हैं। आप सभी उद्यमशीलता की ओर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि युवाओं को यह बात ध्यान रखना चाहिए कि अगर करियर मात्र दाल-रोटी की व्यवस्था करना है तो निश्चित ही आपको सफलता नहीं मिलेगी। जब आपका करियर आपके परिवार के साथ देश और समाज के लिए समर्पित होगा तो आप निश्चित ही आगे बढ़ जाएंगे। आपको सेवा भाव के लिए सोच बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि अपने ऊपर विश्वास रखें। विश्वास के दीपक से ही हम समाज में प्रकाश फैला सकते हैं। श्री पंकज ने विद्यार्थियों से कहा कि अपने जीवन का मूल्याकंन करें। खुद से पूछें कि हम क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं? आखिर में श्री चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों से बातचीत की और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
कार्यक्रम का आयोजन प्लेसमेंट एवं एंटरप्रेन्योर सेल की और से हुआ। विषय प्रवर्तन कुलसचिव प्रो. अविनाश बाजपेयी ने किया। संचालन सहायक प्राध्यापक सुश्री मनीषा वर्मा ने और आभार ज्ञापन कार्यक्रम समन्वयक प्रो. कंचन भाटिया ने किया।
कुलसचिव
(डॉ. अविनाश वाजपेयी)