Sunday, November 24, 2024
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स्वच्छ शहर में एक नया इतिहास लिखेगा लिट् चौक

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में 17 से 19 दिसंबर तक होने जा रहे लिट् चौक में आप साहित्य, कला व संस्कृति की त्रिवेणी में तो डुबकी लगाएंगे ही एक श्रोता के रूप में हर किसी के लिए ये आयोजन एक ऐसे स्मृति पुंज के रूप में दर्ज हो जाएगा जिसका बखान करके हर कोई गर्व और रोमांच महसूस करेगा।

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इस आयोजन को सफल बनाने में जुटे इन्दौर के युवाओं का समर्पण और त्साह देखने लायक है। दैनिक प्रजातंत्र और मृत्युंजय भारत ट्रस्ट के बैनर तले हो रहे इस आयोजन में इतने रंग, स्वाद और रस घुले हुए हैं कि श्रोताओं के लिए ये तय करना मुश्किल हो जाएगा कि वह किसका स्वाद ले और किसका छोड़े।

आज जहाँ आयोजनों के नाम पर भौंडे व अश्लील नाच गानों, फूहड़ कविताओं और बेसुरे फिल्मी गानों का दौर चल रहा है ऐसे में साहित्य से लेकर संगीत और फिल्म से लेकर कला के विविध आयामों से जुड़े सृजन शिल्पियों को एक मंच पर लाकर उनकी रचनाधर्मिता, संघर्ष और समर्पण की यात्रा पर चर्चा के लिए मंच तैयार करना किसी खामोश क्रांति से कम नहीं।

आयोजन स्थल पर कला और कलाकारों की प्रतिभा को बिखरने के काम में लगी जानी मानी कला सर्जक विनी मनोज बताती है कि हम पूरे परिसर में प्लास्टिक विहीन और पर्यावरण को बचाने वाली चीजों के माध्यम से कला के सौंदर्य से परिचित कराएंगे। यहाँ प्रयोग में ली जाने वाली हर चीज ऑर्गेनिक होगी। लोकल फॉर वोकल को दृष्टिगत रखते हुए बाँस के चटाई, टोकनी जैसी चीजों का प्रयोग किया जाएगा। भंगार और अटाले की बेकार चीजों से बनी कृतियों से ये एहसास कराया जाएगा कि ये चीजें भी सौंदर्यबोध पैदा कर सकती है। 19 दिसंबर इन्दौर के ही युवा कलाकार अपनी रचनात्मक प्रस्तुतियाँ देंगे। यहाँ आने वाले सभी अतिथियों के हाथों की छाप हल्दी और गेरु के रंगों से ली जाएगी। श्रीमती विनी जैन देश भर के कला समराहों में जाती हैं और नए नए प्रयोगों से अपनी कला का प्रदर्शन करती है।

समारोह से जुड़े चेतन जोशी बताते हैं इस आयोजन को लेकर पिछले कई महीनों से तैयार चल रही है। इसके लिए दो महीने पहले 6 हजार लोगों को अंतरदेशीय पत्र लिखकर सकी सूचना दी गई। उन्होंने कहा कि इन्दौर की पहचान इन्दौर प्रभाष जोशी, राजेंद्र माथुर, किशोर कुमार, लता मंगेशकर सहित ऐसे कई नामों से हैं जिन्होंने देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाई, लेकिन नई पीढ़ी को उन लोगों के बारे में पता नहीं है जिन्होंने अपनी रचनाधर्मिता से इन्दौर को पहचान दी। इस योजन के माध्यम से हम नई पीढ़ी को तो मंच प्रदान करना चाहते ही हैं, हम चाहते हैं कि देश और दुनिया में अपनी पहचान बना चुके लोग भी इस पीढ़ी से सीधे जुड़ें और अवसर मिले तो इन्हें मंच प्रदान करे।

लिट् शब्द का मतलब होता है कुछ नया, कुछ अनूठा और चौक हमारा पारंपरिक शब्द है जिसका मतलब है ऐसी जगह जो सबके लिए खुली है। इन दोनों शब्दों को मिलाकर लिट् चौक नाम दिया गया है।

इस आयोजन से युवाओं को जोड़ने के लिए शहर भर के कॉलेज के छात्र छात्राओं से व युवाओं के अड्डे कैफे व रेस्त्राओं के साथ ही नुक्कड़ नाटकों व संगीत कार्यक्रमों के माध्यम से जीवंत संपर्क किया गया। इसका नतीजा ये हुआ कि 200 छात्र छात्राएँ इसके लिए कारयकर्ता के रूप में काम करने को तैयार हो गए। कई युवाओं ने ऑन लाई प्रक्रिया से भी अपना नाम शामिल करवाया।इसके लिए रीना बाजपेयी, गौरव साथी, हरेराम बाजपेयी, निधि, अंकित निर्मल , अर्पण जैन लगातार सक्रिय रहे।

आयोजन से जुड़ी साक्षी लालवानी ने बताया कि पूरे कार्यक्रम के लिए अलग अलग टीमें बनाई गई है। स्टेज, पांडाल, प्रस्तुति, खान पान के स्टाल, हैंडीक्राफ्ट, बुक स्टाल, वीआईपी फुड स्टाल, कला व कलाकारों के लिए जगह का चयन आदि के लिए टीमें बनाई गई और सबने मिल-जुलकर शानदार काम किया।

साक्षी ने बताया कि मैं पहले किसी के सामने बात करने में हिचकती थी लेकिन इस आयोजन से जुड़ने से आत्मविश्वास बढ़ा और हिचक भी खत्म हो गई।

उसका कहना था कि हेमंत शर्मा, धरा पाण्डेय और निखिल पाण्डेय के मार्गदर्शन में काम करते हुए इतना कुछ सीख लिया कि अपने आप पर भरोसा बढ़ गया है।

इस आयोजन के अन्य आकर्षणों में होंगे दास्तानगोई, कवि सम्मेलन/मुशायरा और बैंड की प्रस्तुति। लगभग 300 उभरते कलाकार अपनी कला के कौशल से आपको रोमांचित करेंगे।

इसी मंच के प्रांगण में होंगे कई तरह की कार्यशालाएँ जहाँ आप कला के कई रंगों से सीधे रू-ब-रू होंगे।

देश के प्रमुख प्रकाशनों की किताबों के स्टॉल्स भी रहेंगे, तो मालवी, मराठी, गुजराती खानपान के चटपटे व्यंजन भी।

हस्तशिल्प का सौंदर्य भी होगा तो आरजे हंट और फोटोग्राफ़ी जैसी प्रतियोगिताएं आपकी छुपी प्रतिभा को तलाशेगी।

इस महोत्सव का डिजिटल पार्टनर है ‘दी लल्लनटॉप’, रेडियो पार्टनर है ‘माय एफएम’, और साथ में हैं कुछ एसोसिएट पार्टनर्स जैसे आईसीसीआर, आईजीएनसीए, मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद, थिंक इंडिया, राष्ट्रीय कला मंच, इंदौर प्रेस क्लब, युवा वाणी, हिन्दीनामा, तीखर और इंदौर वाले.

‘यशवंत क्लब, इंदौर इस आयोजन का भागीदार है जिसने अपना विशाल प्रांगण इसके लिए उपलब्ध कराया है।

17.18.19 दिसंबर, 2021 को यशवंत क्लब, इंदौर में एक नया इतिहास लिखने जा रहा है, इस इतिहास के साक्षी बनकर इसकी गौरवगाथा में आप भी अपना नाम लिखाईये।

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