भोपाल। महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ का तीन दिवसीय राष्ट्रीय विचार समागम 19 जून से 21 जून तक उज्जैन में आयोजित किया जा रहा है। ‘विक्रमादित्य युगीन वृहत्तर भारत’ थीम पर आयोजित विचार समागम में देश के सुपरिचित विषय विशेषज्ञों के साथ सुप्रतिष्ठत इतिहासकार अपने विचार व्यक्त करेंगे।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन परिसर पर स्थित विक्रम कीर्ति मंदिर में आयोजित परिसंवाद के पश्चात प्रतिदिन रात्रि में नाटकों का प्रदर्शन किया जाएगा। महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा निर्मित विक्रमादित्यकालीन लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। इन फिल्मों के माध्यम से बताया गया है कि महाराजा विक्रमादित्य एक सार्वभौम सम्राट थे।
इस आशय की जानकारी शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने दी। उन्होंने आगे बताया कि परिसंवाद का उद्घाटन इतिहास संकलन योजना, नईदिल्ली के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. बालमुकुंद पाण्डे करेंगे।
शोधपीठ के निदेशक श्री तिवारी ने बताया कि अश्विनी शोध संस्थान महिदपुर द्वारा आयोजित पुरातात्विक मुद्रा एवं मुद्रांक प्रदर्शनी से परिसंवाद का आरंभ 19 जून को होगा। इसी दिन दूसरे सत्र में ‘संवत् प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य के पुरातात्विक साक्ष्य’ एवं तीसरे सत्र में ‘संवत् प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य व्यक्तित्व एवं कृतित्व’ पर चर्चा होगी। 20 जून को ‘संवत् प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य की गाथाएँ एवं किवदंतियाँ’, ‘संवत् प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्ययुगीन वृहत्तर भारत’ एवं इस दिन के अंतिम सत्र में ‘संवत् प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य का शासन प्रबंधन’ पर विद्वतजन विमर्श करेंगे। 21 जून को समापन सत्र में ‘संवत् प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्ययुगीन कालगणना एवं संवत् प्रवर्तन’ पर चर्चा होगी।
महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के इस प्रतिष्ठा आयोजन में पहले दिन महानाट्य विक्रमादित्य, दूसरे दिन नेपथ्य राग (गणितज्ञ वराह मिहिर के जीवन पर एकाग्र) एवं अंतिम शाम तेजस्वनी-वेदों में ऋषिकाएँ का मंचन किया जाएगा। इस अवसर पर प्रतिदिन विचार समागम के पूर्व महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा निर्मित चुनिंदा लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। प्रदर्शित होने वाली फिल्में यूट्यूब पर भी देखी जा सकती हैं।