उदयपुर। शहर में पर्यटन के मुख्य केंद्र यहाँ की झीले ,तालाब,प्राकृतिक बसावट,बाग़ बगीचे व ऐतिहासिक विरासतें है। इनके संरक्षण व सुधार से ही उदयपुर का पर्यटन उद्योग फलेगा फूलेगा। उक्त विचार झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित रविवारीय श्रमदान पश्चात संवाद में व्यक्त किये गए।
झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना का मूल उद्देश्य शहर को जन मानस के लिए सुविधा व सुरुचिपूर्ण बनाना है जिसमे सुंदरता व स्वच्छता अन्तर्निहित हो।
झील मित्र संस्थान के तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि झीलों के प्राकृतिक स्वरुप तथा स्वच्छ पारदर्शी जल की बहाली शहर के स्मार्ट होने का प्रारंभिक व प्रमुख सूचक है।
डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल के नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि मल व कचरा निस्तारण , टिकाऊ रोजगार,सर्व सुलभ स्वास्थ्य व नागरिक सुविधाओ व सेवाओ से ही शहर लिवेबल बनेगा। नागरिक जागरूकता व शहर के सौंदर्य में नागरिक भूमिका ही पर्यटक को नगर के आतंरिक सौदर्य से रु बरु करा सकती है।
समाज सेवी मोहन सिंह चौहान व रमेश चन्द्र राजपूत ने कहा कि यदि स्मार्ट शहर पर राय देने वाले साठ हज़ार नागरिक व उनके परिवार प्रण करले कि शहर को स्वच्छ बनाना है तो सरकारी सहायता के बिना भी हमारा शहर विश्व का सिरमौर बन सकता है।
संवाद पूर्व झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रमदान द्वारा पिछोला के अमरकुंड क्षेत्र से जलीय घास, पोलिथिन, घरेलू बेकार सामग्री,फटे पुराने कपडे , बॉटल्स आदि निकाली गयी। घाट पर फैली गन्दगी और मानव मल को हटा पुरे घाट को धोया गया। श्रमदान में रमेश चन्द्र राजपूत, मोहन सिंह, राम लाल गेहलोत, दुर्गा शंकर पुरोहित, ललित पुरोहित, अजय सोनी, स्वर्णकार, भावेश पुरोहित,प्रियांशी कुमावत,हर्शल,गरिमा , तेज शंकर पालीवाल, डॉ अनिल मेहता व नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।