भुवनेश्वर। संस्कृत भारती,उत्कल के सौजन्य से भुवनेश्वर में 24 मई से मां घर ,गैरेज चौक के समीप चल रहा है 14 दिवसीय संस्कृत प्रशिक्षण शिविर।शिविर के चौथे दिन बच्चों ने बोलचाल के रुप में संस्कृत को अपनाने का प्रशिक्षण लिया। गौरतलब है कि इस शिविर में ओडिशा के विभिन्न जिलों से कुल 180 छात्र-छात्राएं प्रशिक्षण ले रहे हैं। 28मई की शाम के वक्त वे खेल-खेल में छोटे-छोटे संस्कृत के शब्दों का प्रयोग अपने दैनंदिनी में सीखे। गौरतलब है कि संस्कृत देवभाषा है जिसके बोल-चाल के रुप में प्रचार-प्रसार के लिए 1981 से अखिल भारतीय संस्कृत भारती संस्था,नई दिल्ली कार्य कर रही है।
भुवनेश्वर में आयोजित शिविर का पूरा खर्च निःस्वार्थ समाजसेवी तथा संस्कृतप्रेमी दिलीप खण्डेलवाल अपने ही निवास स्थल मां घर में कर रहे हैं।शिविर में संसाधक के रुप में प्रांतीय अध्यक्ष आयुष्मंत षाडंगी,प्रांतीय महासचिव अजीत कुमार पण्डा तथा अन्य संसाधकों का योगदान प्रशंसनीय है। शिविर के छात्र-छात्राओं ने बताया कि देवभाषा संस्कृत को बोलचाल की भाषा के रुप में सीखने में उनको बहुत अच्छा लग रहा है। गौरतलब है कि संस्कृत भारती उत्कल ओडिशा के बरगढ जिले के भटली तहसील के कुलतापाली गांव को संस्कृत गांव बनाने की दिशा में अग्रसर है। संस्कृत प्रशिक्षण शिविर 6मई तक चलेगा।