90 के दशक में उत्तर प्रदेश में बाहुबली/ राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गुंडा /माफिया/ विधि विहीन व्यक्ति संरक्षित गुंडा वालों की छवि ज्यादा थी ,जब मैं दसवीं कक्षा का छात्र था ,तत्कालीन समय में बहुत शर्मीले स्वभाव का था। मेरे व्यक्तित्व से मेरे आदरणीय पिताजी असंतुष्ट रहते थे, क्योंकि उनको सामाजिक सरोकार/ सामाजिक योज्य व्यक्ति पसंद थे।पिताजी के दबाव में और शर्मीले स्वभाव के कारण एक शादी समारोह में जाना हुआ, वहां पर जरायम की दुनिया से निकले माफिया से राजनेता हुए और भौकाली संस्कृति के पोषक का आना हुआ,उनके आगमन पर इतना हूटर बजा की बैंड बाजा वाले आराम करने लगे थे।उनको साष्टांग पैर छूने वालों की तादाद लगी थी, मैं भी इस भौकाली विधि- निर्माता के पीछे खड़ा था।
किसी पत्रकार सज्जन से वह मानवाधिकार पर बात कर रहे थे, जमीनी धरातल पर मानवाधिकार का सैद्धांतिक पक्ष उनको मालूम नहीं था ,लेकिन उस विषय पर ऐसे बोल रहे थे कि चरण स्पर्श करने वाले गीता की तरह सुन रहे थे । वर्तमान नागरिक समाज में मोदी जी की महत्वपूर्ण उपादेयता है कि भौकाली संस्कृति/ विशिष्ट जन संस्कृति पर अंकुश लगा दिए हैं ।अपराधियों में विधि के शासन की चुस्ती इतनी है कि वह सभी उत्तर प्रदेश में असुरक्षित महसूस कर रहें, डबल इंजन की सरकार का बोलबाला,बुलडोजर बाबा को नंबर एक का नेता भी बनना हैं।प्रयागराज में आतंक, बलात्कारी, दबंगई नेता का प्रयाय अतीक ब्रदर का नागरिक समाज ने सफाया कर दिया दिया हैं।अभी गाजीपुर के विधायक जी को आर्थिक दंड दिया गया है ,नागरिक समाज में एक संदेश जा रहा है कि कानून का शासन/ विधि का शासन, पुलिस के सक्रियता बढ़ रही है।राजनीतिक नेतृत्व शक्तिशाली होता है ,संरक्षणवाद की नीति से दूर होता है तो वहां पर विद्वान व स्वच्छ छवि के व्यक्ति के विवेक का सम्मान होता है और विवेक का शासन चलता है।
जनादेश की विडंबना देखिए कि गाजीपुर से आने वाले मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या ,हत्या करने के प्रयास, हथियारबंद तरीके से दंगे भड़काने, आपराधिक साजिश रचने और आपराधिक धमकियां जैसे दर्जनों अपराध है; फिर भी 5 बार विधायकी का तमगा/ प्रमाण पत्र पा ही गए थे, इससे भी बढ़कर उनकी तीन बार विधायकी ब बंदी गृह से ही विजयी हो चुके हैं। ऐसे माननीय से जनता लोक कल्याण / जन कल्याण के काम की आशा करें। इन घटकों का बारीकी से अध्ययन करने पर इनके व्यक्तिव की विशेषताएं प्राप्त होती हैं। झूठ बोलने में माहिर ,बहुरूपिया व्यक्तित्व ,व्यक्तित्व में नकारात्मक का भरा होना। ऐसे व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए इन्हीं बंदूक संस्कृति,जेल संस्कृति और बहुरूपिया संस्कृति के व्यक्तित्व भावनात्मक प्रयोग करते हैं।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की माफिया के विरुद्ध’ ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति व्यापक प्रभाव डाला हैं। इसमें सरकार को समाज के प्रत्येक वर्ग ,जाति और पंथ का समर्थन मिला हैं।विधि के शासन की उपादेयता है कि भारतीय जनता दल (बीजेपी )को 2017 में 30.8% वोट मिले थे, जो इस बार बढ़कर 32.22% हो गए हैं।विधि के शासन का प्रभाव इतना रहा हैं कि भारतीय जनता पार्टी को इतना वोट मिले है,जितना सपा,बसपा और कांग्रेस तीनों को मिलाकर।भाजपा ने कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली ,मैनपुरी में भी नगरपालिका अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है।2021के ग्राम पंचायत चुनाव में भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी रही और शहरी पार्टी का ठप्पा हट्टा दिया गया है,अब भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) सम्पूर्ण देश, जाति,पंथ और समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली राजनीतिक दल हैं।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)