Sunday, November 24, 2024
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बटरसी पॉवर स्टेशन : एक बंद पॉवर स्टेशन को आइकोनिक पर्यटन स्थल में बदलने की कहानी

चालीस वर्षों से बंद पड़े लन्दन के बटरसी इलाक़े में एक विशाल पॉवर स्टेशन को किस तरह से एक आइकोनिक पर्यटन स्थल में बदल दिया गया इसकी कहानी काफ़ी रोचक है . विदेशी टूरिस्ट अभी इस खूबसूरत स्पॉट के बारे में बहुत कम ही जानते हैं.एंग्लो सैक्सन जमाने में टेम्स के दक्षिणी तट पर इस पूरे इलाक़े में इलाक़े में दलदल हुआ करती थी, सत्तारहवीं शताब्दी के आते आतेकुछ प्रगतिशील किसानों ने यहाँ फल और सब्ज़ी उगाना शुरू कर दिया था जिसे वे घोड़ा गाड़ी पर लाद कर लन्दन के बाज़ारों में ले जाया करते थे .

उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत में इसी बटरसी इलाक़े में एक विशाल पॉवर स्टेशन का निर्माण शुरू हुआ और 1925 में इससे विद्युत का उत्पादन होने लगा था . यह स्टेशन बकिंघम पैलेस और ब्रिटिश पार्लियामेंट जैसी महत्वपूर्ण इमारतों को पॉवर सप्लाई करता था . अपने उत्कर्ष काल में यह लन्दन जैसे विशाल महानगर की कुल आपूर्ति का पाँचवाँ हिस्सा सप्लाई किया करता था. इसकी आर्ट डेको शैली में बनी इमारत दूर से ही लोगों को आकर्षित करती थी . उस दौरान यह पॉवर स्टेशन अपने आप में एक सांस्कृतिक और डिज़ाइनआइकन बन गया था. तभी तो सुप्रसिद्ध

बैंड पिंक फ्लॉयड ने अपने एल्बम Animals के आवरण पर पावर स्टेशन की चिमनियों को दिखाया था . 1978 में द जाम बैंड के म्यूजिक वीडियो News Of The World में इस पॉवर स्टेशन को शूट किया गया था.टेम्स के तट पर यह पॉवर स्टेशन होने के दो बड़े फ़ायदे थे , इसके विशाल बॉयलरों को निरंतर भाप बनाने के लिए पानी की जो ज़रूरतहोती थी वह टेम्स नदी से लगातार मिलता रहता था , फिर बॉयलर्स को गर्म करने के लिए कोयले की ज़रूरत पड़ती थी वह भी नौकाओं से यहाँ तक लाना काफ़ी सुविधा जनक था। लेकिन सातवें दशक के आते आते एक बात पर्यावरण एक्टिविस्ट को बेहद परेशान करने लगी, चिमनियों से निकलने धुएँ के कारण लन्दन शहर पर धुएँ का ग़ुबार बना रहता था .इसलिए विद्युत उत्पादन के बेहतर विकल्पों की खोजबीन शुरू हो गई और 1985 में इसे बंद कर दिया गया।

यहाँ विद्युत उत्पादन बंद किए जाने के बाद 43 एकड़ में फैली इस विशाल ऐतिहासिक संरचना का क्या किया जाये यह बात नगर-योजनाकारों को समझ नहीं आ रही थी. उनमें बिल्डिंग को गिरा कर थीम पार्क बनाना , कनाडा की एंटरटेनमेंट कंपनी सिरूक़ द सोलेल का स्थाई हेडक्वार्टर , चेल्सा फुटबॉल क्लब के लिए स्टेडियम बनाने जैसे सुझाव शामिल थे. लेकिन उसमें एक दिक़्क़त थी, इमारत आर्ट डेको शैली की थी. यह ईंटों से बनी विश्व की सबसे बड़ी इमारतों में से एक थी और संरक्षित श्रेणी में आती थी इस लिए इसे गिराने की अनुमति मिलना मुश्किल था. आख़िर में मलेशिया के एक निवेशक समूह ने इसके पुराने स्वरूप को बरकरार रखते हुए कुछ ऐसा कर गुज़रने का प्रस्ताव किया जो सब से अनूठा था. 8 बिलियन पाउंड की लागत और दस वर्षों के निर्माण के बाद यह पॉवर स्टेशन अक्तूबर 2022 में आम जनता केलिए खोल दिया गया है. अब यहाँ एक म्यूज़ियम है , समकालीन कला की कला दीर्घा है और उसके साथ ही एक ऐसा माल भी हैजिसमें दुनिया भर चुनिंदा ब्रांड हैं, अच्छे रेस्टोरेंट और बार हैं , मनोरंजन स्थल हैं . और साथ ही साथ स्टेशन के कंट्रोल रूम को चुस्त दुरुस्त कर के बार में बदल दिया है .

हमने जब इस इलाक़े का भ्रमण किया और पाया कि शीघ्र ही लन्दन शहर का यह भाग अन्य टूरिस्ट इलाक़ों को कड़ी टक्कर देने लगेगा. बटरसी पार्क पहुँचना काफ़ी आसान बना दिया गया है. यहाँ सीधे नॉर्दर्न लाइन ट्रेन पहुँचने लगी है. बटरसी पार्क अंडरग्राउंड से पॉवर स्टेशन की दूरी मुश्किल से चार पाँच मिनट की है. नॉर्दर्न लाइन आने से यह इलाक़ा शहर के काफ़ी हिस्सों को यहाँ से जोड़ देती है . यहीनहीं डिस्ट्रिक्ट और सर्किल लाइन की ट्रेन स्लोन स्क्वायर स्टेशन तक तो आती ही हैं वहाँ से भी इसकी पैदल की ही दूरी है. आइए देखते हैं अब बटरसी पॉवर स्टेशन में क्या क्या नए आकर्षण जोड़े गये हैं . यहाँ क्लारेंडों फाइन आर्ट नामक गैलरी है जिसमें आधुनिक और समकालीन कलाकृतियों पर फ़ोकस किया गया है .

नियमित रूप से यहाँ कला प्रदर्शनी लगी रहती हैं साथ ही यहाँ कलाकारों के साथ संवाद का सिलसिला भी चलता रहता है . क्लारेंडों फाइन आर्ट कला के क्षेत्र में बड़ा नाम है उनकी ब्रिटेन में
अस्सी गैलरी हैं जिनमें 13 तो ओशियन लाइनरों पर हैं . यह गैलरी अपर ग्राउंड फ्लोर के टरबाइन हॉल ए में स्थित है . बटरसी पॉवर स्टेशन के पास ही क्लारेंडों फाइन आर्ट ने Art’otel नाम से एक होटल भी खोला है , यहाँ भी कला के उत्सव जैसा माहौल रहता है , होटल की लॉबीऔर अन्य महत्वपूर्ण स्थानों में बेहतरीन

कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं . यही नहीं उनके ग्रैंड कैफ़े में भी आर्ट गैलरी है .होटल में भी नियमित रूप से कला सम्बन्धी चर्चाएँ और अन्य कार्यक्रम चलते रहते हैं . आज सम्पन्न हुए अफोर्डेबल आर्ट फेयर के सह-प्रायोजकों मेंसे में एक Art’otel भी था. पॉवर स्टेशन का सबसे बड़ा आकर्षण “लिफ्ट 109” प्रदर्शनी है , इस में हमें ग्लास एलीवेटर में चिमनी के शीर्ष पर बने ऑब्जरवेशन डेकपर ले जाया गया , चिमनी के शीर्ष से लन्दन का जो 360 डिग्री नयनाभिराम विहंगम दृश्य दिखा वह संभवतः कहीं और दिखना मुश्किल ही है .

वैसे तो हर माल में अच्छे रेस्टोरेंट मिल जाएँगे लेकिन पॉवर स्टेशन केराइट ब्रदर्स का ज़िक्र ज़रूरी है , राइट ब्रदर्स लन्दन के शीर्ष रेस्टॉरेंट्स को पिछले बीस वर्षों से सी-फ़ूड सप्लाई कर रहे हैं , उनके इस रेस्टोरेंट में एक दम ताज़ा और अच्छी क्वालिटी का सी फ़ूड मिलता है . उनके रेस्टोरेंट के आउटडोर एरिया से टेम्स नदी का सुंदर दृश्य दिखता है . इसके बाद हमारी बारी थी, के बॉब रेस्टोरेंट में जाने की यह रेस्टोरेंट अपने कबाब के लिए काफ़ी प्रसिद्ध हो चुका है , शाकाहारी होने के कारण इस जगह हमारे चुनने के विकल्प सीमित थेलेकिन इनके भुने बैंगन के कबाब खा कर आनंद आ गया .

पॉवर स्टेशन से कुछ ही दूरी पर ओवर ग्राउंड ट्रेक के आर्च के नीचे सिनेमन स्ट्रीट किचेन है जिसके स्वामी विवेक सिंह हैं , इनका पंजाबीसमोसा दूर दूर तक मशहूर है , रेस्टोरेंट की आंतरिक साज सज्जा कोयले से चलने वाले पॉवर स्टेशन जैसी है. यहाँ से दस मिनट पैदल चलने पर विशाल बटरसी पार्क है जहां बच्चों के लिए चिड़ियाघर है , एक लेक है जिसने कभी पॉवर स्टेशन से बचा पानी छोड़ा जाता था .पार्क की परिधि में ही भगवान बुद्ध को समर्पित लन्दन पीस बुद्धा स्मारक भी है . बटरसी का पूरा इलाक़ा विशेष कर लैवेंडर हिल घूम कर देखिए ऐसा लगता है जैसे अब से साठ – सत्तर साल पुरानी दुनिया में पहुँच गए हों.

कुल मिला कर बटरसी पॉवर स्टेशन क्षेत्र घूमने के बाद लगता है कि लन्दन शहर अपनी पुरानी विरासत को लेकर बहुत गंभीर है और एकबंद पड़े पॉवर स्टेशन को बिलकुल नए अनुभव में बदल दिया है, वहाँ जिस प्रकार का इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है आने वाले कुछ वर्षों में दुनिया भर के कला प्रेमियों के लिये बड़ा आकर्षण बन जाएगा।

(लेखक लन्दन की यात्रा पर हैं और वहां के सामाजिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विषयों पर लेखन कर रहे हैं)

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