Sunday, November 24, 2024
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भारत रत्‍न पाने वाले को क्या विशेषाधिकार मिल जाते हैं

‘भारत रत्न’ की शुरुआत साल 1954 में हुई थी और 1955 से मरणोपरांत भी दिया जाने लगा।
यह उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए अधिक पढ़ें।

भारत रत्न (Bharat Ratna) देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। इस सम्मान को पाने वाला किसी राज्य में घूमने जाता हैा तो उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा मिलता है। भारत रत्न (Bharat Ratna) देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। यह उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए उल्लेखनीय और असाधारण योगदान दिया हो। भारत रत्न देने की शुरुआत 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी। 1954 में पहली बार तीन लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। ये तीन शख्तियत थीं- आजाद भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन।

भारत रत्न देने के लिए नाम की सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति से की जाती है। जिसके बाद राष्ट्रपति द्वारा उस व्यक्ति को यह सम्मान प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र और एक पदक मिलता है। पुरस्कार के साथ कोई धनराशि प्रदान नहीं की जाती है। यह कोई जरूरी नहीं है कि भारत रत्न सम्मान हर वर्ष दिया ही जाए।

1954 में ये सम्मान केवल जीवित लोगों को दिया जाता था। लेकिन 1955 में मरणोपरांत भी भारत रत्न दिए जाने का प्रावधान जोड़ा गया। भारत रत्न प्राप्त करने की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी जाती है। यह सम्मान 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर दिया जाता है। 1954 से अब तक 48 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है। कर्पूरी ठाकुर 49वें शख्स होंगे जिन्हें यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। एक साल में अधिकतम तीन लोगों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। यह पुरस्कार 13 जुलाई 1977 से 26 जनवरी 1980 के बीच निलंबित भी किया जा चुका है।

इस सम्मान को पाने वाला व्यक्ति देश के लिए वीआईपी होता है। सम्मनित व्यक्ति को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है।

जानिए भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को मिलती हैं क्या-क्या सुविधाएं…
1 इस पुरस्कार से जुड़ी पहली बात तो यही है कि भारत रत्न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री के बराबर वीआईपी का दर्जा मिलता है।
2 भारत रत्न पाने वालों को आयकर न भरने की छूट भी दी जाती है। साथ ही वह संसद की बैठकों और सत्र में भाग ले सकते हैं।
3 स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में विशेष अतिथि के तौर पर भी भाग ले सकते हैं।
इन्हें हवाई जहाज, ट्रेन और बस में निशुल्क यात्रा की छूट मिलती है।
4 अगर किसी राज्य में घूमने जाते हैं तो उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा मिलता है।
5 संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के अनुसार पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में ‘भारत रत्न’ का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। हालांकि वे अपने बॉयोडाटा, विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड आदि में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भारत रत्न या भारत रत्न पुरस्कार प्राप्तकर्ता जोड़ सकते हैं।
6 जिन्हें भारत रत्न मिलता है उन्हें सरकार वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है। वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिए होता है।
7 राज्य सरकारें भारत रत्न पाने वाली हस्तियों को अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं।

ये हो चुके हैं भारत रत्‍न से सम्‍मानित

प्रणब मुखर्जी – 2019
भूपेन हजारिका – 2019
नानाजी देशमुख – 2019
मदन मोहन मालवीय – 2015
अटल बिहारी वाजपेयी – 2015
सचिन तेंदुलकर – 2014
सीएनआर राव – 2014
पंडित भीमसेन जोशी – 2008
लता दीनानाथ मंगेशकर – 2001
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान – 2001
प्रो. अमर्त्य सेन – 1999
गोपीनाथ बोरदोलोई – 1999
जयप्रकाश नारायण – 1999
पंडित रविशंकर – 1999
चिदंबरम सुब्रमण्यम – 1998
मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी – 1998
डॉ. अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम – 1997
अरुणा आसफ अली – 1997
गुलजारी लाल नंदा – 1997
जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा – 1992
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद -1992
सत्यजीत रे – 1992
मोरारजी रणछोड़जी देसाई – 1991
राजीव गांधी – 1991
सरदार वल्लभभाई पटेल -1991
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर – 1990
डॉ. नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला – 1990
मरुदुर गोपालन रामचंद्रन – 1988
खान अब्दुल गफ्फार खान – 1987
आचार्य विनोबा भावे – 1983
मदर टेरेसा – 1980
कुमारस्वामी कामराज – 1976
वराहगिरी वेंकट गिरी – 1975
इंदिरा गांधी – 1971
लाल बहादुर शास्त्री – 1966
डॉ. पांडुरंग वामन केन – 1963
डॉ. जाकिर हुसैन – 1963
डॉ. राजेंद्र प्रसाद – 1962
डॉ. बिधान चंद्र रॉय – 1961
पुरुषोत्तम दास टंडन – 1961
डॉ. धोंडे केशव कर्वे – 1958
पं। गोविंद बल्लभ पंत – 1957
डॉ. भगवान दास – 1955
जवाहरलाल नेहरू – 1955
डॉ. मोक्षगुंडम विवेस्वराय – 1955
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी – 1954
डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन – 1954
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन – 1954

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