भारतीय मूल की नौ वर्षीय सामिया खान ने सिंगापुर में हिंदी साहित्य प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता है। भारतीय उच्चायुक्त विजय ठाकुर सिंह ने सामिया खान को पुरस्कार दिया।
उसको आठ से 12 साल के आयु वर्ग में ‘हिंदी प्रेरणा पुरस्कार’ के उद्घाटन के अवसर पर यह पुरस्कार मिला। सिंगापुर में उत्तर भारतीय मूल के छात्रों को हिंदी दूसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है। यह प्रतियोगिता तीन श्रेणियों में आयोजित हुई।
इसमें से बच्चों के समूह में आठ से 12 साल, युवा समूह में 13 से 16 साल और खुले समूह में 16 साल से ज्यादा उम्र के विद्यार्थी शामिल हुए। सामिया खान कक्षा चार की छात्रा है।
उसका कहना है कि उसने अपने पिता मोहम्मद शरीक खान और मां शीबा खान से प्रभावित होकर हिंदी सीखी। वह अब फोन पर मुंबई में अपने दादा-दादी से धारा प्रवाह हिंदी में बातचीत कर लेती है।
इसके अलावा अंशुल तुकोल ने यूथ ग्रुप और अंजली त्रिपाठी ने ओपेन ग्रुप में पुरस्कार जीता। ओपेन ग्रुप में कविता, भाषण और लेखन तीनों श्रेणियों में संजय कुमार ने टॉप किया। इस तीन माह की लंबी प्रतियोगिता में सिंगापुर के स्कूलों के सौ से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
उसका कहना है कि उसने अपने पिता मोहम्मद शरीक खान और मां शीबा खान से प्रभावित होकर हिंदी सीखा। वह अब फोन पर मुंबई में अपने दादा-दादी से धारा प्रवाह हिंदी में बातचीत कर लेती है।
इसके अलावा अंशुल तुकोल ने यूथ ग्रुप और अंजली त्रिपाठी ने ओपेन ग्रुप में पुरस्कार जीता। खुले समूह में कविता, भाषण और लेखन तीनों श्रेणियों में संजय कुमार शीर्ष पर रहरे। इस तीन माह की लंबी प्रतियोगिता में सिंगापुर के स्कूलों के सौ से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
हिंदी प्रेरणा पुरस्कार और ग्लोबल हिंदी संगठन की संस्थापक ममता मंडल ने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा और संस्कृति से जोड़ना है।