Thursday, December 5, 2024
spot_img
Homeमनोरंजन जगतभव्य समापन समारोह के साथ सम्पन्न हुआ 55वां इफ्फी

भव्य समापन समारोह के साथ सम्पन्न हुआ 55वां इफ्फी

28 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित इफ्फी 2024 में रिकॉर्ड संख्या में शामिल हुए प्रतिनिधि

फिल्म बाज़ार में अब तक के सर्वाधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की और इसमें 500 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार होने का अनुमान, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है

हाउसफुल मास्टरक्लास तथा अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा और भारतीय पैनोरमा की स्क्रीनिंग

जैसे सभी अच्छी चीजों का अंत अवश्य होता है, भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी)  2024 का भी गोवा के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में 28 नवंबर, 2024 को समापन हो गया, लेकिन निश्चित रूप से सिनेमा के जादू और कहानी कहने की भावना का जश्न मनाने तथा भविष्य के फिल्म निर्माताओं के लिए कई रास्ते खोलने के अपने स्थायी प्रभाव के साथ। इफ्फी के 2024 संस्करण में 11,332 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो इफ्फी 2023 की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। 28 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों के साथ-साथ देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए।

फिल्म बाज़ार के संबंध में, प्रतिनिधियों की संख्या बढ़कर 1,876 हो गई, जो पिछले साल के 775 से काफी ज़्यादा है। विदेशी प्रतिनिधियों ने 42 देशों का प्रतिनिधित्व किया। इस साल फिल्म बाज़ार में व्यापार अनुमान 500 करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 15 उद्योग भागीदारों वाला टेक पैवेलियन भी प्रतिभागी प्रतिनिधियों के लिए एक दिलचस्प घटक रहा। उद्योग भागीदारों से 15.36 करोड़ रुपये का प्रायोजन प्राप्त हुआ।

उद्घाटन और समापन समारोह में भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा दोनों का जश्न मनाते सितारों की भव्य मौजूदगी और प्रस्तुतियों की धूम रही। उद्घाटन समारोह में शताब्दी समारोह और भारतीय सिनेमा की समृद्ध विविधता के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया । समापन समारोह में संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों के साथ ही साथ असाधारण उपलब्धि हासिल करने वालों को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें फिलिप नॉयस को दिया गया सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और विक्रांत मैसी को दिया गया इंडियन फिल्म पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवार्ड शामिल है।

समापन समारोह: विक्रांत मैसी को वर्ष का इंडियन फिल्म पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवार्ड प्रदान किया गया

अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा
इफ्फी में अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा 189 फिल्मों का क्यूरेटेड चयन था, जिसे 1,800 से अधिक प्रस्तुतियों में से चुना गया। लाइनअप में 16 विश्व प्रीमियर, 3 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर, 44 एशिया प्रीमियर और 109 भारतीय प्रीमियर शामिल रहे।

महोत्सव के दौरान 81 देशों की फिल्में प्रदर्शित की गईं, जिनमें विभिन्न संस्कृतियों, मतों और दृष्टिकोणों की छाप देखने को मिली। प्रतिस्पर्धी खंड भी बेहद रोमांचकारी रहे। इनमें 15 फिल्मों ने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता पुरस्कार के लिए, 10 ने आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पदक खंड और 7 ने निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर फिल्म श्रेणी के लिए प्रतिस्पर्धा की।

ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख ( फोकस) देश होने के कारण इस महोत्सव में एक विशिष्ट भावना जुड़ गई, जिसमें स्क्रीन ऑस्ट्रेलिया के साथ करार की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई सिनेमा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखने को मिला। महोत्सव की शुरुआत माइकल ग्रेसी द्वारा निर्देशित ऑस्ट्रेलियाई फिल्म बेटर मैन की स्क्रीनिंग के साथ हुई।

लिथुआनियाई फिल्म ‘टॉक्सिक’ ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का स्वर्ण मयूर पुरस्कार जीता तथा रोमानियाई फिल्म ‘ए न्यू ईयर दैट नेवर केम’ ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का रजत मयूर पुरस्कार जीता।

उद्घाटन फिल्म बेटर मैन के कास्ट एंड क्रू रेड कार्पेट पर सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू और महोत्सव निदेशक शेखर कपूर के साथ

शानदार प्रीमियर और रेड कार्पेट

अंतरराष्ट्रीय खंड, भारतीय पैनोरमा, गोवा खंड और बियॉन्ड इंडियन पैनोरमा के 100 से ज़्यादा रेड कार्पेट इवेंट आईनॉक्स पंजिम में दिखाए गए।

भारतीय पैनोरमा
इस वर्ष, भारतीय पैनोरमा 2024 के अंतर्गत अपनी सिनेमाई उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित 25 फीचर फिल्मों और 20 गैर-फीचर फिल्मों का चयन किया गया। चयन प्रक्रिया भारत भर के सिनेमा जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों के एक पैनल द्वारा आयोजित की गई, जिसमें फीचर फिल्मों के लिए बारह जूरी सदस्य और गैर-फीचर फिल्मों के लिए छह जूरी सदस्य थे, जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व उनके संबंधित अध्यक्ष ने किया। देश भर की युवा फिल्म निर्माण प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए एक नया पुरस्कार शुरू किया गया, जो इफ्फी की थीम ‘युवा फिल्म निर्माताओं’ के अनुरूप है। निर्देशक को प्रमाण पत्र और 5 लाख रुपये के नकद पुरस्कार के लिए कुल 102 फिल्मों ने इसमें प्रतिस्पर्धा की। जिनमें से समापन समारोह में नवज्योत बांदीवाडेकर को ‘घराट गणपति’ के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इफ्फी की थीम ‘यंग फिल्म मेकर्स : द फ्यूचर इज नाओ’ पर केंद्रित रही
इफ्फी  की थीम सूचना एवं प्रसारण मंत्री के दृष्टिकोण से रचनात्मकता के भविष्य को आकार देने में युवाओं की क्षमता को मान्यता देते हुए “युवा फिल्म निर्माताओं” पर केंद्रित रही। क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो मंच की पहल को पिछले संस्करणों में 75 से बढ़ाकर 100 युवा प्रतिभाओं को समर्थन देने के लिए बढ़ाया गया। मंत्रालय द्वारा देशभर के विभिन्न फिल्म स्कूलों से लगभग 350 युवा फिल्म छात्रों को इफ्फी  में भाग लेने के लिए सुविधा प्रदान की गई। देश भर में युवा फिल्म निर्माण प्रतिभाओं को सम्मानित करने  के लिए एक नया खंड और सर्वश्रेष्ठ नवोदित भारतीय निर्देशक का पुरस्कार स्थापित किया गया। मास्टरक्लास, पैनल चर्चा, फिल्म बाजार और फिल्म पैकेज सभी युवा रचनाकारों के लिए तैयार किए गए। युवाओं की भागीदारी और जुड़ाव बढ़ाने के लिए इफ़िएस्टा– एक एंटरटेनमेंट जोन शुरू किया गया।

इफिएस्टा

जोमैटो के साथ मिलकर इफिएस्टा ने “डिस्ट्रिक्ट” नामक एक जीवंत एंटरटेनमेंट जोन बनाया, जिसमें फूड स्टॉल और विशेष रूप से क्यूरेटेड प्रदर्शनों का एक अनूठा मिश्रण पेश किया गया। इनमें व्हेन चाय मेट टोस्ट और असीस कौर के अभिनय शामिल थे। इस जोन का मुख्य आकर्षण सफरनामा नामक एक क्यूरेटेड प्रदर्शनी थी, जिसमें भारतीय फिल्म निर्माण के समृद्ध इतिहास को दिखाया गया। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा एक विशेष अनुभव जोन  ने उपस्थित लोगों को शानदार अनुभव प्रदान किया, जिन्होंने इसे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बना दिया। 6000 छात्रों सहित कुल 18,795 आगंतुकों ने इफिएस्टा का आनंद लिया।

नवंबर 2024 में आयोजित 55वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) एक ऐतिहासिक उत्सव रहा, जिसमें भारतीय सिनेमा की चार महान हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई: अक्किनेनी नागेश्वर राव (एएनआर), राज कपूर, मोहम्मद रफ़ी और तपन सिन्हा। उनकी शानदार विरासत की शताब्दी को चिह्नित करते हुए महोत्सव ने अद्वितीय योगदान को सावधानीपूर्वक क्यूरेट किए गए कार्यक्रमों, डाक टिकट, स्क्रीनिंग और प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रस्तुत किया।

इफ्फी 2024 में एनएफडीसी – नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया द्वारा सूचना और प्रसारण मंत्रालय की पहल पर  राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत रिस्टोर्ड क्लासिक्स खंड में प्रस्तुत एनएफडीसी-एनएफएआई द्वारा फिल्मों की डिजिटल बहाली को दिखाया गया। यह खंड भारतीय सिनेमा के संरक्षण में एनएफडीसी-एनएफएआई के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डालता है, जो इसके डिजिटलीकरण और बहाली कार्य पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रदर्शित की गई उल्लेखनीय फिल्मों में शामिल हैं:

1. कालिया मर्दन (1919),-दादा साहब फाल्के की यह मूक फिल्म विशेष लाइव साउंड के साथ फिल्मायी गई जो दर्शकों को बहुत पसंद आई।

2. शताब्दी के लिए:

राज कपूर की आवारा (1951)

एएनआर की देवदासु (1953)

हम दोनो (1961) रफी के गीतों सहित

तपन सिन्हा की हारमोनियम’ (1975)

3. सत्यजीत रे की सीमाबद्धा (1971)

इफ्फी  के 2024 संस्करण में प्रतिभागियों का प्रभावशाली चयन हुआ। इस बार फिल्म निर्माण की 13 श्रेणियों में भारत के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) से 1,070 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से कुल 100 प्रतिभागियों को चुना गया, जिनमें 71 पुरुष और 29 महिलाएं शामिल थीं (2023 में 16 महिला प्रतिभागियों की तुलना में  उल्लेखनीय वृद्धि)। इन प्रतिभागियों ने 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व किया, जो कार्यक्रम में विविध प्रकार के मत और अनुभव लेकर आए।

महोत्सव के दौरान, 10 प्रतिभागियों की टीमों द्वारा 48 घंटों के भीतर पांच लघु फ़िल्में बनाई गईं। इन फिल्मों में हिंदी में गुल्लू (निर्देशक: अर्शाली जोस), कोंकणी और अंग्रेजी में द विंडो (निर्देशक: पीयूष शर्मा), अंग्रेजी में वी कैन हियर द सेम म्यूजिक (निर्देशक: बोनिता राजपुरोहित), अंग्रेजी में लवफिक्स सब्सक्रिप्शन (निर्देशक: मल्लिका जुनेजा) और हिंदी/अंग्रेजी में हे माया (निर्देशक: सूर्यांश देव श्रीवास्तव) शामिल हैं। इन फिल्मों का चयन एक ग्रैंड जूरी द्वारा किया गया, जिसमें निम्नलिखित विजेता रहे : सर्वश्रेष्ठ फिल्म – गुल्लू (अर्शाली जोस), प्रथम रनर-अप – वी कैन हियर द सेम म्यूजिक (बोनिता राजपुरोहित), सर्वश्रेष्ठ निर्देशक – अर्शाली जोस (गुल्लू), सर्वश्रेष्ठ पटकथा – अधिराज बोस (लवफिक्स सब्सक्रिप्शन), सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री – विशाखा नाइक (लवफिक्स सब्सक्रिप्शन), और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता – पुष्पेंद्र कुमार (गुल्लू)।

सीएमओटी जूरी सदस्यों की उपस्थिति में सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू, सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा सीएमओटी का उद्घाटन

क्रिएटिव माइंड्स के प्रतिभागियों ने एक प्रतिभा शिविर में भी हिस्सा लिया, जिसके परिणामस्वरूप उभरते फिल्म निर्माताओं को 62 प्रस्ताव दिए गए। इस नई प्रक्रिया ने महत्वपूर्ण दिशा और अवसर प्रदान किए, जिससे भारतीय सिनेमा में नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए रंगमंच की दृढ़ता को बल मिला।

मास्टर क्लास

इफ्फी ने 7 दिन के दौरान, 30 मास्टरक्लास, इन-कन्वर्सेशन और पैनल चर्चाओं की मेजबानी की, जिसमें सिनेमा की दुनिया की जानी-मानी हस्तियां शामिल हुई। जानी-मानी हस्तियों में फिलिप नॉयस, जॉन सील, रणबीर कपूर, ए.आर. रहमान, क्रिस किर्शबाम, इम्तियाज अली, मणि रत्नम, सुहासिनी मणि रत्नम, नागार्जुन, फारुख धोंडी, शिवकार्तिकेयन, अमीश त्रिपाठी और कई अन्य शामिल थे।

22 नवम्बर को आयोजित मणिरत्नम के सत्र में 89 प्रतिशत उपस्थिति के साथ सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि रणबीर कपूर के सत्र में 83 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई।

छात्र फिल्म निर्माता कार्यक्रम

युवा फिल्म निर्माता कार्यक्रम में कुल 345 छात्रों ने भाग लिया, जिसमें 13 प्रसिद्ध फिल्म स्कूलों जैसे एफटीआईआई, एसआरएफटीआई, एसआरएफटीआई अरुणाचल प्रदेश, आईआईएमसी और अन्य राज्य सरकार और निजी संस्थानों के 279 छात्र शामिल थे। इसके अलावा, पूर्वोत्तर राज्यों के 66 छात्रों और युवा फिल्म निर्माताओं को कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए चुना गया।

पीआईबी को देशभर से मीडिया मान्यता के लिए करीब 1,000 आवेदन प्राप्त हुए और इफ्फी की कवरेज के लिए 700 से अधिक पत्रकारों को मान्यता दी गई। जिन पत्रकारों ने रुचि दिखाई, उन्हें एफटीआईआई के सहयोग से फिल्म को समझने और उसका विश्लेषण करने संबंधी एक दिवसीय पाठ्यक्रम की पेशकश की गई।

आईएफएफआई 2024 को कई प्लेटफ़ॉर्म पर व्यापक मीडिया कवरेज मिला, जिससे इस आयोजन को व्यापक रूप से लोगों तक पहुंचाया जा सका। अकेले प्रिंट मीडिया में, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, मिडडे, इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदू और अन्य सहित प्रमुख राष्ट्रीय प्रकाशनों में 500 से अधिक लेख प्रकाशित हुए, जिससे इस उत्सव के महत्व पर और अधिक प्रकाश डाला गया।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर, बॉलीवुड हंगामा, पिंकविला जैसी प्रमुख मनोरंजन वेबसाइटों और लाइवमिंट और इकोनॉमिक टाइम्स जैसे व्यवसाय-केन्द्रित प्लेटफॉर्म पर 600 से अधिक ऑनलाइन लेख देखने को मिले। इसके अतिरिक्त, इफ्फी की पहुंच बढ़ाने के लिए MyGov के माध्यम से 45 सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर को शामिल किया गया, जिससे विभिन्न डिजिटल स्पेस पर उत्सव के बारे में जीवंत चर्चा हुई।

पीआईबी ने बाहर के 26 देशों के आधिकारिक हैंडल से अंग्रेजी और छह विदेशी भाषाओं में सामग्री वितरण की सुविधा भी प्रदान की है। ऐसा विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, आईएफएफआई ने वैरायटी और स्क्रीन इंटरनेशनल के साथ साझेदारी की, तथा अपने वैश्विक ग्राहकों को तीन ई-दैनिक समाचार पत्र भेजे, जिससे महोत्सव की वैश्विक उपस्थिति और मजबूत हुई।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार