बच्चों , उदयपुर घूमने के लिए राजस्थान का खूबसूरत शहर है। प्रकृति की सुंदरता के साथ चारों तरफ अरावली पर्वत की चोटियों के बीच मन मोहक झीलों के इस शहर को ” राजस्थान का कश्मीर “झीलों का नगर ” और ” पूर्व का वेनिस” कहा जाता है। साल भर बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक यहां घूमने आते हैं।
बच्चों के मनोरंजन और ज्ञान वर्धन के लिए कई दर्शनीय स्थल हैं। करणी माता मंदिर और नीमच माता मंदिर जाने के लिए रोपवे से जाते और आते समय प्रकृति के दृश्य बच्चों को खूब भाते हैं। यहीं पर झील के किनारे ऊंट और घोड़ों की सवारी का भी आनंद लेते हैं। सहेलियों की बाड़ी उद्यान में हाथी की सूंड और घूमती चिड़िया की चोंच तथा कई अन्य प्रकार के फव्वारों की निराली दुनिया एवं सुखाड़िया सर्किल के फव्वारें और यहां बच्चें जब कई प्रकार की खिलौना बोट में जल क्रीड़ा करते हैं और ऊंट घोड़ों पर बैठ कर घूमते हैं तो आनंद की सीमा नहीं रहती।
सर्प के आकर की फतेहसागर झील में बोट की सवारी कर झील के मध्य में बने नेहरू उद्यान जाने से खूब मनोरंजन होता है। झील के एक तरफ स्थित मोती मगरी पर मनभावन उद्यान, महाराणा प्रताप स्मारक, इनके भील सेनापतियों की मूर्तियां और पुराने महलों के खंडहर दर्शनीय है।
सज्जन निवास बाग जिसे गुलाब बाग भी कहते हैं में बच्चें चिड़ियाघर में विभिन्न प्रकार के पशु – पक्षी देखने के साथ – साथ टॉय ट्रेन से सवारी का भी खूब मजा लेते हैं। पिछोला झील के किनारे बनी बागोर की हवेली के संग्रहालय में कई आकर-प्रकार और डिजाइन की पगड़ियों और 500 से अधिक देश-विदेश की कठपुतलियों का संग्रह देख बच्चें आश्चर्य में पड़ जाते हैं। सिटी महल के समीप एक से पुरानी विंटेज कारों का संग्रह और फतेहप्रकाश महल में आलीशान झूमर देखते ही बनते हैं। सिटी महल में महाराणा प्रताप चौंक और कांच की मोहक कारीगरी में नाचते मोरों का चौंक के साथ महल बच्चों को यहां के इतिहास से परिचय करता है। महल के पास ही जगदीश चौंक में जगदीश मंदिर की कारीगरी देखते ही बनती है।
प्राचीन संस्कृति की विभिन्न परम्पराओं से परिचय कराते लोक कला संग्रहालय में जब बच्चें नाचती कठपुतलियों का शो देखते हैं तो हर्षित हो उठते हैं। शिल्पग्राम में आदिवादियों के जीवन से जुड़ी वस्तुओं का संग्रहालय आदिवासियों के बारे में तथा आहड़ का संग्रहालय इस क्षेत्र की पुरातत्व सामग्री से बच्चों का ज्ञानवर्धन करते हैं। पास में बनी हैं कारीगरीपूर्ण राजाओं की समाधि छतरियां।
एक पहाड़ी पर बना मानसून महल जो सज्जनगढ़ के नाम से प्रसिद्भ है ऐतिहासिक और रोमांचक स्थल है। चारों तरफ पहाड़ियों के बीच ऊंचाई पर बने इस महल से शहर का नज़ारा भव्य और खूबसूरत दिखाई देता है। गर्मियों में भी यहां आती ठंडी हवा मन को शांति देती है। इस पहाड़ी की तलहटी में विकसित अभयारण्य में खुले में वन्यजीवों को देखना एक रोमांचक अनुभव होता है। शहर में बोहरा गणेश मंदिर की बड़ी मान्यता है। यहां के निवासी जो दूर देश में बस गए है यहां दर्शन करने आते हैं। महाकाल मंदिर भी यहां का प्रमुख मंदिर है। उदयपुर देश के प्रमुख शहरों से हवाई, रेल और बस सेवाओं से जुड़ा है। पूरे वर्ष में कभी भी उदयपुर घूमने जा सकते हैं।
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डॉ. प्रभात कुमार सिंघल
लेखक एवं पत्रकार, कोटा