Saturday, November 23, 2024
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सुरेश प्रभु के मुरीद हुए मोदीजी और नीतिश कुमार

आखिरी वक्त में अगर ट्रेन से लंबी दूरी की यात्रा करने की मजबूरी हो जाए तो आने वाले दिनों में मुश्किल खत्म होने वाली है। अब हर ट्रेन में ऐसे डिब्बे होंगे जिनमें जल्दीबाजी में यात्रा करने को मजबूर लोग सवार हो सकते हैं। इसकी घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब हर ट्रेन के पीछे दो-चार ऐसे डिब्बे रहेंगे जिसमें आखिरी वक्त में भी लोग चढ़कर जहां चाहें जा सकते हैं।

बिहार के दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन करने के बाद हाजीपुर में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने रेलवे के चहुंमुखी विकास और आधुनिकीकरण का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में रेलवे बहुत पुराना है, लेकिन अगर इसे पुराना ही रहने दिया जाएगा तो यह बोझ बन जाएगा। पीएम ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु की तारीफ करते हुए उन्हें इनोवेटिव करार दिया।

मोदी ने कहा कि सुरेश प्रभु देश-विदेश के एक्सपर्ट्स से बात कर हमेशा इसी माथापच्ची में लगे रहते हैं कि रेलवे का कायाकल्प कैसे किया जाए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बहुत जल्द रेलवे की दशा बदल जाएगी और यह पूरी तरह आधुनिक हो जाएगा। पीएम ने कहा कि रेलवे ना केवल यातायात का साधन है बल्कि यह किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने का भी जरिया है।

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने दीघा व मुंगेर रेल पुल के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि रेलवे की तीन परियोजनाएं बिहार की तस्वीर बदलकर रख देंगी। तीनों महासेतु के बनने से उत्तर बिहार व दक्षिण बिहार की दूरी सिमट कर रह जाएगी। वर्तमान की केंद्र सरकार पिछले 18 महीनों में जितना काम कर चुकी है, पिछले कई वर्षों में उतना काम नहीं हुआ।

उन्होंने कहा, 2013-14 के बजट में बिहार को विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए मात्र 1244 करोड़ रुपये दिए गए थे। पिछले रेल बजट में बिहार के विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए 2469 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस बार के रेल बजट में 3171 करोड़ रुपये दिए गए हैं जो पिछले बजट से 29 फीसद अधिक है।

रेलमंत्री ने कहा कि दीघा रेल पुल के लिए वर्ष 2009-14 के बीच मात्र 675 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि वर्तमान सरकार ने महज 18 महीनों में ही इस पुल के लिए 740 करोड़ रुपये देकर इसका निर्माण कार्य पूरा करा दिया।

रेलमंत्री ने कहा कि मुंगेर रेल पुल के लिए भी लोग 14 वर्ष से इंतजार कर रहे थे। पिछले पांच वर्षों में मात्र 549 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि पिछले डेढ़ वर्ष में मुंगेर रेल पुल के लिए 516 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

रेलमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत दिलचस्पी के कारण ही रेल परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सका।

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