‘भारतीय जनता पार्टी के लिए असम राज्य एक कठिन पहेली है। ऐसी कोई गारंटी नहीं है कि हम जीत रहे हैं। क्या तुम फिर भी वहां जाना चाहोगे?’ अमेरिका से लौटने के दो महीने बाद ही 30 वर्षीय रजत सेठी से भाजपा के महासचिव राम माधव ने यह बात पूछी थी।
इसके बाद रजत ने कोई और बात पूछे बिना ही नई दिल्ली से गुवाहटी चले गए। भाजपा के लिए चुनावी रणनीति तैयार की और आज परिणाम आपके सामने हैं। आज भाजपा के लिए नए ‘प्रशांत किशोर’ बनके उभरे रजत सेठी के लिए सबकुछ आसान नहीं था। पर रजत ने बताया कि सर्बानंद सोनोवाल की साफ छवि, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हिमांता बिस्वा सरमा और जिस तरह से सामाजिक ताना-बाना समुदायों और जनजातियों के बीच बुना गया, वहीं हमारी जीत की सबसे बड़ी वजह बना।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस जीत में रजत का साथ दिया 28 वर्षीय शुभ्रस्था ने जो इससे पहले प्रशांत किशोर के साथ गांधीनगर में काम कर चुकी थीं। शुभ्रस्था सिटीजन फॉर एकाउंटेबेल गर्वनेंस की सह-संस्थापक हैं। इन्होंने वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी की लोकसभा चुनावों में हुई जीत में भी अहम भूमिका निभाई थी। बाद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के लिए चुनावी रणनीति तैयार करने का काम भी किया था।
रजत सेठी ने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया और इसके बाद अमेरिका में एमआर्इटी व हार्वर्ड केनेडी स्कूल से पढ़ाई की। वहीं शुभ्रस्था दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज से पासआउट हैं।
रजत सेठी जुलाई 2015 में अमेरिका से लौटे थे। रजत और शुभ्रस्था ने मिलकर असम में भाजपा के प्रचार की कमान संभाली। उनका कहना है कि वे भाड़े पर काम करने के बजाय विचारधारा से प्रभावित राजनीतिक उद्यमी के तौर पर काम करते हैं। यही बात उन्हें प्रशांत किशोर से अलग करती है। रजत सेठी ने कहा कि मैं बाजार की ताकतों से नहीं बल्कि विचारधारा के अनुसार चलता हूं।
वहीं शुभ्रस्था का कहना है यदि मुझे 1000 करोड़ रुपये भी ऑफर किए जाए तो भी मैं कांग्रेस के लिए काम नहीं करूंगी। रजत सेठी उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्कूल शिशु मंदिर में हुई। इसके बाद आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया।
अमेरिका से पढ़ाई के बाद उन्होंने एक आईटी कंपनी भी शुरू की जिसे बाद में बेच दिया।
असम भाजपा के संयोजक राम माधव ने रजत सेठी को 32 जिलों और 25000 बूथ पर लोगों को एकजुट करने का काम सौंपा। इसके लिए गुवाहाटी में फ्लैट किराए पर लिया। यहीं पर भाजपा का वार रूम बना। सेठी ने बताया कि हमने सब कुछ सूक्ष्म स्तर पर किया। सोचिए भाजपा के पास केवल पांच विधायक थे लेकिन अमित शाह और माधव कहते रहते थे कि हम अगली सरकार बना सकते हैं। सेठी और शुभ्रस्था ने असम के राजनीतिक माहौल को समझने के लिए कंप्यूटर और मोबाइल सॉफ्टवेयर की मदद ली। इसके बाद 400 युवाओं को तैयार किया।
सेठी ने बताया कि कांग्रेस ने गोधरा ट्रेन और पीडि़त कुतुबुद्दीन अंसारी की फोटो लगाकर गलती की। उसने यह दिखाना चाहा कि यह मोदी का गुजरात मॉडल है। यह पैंतरा काम नहीं आया। लोग गुजरात दंगों से नहीं जुड़े। उन्होंने कहा कि जब हमने सच जानना चाहा तो सामने आया कि भाजपा और एजीपी के बीच सही संयोजन नहीं है लेकिन अमित शाह ने गठबंधन किया। भाजपा ने कई और तरकीबें भी आजमाई। उन्होंने भूपेन हजारिका की कविताओं से लोगों को जोड़ा। तरुण गोगोई पर सीधे हमला नहीं बोला और हेमंत को सोनोवाल से ज्यादा रैलियां करने दीं। सेठी ने कहा कि हम संभलकर कदम उठाए। सभी नए विचारों को सबसे पहले सोशल मीडिया पर लागू किया।