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“एक स्वच्छ गोवा भारत की पर्यटन राजधानी बन सकता है”- सुश्री अमृता फडणवीस

गोआ । भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई), 2022 के अंतिम दिन की शुरुआत मीरामार बीच पर सफाई अभियान के साथ हुई। गोवा सरकार के सहयोग से दिव्यज फाउंडेशन और भामला फाउंडेशन द्वारा आयोजित क्लीन-ए-थॉन हमारे आसपास स्वच्छता संबंधी मूल्यों को स्थापित करने की एक पहल है। इसके दायरे का विस्तार न केवल गोवा राज्य के निवासियों, बल्कि पर्यटकों तक भी किया गया है।

इस कार्यक्रम की शुरुआत आज सुबह मीरामार बीच पर समुद्र तट के सफाई अभियान के साथ हुई। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पी सावंत, दिव्यज फाउंडेशन की संस्थापक सुश्री अमृता फडणवीस तथा गोवा मंत्रिमंडल के सदस्य इस अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। जैकी श्रॉफ, करण कुंद्रा जैसे बॉलीवुड अभिनेताओं और कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा ने भी क्लीन-ए-थॉन में हिस्सा लिया।

झंडी दिखाने के इस कार्यक्रम में डॉ. सावंत ने कहा, “हम लोग अपने समुद्र तटों को साफ रखते हैं, लेकिन इस पहल का उद्देश्य पर्यटकों तक भी पहुंचना है। हम गोवा को स्वच्छ और हरा-भरा तभी रख सकते हैं, जब पर्यटक जो कि गोवा की आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा हैं, वे भी इस प्रयास में शामिल हों। हम एक ब्लू इकॉनमी हैं और नदी व समुद्र के पानी को साफ रखना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि पानी को प्रदूषित न करें।” उन्होंने आगे कहा, “स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान जिसे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप लॉन्च किया गया था, उसका उद्देश्य 104 किमी लंबी गोवा की तटरेखा को स्वच्छ रखना है। छात्रों और गैर सरकारी संगठनों ने हमेशा इन मिशनों में भाग लिया है और जब पर्यटक भी इसमें शामिल होंगे तो स्वच्छता का हमारा उद्देश्य पूर्ण रूप प्राप्त कर लेगा। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के पर्यावरण लक्ष्य केवल समुद्र तटों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि राजमार्गों और नगर पालिकाओं तक भी फैले हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा, “हम एक स्वच्छ और हरित गोवा के लिए प्रतिबद्ध हैं और आगे भी बने रहेंगे।”

इस क्लीन-ए-थॉन पहल का उद्देश्य न सिर्फ जागरूकता फैलाना है, बल्कि स्वच्छता की दिशा में कार्यान्वन भी शुरू करना है। इसकी पुष्टि आज सुबह समुद्र तट पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और स्वयंसेवकों द्वारा की गई सफाई के कार्यों से होती है।

इस अवसर पर सुश्री फडणवीस ने कहा, “गोवा में अपने आसपास के परिवेश को साफ रखने की संस्कृति है। लेकिन हम जो सबक जानते हैं, उसे संशोधित करना बेहद महत्वपूर्ण है। इस दृष्टि से, इस पहल का उद्देश्य सभी को यह याद दिलाना है कि गंदगी न करें ताकि हम एक स्वस्थ समुद्री जीवन पा सकें और अपने पीछे हमारे बच्चों के लिए एक बेहतर धरती छोड़ सकें।” उन्होंने कहा कि इस अभियान का आदर्श वाक्य है, “न गंदगी करूंगा, न करने दूंगा।” उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह पहल गोवा को भारत की पर्यटन राजधानी बनाएगी।

इस कार्यक्रम में, गोवा में स्वच्छता की पहल में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं को सम्मानित भी किया गया। इस कार्यक्रम में इस पहल की भावना को रेखांकित करते हुए सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि छात्रों, गैर सरकारी संगठनों और पर्यटकों से भी गोवा को साफ रखने की दिशा में अपना योगदान देने का आग्रह किया गया।