चेन्नई. यहां के 8 वर्षीय नियाल थोगुलुवा अपने हुनर के कारण आज तमिलनाडु में ही नहीं बल्कि बल्कि देश में भी मशहूर हो रहे है। वह इतनी छोटी उम्र में 106 भाषाओं को लिख और पढ़ सकता है। इतना ही नहीं 10 भाषाओं को बोल भी सकता है। इसके लिए नियाल ने अंतरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला (इंटरनेशनल फोनेटिक अल्फाबेट- आईपीए) को भी सीखा है। आईपीए किसी भाषा की ध्वनि को उसके वास्तविक उच्चारण के साथ प्रसारित करने वाला यूनिवर्सल मानक है।
पता नहीं कैसे रुचि जागी : नियाल
नियाल कहते हैं, “मुझे पता नहीं है कि मेरी रुचि भाषाओं में कैसे शुरू हुई। मैं 106 भाषाओं को लिख और पढ़ सकता हूं। 10 भाषाओं को धाराप्रवाह बोल सकता हूं। अभी पांच नई भाषाओं को सीखने का प्रयास कर रहा हूं।” नियाल खुद ही भाषाओं को लिखते-पढ़ते और बोलते नहीं है, बल्कि अपने माता-पिता को भाषाओं के सही उच्चारण के बारे में बताते हैं।
‘एक के बाद दूसरी भाषा सीखता है’
नियाल के पिता शंकर नारायणन अपने बेटे की इस उपलब्धि और भाषाओं पर उसकी महारत से गदगद हैं। नारायणन कहते हैं कि पिछले साल ही उसकी रुचि नई भाषाओं को सीखने में बढ़ी थी। इंटरनेट और यूट्यूब की बदौलत उसने कई भाषाओं को सीखा है। वह एक भाषा पढ़ना-लिखना सीखने के बाद दूसरी की तैयारी शुरू कर देता है।
साभार- दैनिक भास्कर से