खाकी हाफ पैंट। हाथ में लाठी और सिर पर काली टोपी। यह सब अब तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयं सेवकों की पहचान रहा है। लेकिन परंपरागत पहचान से इतर आरएसएस तेजी से स्मार्ट होता जा रहा है।
शाखा में अब स्वयंसेवकों को शारीरिक कवायद के साथ-साथ मोबाइल एप्स की भी जानकारी दी जाती है। आरएसएस ने आधा दर्जन से अधिक मोबाइल एप्स लांच कर तेजी से लोगों तक पहुंच बनाने की कोशिश की है। इसमें आरएसएस मोबाइल, श्री गुरुजी, अमृत वचन, स्मरणीयम्, वंदना, प्रेरणा सुमन, अर्चना आदि प्रमुख हैं।
दरअसल, स्मार्ट फोन ने सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इसको माध्यम बनाकर आरएसएस युवा वर्ग में मजबूत पकड़ बनाने और उन्हें राष्ट्रवाद की घुट्टी पिलाने के लिए मोबाइल एप्स का सहारा ले रहा है।
आरएसएस 2014 के लोकसभा चुनाव में देखा चुका है कि संचार तकनीक के जमाने में सोशल साइट की कितनी ताकत है? आरएसएस द्वारा लांच मोबाइल एप्स में शामिल प्रेरणा सुमन में देश के महान विभूतियों के जीवन का वर्णन हैं। इसमें आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार से लेकर संघ के तमाम सर संघ चालकों की बाबत पूरी जानकारी है।
इसके साथ-साथ देश के स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों की भी जीवनी दी गई है। श्री गुरुजी, संघ के द्वितीय सरसंघ चालक माधव सदाशिव राव गोलवलकर का जीवन प्रसंग है। इसी तरह आरएसएस मोबाइल, शाखाओं की लोकेशन बताता है। अमृत वचन हिंदुत्व की अवधारणा से भरा पड़ा है तो वंदना में मंत्र और उनका हिंदी अनुवाद है।
स्मरणीयम् में दोहा, श्लोक आदि हैं, जबकि अर्चना में शाखा गीतों की श्रृखंला है। एप्स लांच होने के बाद युवाओं में काफी लोकप्रिय हुआ है। संघ के स्वयंसेवक एंड्रायड फोन पर डाउनलोड कर एप्स से लाभान्वित हो रहे हैं।
साभार- http://naidunia.jagran.com/ से