रेलवे सिग्नलों में खराबी के कारण होने वाले हादसों में कमी लाने के लिए अब रेलवे ट्रेन के इंजन में कम्प्यूटराइज्ड डिवाइस लगाएगा। यह सिस्टम 200 से 300 मीटर पहले ही ड्राइवर को अलर्ट कर देगा। इसके अलावा आपातकालीन स्थिति में ड्राइवर के द्वारा यदि निर्धारित समय तक ट्रेन संचालन में कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी तो एक निश्चित समय बाद ट्रेन अपने आप रुक जाएगी।
डिवाइस ट्रायल इसी महीने के अंत से उत्तर रेलवे में शुरू किया जाएगा। यहां सफल होने के बाद इसे पश्चिम रेलवे की ट्रेनों में भी लगाया जाएगा। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन के अधिकारी के अनुसार डिवाइस का ट्रायल कर लिया है। पहले कुछ ट्रेनों में इसका ट्रायल किया जाएगा। रेलवे ने ड्राइवर, गार्ड सहित अन्य रेल कर्मचारियों से ही सिग्नल और आपातकाल में आने वाली समस्या के निराकरण के संबंध में सुझाव मांगे थे। इसी कड़ी में यह ऑटोमेटिक डिवाइस लगाने का सुझाव रेलकर्मियों ने दिया था। सिस्टम को रेल इंजन में लगने के बाद ड्राइवर को आने वाले सिग्नलों की जानकारी मिलेगी। डिवाइस को ड्राइवर गार्ड के वॉकी-टॉकी से भी जोड़ा जाएगा।