भारतीय सेना की दक्षिणी कमान की एयर डिफेंस ब्रिगेड इन दिनों रेगिस्तान में अपनी क्षमता को परख रही है ।रूस द्वारा निर्मित कब मिसाइल लंबे समय से भारतीय सेना के पास में है ।दुश्मन किसी भी मिसाइल फाइटर जेट को हवा में ही तबाह करने में यह मिसाइल पूरी तरह सक्षम है ।करीब छह मीटर लंबी यह मिसाइल जमीन से हवा में 24 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के किसी भी विमान या मिसाइल को तबाह कर जमीनी सेना को हवाई सुरक्षा कवच प्रदान करती है । ध्वनि की रफ्तार से करीब तीन गुना तेज रफ्तार के साथ जमीन से हवा में अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।कोणार्क कोर के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मन्हास भी इस अभ्यास का जायजा ले चुके है ।
थार के रेगिस्तान में इन दिनों भारतीय सेना की कब मिसाइल की गूंज सुनाई पड़ रही है । दक्षिणी कमान की ओर से जारी एक बयान कहा गया है कि रेगिस्तान में जारी इस अभ्यास के दौरान यह मिसाइल अपने सभी पैरामीटर पर पूरी तरह से खरी उतरी है।तेजी से आगे बढ़ती पैदल सेना को हवाई सुरक्षा प्रदान करने में इस ब्रिगेड का अहम रोल रहा है । ऐसे में समय- समय पर यह अपनी क्षमता को जांचती व परखती रहती है । इस कड़ी यह युद्धाभ्यास चल रहा है ।
कब मिसाइल करीब 630 किलोग्राम वजनी होती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे पोर्टेबल प्लेटफार्म से दागा जा सकता है । इस प्लेटफार्म में रडार भी लगा होता है । इस रडार की सहायता से दुश्मन के विमान को करीब सत्तर किलोमीटर की दूरी से पहचाना जा सकता है । इसे सिर्फ पांच मिनट के भीतर रडी टू फायर पोजिशन में लाया जा सकता है । इसका रेस्पॉस टाइम भी सिर्फ 24 सैकंड है । ध्वनि के दो गुना तेज रफ्तार इसे बेहद घातक बना देती है । यह मिसाइल एक साथ दो लक्ष्य पर प्रहार कर सकती है । दुश्मन की ओर पलक झपकते बढ़ती यह मिसाइल एक अलग ही रोमांच का अहसास कराती रही है ।