केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कल रण क्षेत्र स्थित सरदार पोस्ट में हुए 1965 भारत-पाक महायुद्ध के दौरान सीआरपीएफ के जवानों की वीरता और बलिदान का चित्रण करने वाली ग्राफिक पुस्तिका का आज विमोचन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के हॉट स्प्रिंग एवं अन्य क्षेत्रों में बचाव और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की भूमिका की सराहना की। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा दिखाए गए पराक्रम और त्याग की भी सराहना की। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ कर्मियों के बहादुरीपूर्ण प्रयासों की बदौलत ही नक्सल प्रभावित राज्यों में इस तरह की घटनाओं में 35 फीसदी तक की कमी आई है।
09 अप्रैल 1965 में कछ के रण क्षेत्र स्थित सरदार पोस्ट पर सीआरपीएफ की दो टुकड़ियों ने मोर्चा संभाला और पाकिस्तान की पैदल सेना द्वारा किए गए हमले का करारा जवाब दिया। सीआरपीएफ द्वारा की गई इस जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तानी सेना को भारी क्षति पहुंची। इसमें 2 अधिकारियों सहित 34 पाकिस्तानी सैनिकों को जान गंवानी पड़ी। चार पाकिस्तानी सैनिकों को जेल में डाल दिया गया। छह सीआरपीएफ कर्मियों को भी देशहित में अपना बलिदान देना पड़ा।
सीआरपीएफ ने जवानों की वीरता और बलिदान की कहानी चित्रों के माध्यम से वर्णित करने वाली ग्राफिक पुस्तिका की श्रंखला प्रकाशित करने की योजना बनाई। इसका उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना पैदा करना और सीआरपीएफ के अनछुए अभिनेताओं के शौर्य और बलिदान के प्रति लोगों को सजग करना है। सीआरपीएफ ने इन पुस्तकों को बेचकर राशि इकट्ठा करने की योजना भी बनाई है, जिसे शहीदों के परिवारों के कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा।